चंदौली: बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक को अपने साथ शिक्षक डायरी रखना अनिवार्य किया गया है। अध्यापक इस डायरी को मेंटेन करना तो दूर, इसको बना भी नहीं रहे हैं। इसका पता तब चला, जब एबीएस नौगढ़ अवधेश नारायण सिंह ने स्कूलों का निरीक्षण किया। उन्होंने छह हेड मास्टर समेत 25 अध्यापकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही निर्देश दिया है कि प्रार्थना के साथ स्कूलों में घंटा भी बजाना होगा।
खंड शिक्षा अधिकारी के आदेश के बाद से अध्यापकों में हड़कंप मचा हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के बैग में किताबें तो मिल जाती हैं लेकिन अध्यापकों के पास शिक्षक डायरी नहीं मिलती। इसी वजह से शिक्षण कार्य प्रभावित होता है। विद्यालय आने पर उनको यह तक नहीं मालूम होता कि आखिर उनको पढ़ाना क्या है। शासन ने व्यवस्था बनाई थी कि किसी भी शिक्षक को अगले दिन क्या पढ़ाना है, या क्या गतिविधियां करानी हैं। उसकी पाठयोजना डायरी में तैयार कर स्कूल में जाएंगे।
विद्यालय से अवकाश होने के 15 मिनट बाद तक शिक्षक को इसी काम को करने के लिए रुकना भी है। मगर इस व्यवस्था की जमीनी हकीकत उलट है। विकास खंड नौगढ़ के विद्यालयों का लगातार जांच पड़ताल कर रहे एबीएस अवधेश नारायण सिंह ने एक विद्यालय में हेड मास्टर से पूछा कि आप खड़े-खड़े क्या सोच रहे हैं। पढ़ाई क्यों नहीं करा रहे हैं। तो अध्यापक ने जवाब दिया कि वो सोच रहे हैं, कि क्या पढ़ाना है। एबीएसए ने नाराजगी जताते हुए छह हेड मास्टर समेत 25 अध्यापकों को नोटिस जारी करते हुए शिक्षक डायरी बनाने को कहा है। एबीएसए, नौगढ़ अवधेश नारायण सिंह ने बताया कि स्कूलों की व्यवस्था खराब है, कंपोजिट ग्रांट का दुरुपयोग हुआ है। निरीक्षण के दौरान अध्यापक अवकाश पर थे, लेकिन मानव संपदा पोर्टल पर अवकाश स्वीकृत नहीं था। शिक्षक डायरी तक तैयार नहीं कर रहे हैं। लापरवाही पर हेड मास्टर और अध्यापकों को नोटिस दिया गया है।