पंचायत चुनाव अप्रैल-मई में होने के आसार बढ़े, जानिए क्या है वजह
उत्तर प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव अब अगले साल अप्रैल-मई में होने के आसार बढ़ गये हैं। बीते शुक्रवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतों की मतदाता सूची के पुनरीक्षण और उसके बाद उसके फाइनल ड्राफ्ट के प्रकाशन की जो नयी समय सारिणी जारी की है उसके मुताबिक वोटर लिस्ट का फाइनल ड्राफ्ट 22 जनवरी को प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद ही चुनाव की तैयारियां जोर पकड़ेंगी। चूंकि फरवरी और मार्च में शिक्षण संस्थाओं की वार्षिक परीक्षाएं होंगी और मार्च में होली का त्योहार, उसके बाद गेहूं व अन्य फसलों की कटाई शुरू होनी है इसलिए पंचायत चुनाव अप्रैल-मई में ही कराने के आसार बढ़ गये हैं।
अभी तक प्रदेश सरकार की तरफ से पंचायतों के पुनर्गठन, आंशिक परिसीमन, वार्डों के आरक्षण आदि की प्रक्रिया भी पूरी नहीं की जा सकी है इसलिए राज्य निर्वाचन आयोग यह प्रक्रिया पूरी होने के इंतजार में है। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज सिंह की ओर से बीते 2 दिसम्बर को जारी शासनादेश के अनुसार 49 जिलों में आंशिक परिसीमन की प्रक्रिया 4 दिसम्बर से शुरू होकर 2 जनवरी तक चलेगी। 3 से 6 जनवरी के बीच नये सिरे से निर्धारित पंचायतों और उनके वार्डों का प्रकाशन किया जाएगा। आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने बताया कि वोटर लिस्ट पुनरीक्षण की इस नयी समय सारिणी से उन मतदाताओं को वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाने के अब दो अवसर मिलेंगे जो आगामी पहली जनवरी को 18 साल की उम्र पूरी कर रहे हैं।
इन वोटरों को 22 जनवरी को वोटर लिस्ट के फाइनल ड्राफ्ट के प्रकाशन से पहले का समय तो मिलेगा ही उसके बाद 22 जनवरी से चुनाव की अधिसूचना जारी होने तक के बीच की अवधि में भी ऐसे वोटरों को और अन्य छूटे हुए वोटरों को अपना नाम जुड़वाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए आयोग की वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन करने के लिए जल्द ही निर्णय लिया जाएगा, उसके बाद आयोग की वेबसाइट पर नाम जुड़वाने के लिए आवेदन करने के बाबत विण्डो खोली जाएगी।