ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायतों का नए सिरे से होगा आरक्षण, पंचायतीराज निदेशालय ने शासन को भेजा फॉर्मूला, एससी-ओबीसी की पिछली बार की आरक्षित सीटें जाएंगी बदल
यूपी पचायत चुनाव को लेकर बड़ी खबर, पंचायतीराज मंत्री ने बताईं तारीखें, आरक्षण को लेकर इस बार होगी ये व्यवस्था
UP Panchayat Chunav 2021: पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2015 में हुए यूपी पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायतों का चक्रानुक्रम आरक्षण शून्य कर के नए सिरे से आरक्षण तय किया गया गया था।
लखनऊ. UP Panchayat Chunav 2021: उत्तर प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव 15 मार्च से 7 अप्रैल के बीच हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक सरकार जल्द ही इसको लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर सकती है। यूपी के पंचायतीराज मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने भी चुनाव की तारीखों को लेकर ऐसे ही संकेत दिए हैं। उन्होंने बताया कि 15 मार्च से अप्रैल के पहले सप्ताह के बीच यूपी में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव करवा लिए जाएंगे। पंचायतीराज विभाग इसी समय सीमा के आधार पर अपनी तैयारी कर रहा है।
वहीं इससे पहले ग्राम प्रधानों का कार्यकाल खत्म होने के चलते फरवरी-मार्च में चुनाव होने की उम्मीद जताई जा रही थी। इसके साथ ही सरकार ने भी यह संकेत दिए थे कि पंचायत चुनाव बोर्ड परीक्षा से पहले करा लिये जाएंगे। जानकारी क मुताबिक आगामी 14 जनवरी को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा एक अहम बैठक भी लेने वाले हैं। जिसमें वह बोर्ड परीक्षा की तारीखों को लेकर कुछ फैसला भी कर सकते है।
15 मार्च से 7 अप्रैल के बीच चुनाव
पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2015 में हुए पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायतों का चक्रानुक्रम आरक्षण शून्य कर के नए सिरे से आरक्षण तय किया गया गया था। मगर पिछले पांच चुनावों से जिला व क्षेत्र पंचायत में चक्रानुक्रम आरक्षण ही चल रहा है। इसलिए जिला व क्षेत्र पंचायतों के सदस्यों की सीटों का आरक्षण नए सिरे से तय किया जा सकता है। मंत्री भूपेंद्र सिंह के मुताबिक 10 जनवरी को इसको लेकर एक अहम बैठक होने वाली है।
उन्होंने बताया कि जिला पंचायतों का आरक्षण राज्य मुख्यालय से तय होता रहा है और इस बार भी ऐसे ही होगा बाकी ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत की सीटों का आरक्षण जिला मुख्यालय से ही तय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बारे में शासनादेश जारी किया जाएगा, आरक्षण की प्रक्रिया के लिए अभी समय है। परिसीमन पूरा होने के बाद आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
ऑनलाइन हो सकती है आरक्षण व्यवस्था
आपको बता दें कि साल 2015 के पंचायत चुनाव में सीटों का आरक्षण नए सिरे से हुआ था। 2015 में ग्राम प्रधान पद के लिए सीट जिन पंचायतों को आरक्षित की गई थी, उसके अधार पर इस बार बदलाव किया जाएगा। इस बार ग्राम पंचायतों में आरक्षण की व्यवस्था भी ऑनलाइन होने वाली है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश के पंचायत चुनाव में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, जो सभी तरह की सीटों में शामिल होंगी। इनमें ओबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण हैं। आरक्षण की रूप रेखा चक्रानुक्रम आरक्षण से तय होती है। चक्रानुक्रम आरक्षण का मतलब होता है कि आज जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित है, अगले चुनाव में वह सीट उस वर्ग के लिए आरक्षित नहीं होगी। बल्कि किसी अन्य वर्ग के लिए वह सीट आरक्षित कर दी जाएगी।
बैलेट पेपर से होंगे पंचायत चुनाव
पंचायत चुनाव के लिए इस बार भी बैलेट पेपरों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए कुछ समय पहले ही जिलों में मतपत्र भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू करा दी गई है। वहीं इस बार ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। इसके अलावा इस बार के पंचायत चुनावों में पढ़े-लिखे लोगों को लड़ने का मौका देने की बात की जा रही है।
🔴 पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण का चक्रानुक्रम फार्मूला
✍️ – पहले एसटी महिला, फिर एसटी महिला/पुरुष।
✍️- पहले एससी महिला, फिर एससी महिला/पुरुष।
✍️ – पहले ओबीसी महिला, फिर ओबीसी महिला/पुरुष।
✍️- अगर तब भी महिलाओं का एक तिहाई आरक्षण पूरा न हो तो महिला।
✍️ – इसके बाद अनारक्षित।