लखनऊ : प्रदेश के सभी जिलों में लगभग एक लाख 59 हजार सरकारी स्कूल हैं, जहां पर करोड़ों की संख्या में बच्चे पढ़ने आते हैं। आंकड़ों को देखने पर पिछले पांच वर्ष में ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या में कमी आई है और स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है। यह साबित करता है कि लोगों में शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ी है। यह कहना था बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक सर्वेद्र विक्रम सिंह का।मंगलवार को लखनऊ यूनिवर्सिटी के समाजकार्य विभाग स्थित जेके हॉल में राष्ट्रीय सेवा योजना, लोक मित्र, विज्ञान फाउंडेशन तथा आक्सफैम के संयुक्त तत्वाधान आयोजित प्राथमिक शिक्षा में गैर-बराबरी के मुद्दे पर युवाओं की भूमिका पर आयोजित संवाद में डॉ. सर्वेद्र विक्रम ने कहा कि गैर-बराबरी के विषय में पहुंच, समता तथा गुणवत्ता तीनों ही प्रत्यक्ष रूप से इस पर प्रभाव डालती हैं। उन्होंने कहा शिक्षा का स्तर उन घरों में निम्न स्तर पर है जहां पर प्रिन्ट या नॉन प्रिन्ट मैटिरियल नहीं है। ऐसे बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि कम प्रदर्शित हुई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गैर-बराबरी वहां अधिक देखने को मिलती है जहां पर लड़का गैर-सरकारी तथा लड़की सरकारी विद्यालय में पढ़ने जाती हैं। इस दौरान समाजकार्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. गुरनाम सिंह, राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. राकेश द्विवेदी समेत तमाम लोग मौजूद रहे।