नए ढांचे में गढ़ा जाएगा स्कूली पाठ्यक्रम, 10 + 2 के पैटर्न से निकालकर 5 + 3 + 3 + 4 के पैटर्न पर ले जाने की तैयारी। New School Curriculum

नए ढांचे में गढ़ा जाएगा स्कूली पाठ्यक्रम, 10 + 2 के पैटर्न से निकालकर 5 + 3 + 3 + 4 के पैटर्न पर ले जाने की तैयारी। New School Curriculum

नई दिल्ली : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिये स्कूली शिक्षा के ढांचे में बदलाव की जो सिफारिशें की गई थीं, उन सभी पर अमल तेजी से शुरू हो गया है। इनमें जो अहम बदलाव है, वह स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम को 10 प्लस टू के पैटर्न से निकालकर फाइव प्लस थ्री प्लस थ्री प्लस फोर के पैटर्न पर ले जाने का है। शिक्षा मंत्रलय ने इस काम में ज्यादा देरी न करते हुए इसे इसी साल पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। इसे लेकर गठित टीम को तेजी से इस दिशा में काम आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

शिक्षा मंत्रलय ने इसके साथ ही स्कूली पाठ्यक्रम को नए सिरे से गढ़ने पर भी जोर दिया है जिससे स्कूलों से रटने और रटाने का पूरा खेल खत्म हो जाए। साथ ही ऐसे पाठ्यक्रम का विकास हो, जिसमें सीखने की समग्र प्रक्रिया हो। मंत्रलय ने स्कूली शिक्षा के नए ढांचे में इन पहलुओं पर ध्यान देने की जरूरत बताई है। 

मंत्रलय ने नेशनल कैरीकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) के लिए जो विशेषज्ञ टीम बनाई है, उसके मुखिया भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख और देश के वरिष्ठ विज्ञानी के. कस्तूरीरंगन को बनाया है। बता दें कि यह वही कस्तूरीरंगन हैं जिनकी अगुआई में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी तैयार की गई है। मंत्रलय का मानना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि नीति के जरिये बदलाव के जो सपने देखें गए हैं वे पूरी तरह से ढांचे में आ सकें।

शिक्षा मंत्रलय ने इसके साथ ही स्कूली ढांचा तैयार करने में जिन मूलभूत विषयों पर ध्यान देने पर जोर दिया है, उनमें 21वीं सदी की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सोच आधारित विषयवस्तु को प्रमुखता देने, वैज्ञानिक सोच, समस्या समाधान, सहयोग और डिजिटल शिक्षा से जुड़े विषय शामिल हैं। साथ ही स्थानीय विषयवस्तु और भाषा को प्रमुखता से शामिल करने का सुझाव दिया गया है। मंत्रलय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, स्कूली शिक्षा के ढांचे को तैयार करने का ज्यादातर काम पूरा हो चुका है। अब गठित की गई उच्चस्तरीय कमेटी इसकी समीक्षा करेगी।

अब फाइव प्लस थ्री प्लस थ्री प्लस फोर का पैटर्न होगा लागूऐसा है शिक्षा का नया ढांचा

मौजूदा समय में 10 प्लस टू वाले स्कूली शिक्षा ढांचे में तीन से छह वर्ष की उम्र के बच्चे शामिल हैं क्योंकि अभी छह वर्ष की उम्र में बच्चों को सीधे कक्षा एक में प्रवेश दिया जाता है। लेकिन नए फाइव प्लस थ्री प्लस थ्री प्लस फोर के ढांचे में तीन साल की उम्र से ही बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाएगा। यानी अब जैसे ही बच्चा तीन साल का होगा, उसे आंगनवाड़ी या बालवाटिका में प्रवेश दिया जाएगा।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.