मऊ : फर्जी दस्तावेजों और कूट रचना के आधार पर जिले के प्राथमिक विद्यालयों में नौकरी हथियाने वालों के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग ने मोर्चा खोल दिया गया है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री लगाकर वर्ष 2005 में नियुक्त तीन हेडमास्टर व एक सहायक अध्यापक सहित चार को बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी ने बर्खास्त करते हुए खंड शिक्षा अधिकारियों को इनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है। बीएसए की इस कार्रवाई से कूटरचना कर नौकरी कर रहे शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी ने बताया कि पिछले दिनों व्यक्तिगत उनके नाम से एक गोपनीय पत्र प्राप्त हुआ। इस पत्र में फतेहपुर मंडाव शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत तीन शिक्षकों व मुहम्मदाबाद गोहना शिक्षा क्षेत्र में नियुक्त एक शिक्षक की डिग्री फर्जी होने की शिकायत की गई थी। कहा कि इस शिकायत को लेकर जब गंभीरता से इसका सत्यापन कराया गया तो सत्यापन में विश्वविद्यालय ने इनकी डिग्रियों को फर्जी करार दे दिया। फतेहपुर मंडाव शिक्षा क्षेत्र के मूड़ाडार मनियार प्राथमिक विद्यालय में 24 दिसंबर 2005 से कार्यरत प्रधानाध्यापक हरींद्र कुमार की संपूर्णानंद की शास्त्री व शिक्षा शास्त्री, इसी शिक्षा क्षेत्र के प्रावि दरौधा माधवपुर के हेडमास्टर ओमप्रकाश भारती की शास्त्री एवं शिक्षा शास्त्री, उच्च प्राथमिक विद्यालय दरौधा माधवपुर के सहायक अध्यापक जयराम यादव की शास्त्री एवं शिक्षा शास्त्री तथा मुहम्मदाबाद गोहना शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय कुतुबपुर के प्रधानाध्यापक अश्वनी कुमार यादव की उत्तर मध्यमा एवं शास्त्री की डिग्री सत्यापन में फर्जी प्रमाणित हुई है। बीएसए ने बताया कि चारों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करते हुए संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों को इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है।