1.सत्र 2023-24 अन्तर्गत यूडाईस प्लस पोर्टल पर सत्र 2022-23 में अध्ययनरत बच्चो की कक्षाउन्नत करना udise plus student module
2. sdms portal
3. Udise plus class updating login step wise process
4. उसके पश्चात जब आप सभी कक्षाओ के रिजल्ट अपडेट कर देगे Progression Module में GO बटन के नीचे Finalize progression पर क्लिक करने संस्था सम्पूण्र डाटा लॉक हो जावेगा।
5. Finalize progression करने के बाद कार्य पूर्ण नही होगा उसके बाद आपको पूर्व वर्ष के अनुशार एक एक बच्चे की 3 पेज की जानकारी studnet profile भरना होगी
6. udise plus पर सत्र 2022-23 में रजिस्ट्रर नही हुये बच्चे या नवीन बच्चो को जोड़ने की प्रक्रियाः-
7. udise plus पर सत्र 2022-23 में रजिस्ट्रर नही हुये बच्चे या नवीन बच्चो
को जोड़ने क्या जानकारी चाहिए उसका प्रारूप
udise plus पर सत्र 2022-23 में रजिस्ट्रर नही हुये बच्चे या नवीन बच्चो को जोड़ने की प्रक्रियाः-
1. जो बच्चा सत्र 2022-23 में udise plus पोर्टल पर रजिस्ट्रर नही हुआ या नवीन कक्षा में प्रवेशति बच्चो को जोड़ने के लिए आपको स्कुल डेसबोर्ड पर क्लिक करना होगा । क्लिक करने पर आपको आपकी संस्था की कक्षाए प्रदर्शित होगी।
2. आपको कक्षा के सम्मूख अंत में एड स्टुडेंट का ऑपशन दिखेगा उस पर क्लिक कर उस बच्चे से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी के 3 सेक्शन की जानकारीे भर कर सेव करना है।
केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारी संगठन, ‘पुरानी पेंशन’ पर अब निर्णायक लड़ाई की ओर बढ़ रहे हैं कर्मचारी संगठनों ने सरका कि उन्हें बिना गारंटी वाली ‘एनपीएस’ योजना को खत्म करने और परिभाषित एवं गारंटी वाली ‘पुरानी पेंशन योजना’ की बहाली से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।
है। कांग्रेस पार्टी शासित प्रदेशों में ओपीएस लागू की जा रही है रामलीला मैदान में रविवार को ओपीएस की मांग को लेकर हुई रैली के बाद कांग्रेस के कई मुख्यमंत्रियों ने इसके समर्थन में ट्वीट किए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कर्मियों का पक्ष लिया कांग्रेस सांसदों ने भी कर्मियों की मांग को उचित ठहराया। आप सांसद संजय सिंह भी रामलीला मैदान में पहुंच गए थे।
सियासत के मोर्चे पर करेंगे चोट
नई दिल्ली में 20 सितंबर को हुई राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड की बैठक के एजेंडे में ‘ओपीएस’ का मुद्दा टॉप पर रहा था कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करते हुए अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार ने कहा था, हमने सरकार के समक्ष एक बार फिर अपनी मांग दोहराई है। एनपीएस को खत्म किया जाए और पुरानी पेंशन योजना को जल्द से जल्द बहाल करें।
अगर सरकार नहीं मानती है तो देश में कलम छोड़ हड़ताल होगी, रेल के पहिये रोक दिए जाएंगे दूसरे चरण में सरकार को सियासत के मोर्चे पर चोट की जाएगी केंद्र एवं राज्यों के सरकारी कर्मियों और उनके परिजनों व रिश्तेदारों को मिलाकर वह संख्या दस करोड़ के पार चली जाती है अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में जब यही संख्या वोट में बदलेगी तो केंद्र सरकार को कर्मियों की ताकत का अहसास होगा।
इन विकल्पों पर हो रहा विचार
केंद्र सरकार के सूत्र बताते हैं कि ओपीएस पर लगातार चर्चा हो रही है। यह गुणा भाग लगाया जा रहा है कि पुरानी पेंशन को अगर पहले वाले स्वरूप में लागू करते हैं, तो सरकारी खजाने पर कितना भार पड़ेगा रिटायरमेंट के समय बेसिक सेलरी का पचास फ़ीसदी हिस्सा पेंशन के तौर पर देते हैं तो कितनी राशि खर्च होगी अगर इसमें बेसिक सेलरी का तीस से चालीस फीसदी हिस्सा, पेंशन के तौर पर देते हैं तो कितना आर्थिक भार पड़ेगा इसके अलावा यह भी देखा जा रहा है कि एक तय पेंशन दे दी जाए, लेकिन उसमें किसी तरह की बढ़ोतरी का प्रावधान हो। यानी महंगाई राहत व दूसरे भत्ते, पेंशन में शामिल नहीं होंगे।
सूत्रों का कहना कि सरकार फिलहाल ओपीएस देने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन पुरानी पेंशन से मिलते-जुलते फायदे एनपीएस में ही दे सकती है सरकार ने वित्त मंत्रालय की जो कमेटी गठित की है, उसमें ओपीएस का ज़िक्र ही नहीं है उसमें एनपीएस में सुधार की बात कही गई है कांग्रेस पार्टी शासित प्रदेशों में ओपीएस लागू की जा रही है।
रामलीला मैदान में रविवार को ओपीएस की मांग को लेकर हुई रैली के बाद कांग्रेस के कई मुख्यमंत्रियों ने इसके समर्थन में ट्वीट किए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कर्मियों का पक्ष लिया कांग्रेस सांसदों ने भी कर्मियों की मांग को उचित ठहराया। आप सांसद संजय सिंह भी रामलीला मैदान में पहुंच गए थे।
भारत बंद जैसे कई कठोर कदम
श्रीकुमार के मुताबिक, जेसीएम की बैठक में बताया गया है कि केंद्र सरकार में 20 लाख से ज्यादा कर्मचारी एनपीएस में हैं 10 अगस्त को नई दिल्ली के रामलीला मैदान एक विशाल रैली आयोजित की गई थी इसमें केंद्र और राज्य सरकार के लाखों कर्मियों ने हिस्सा लिया था कर्मचारियों ने बिना गारंटी वाली एनपीएस योजना को खत्म करने की मांग की थी इसके बाद कर्मचारी पक्ष ने जेसीएम की बैठक में अब एक बार फिर अपनी मांग दोहराई है केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है कि पुरानी पेंशन योजना को जल्द से जल्द बहाल किया जाना चाहिए।
सरकार, पुरानी पेंशन लागू नहीं करती है, तो ‘भारत बंद’ जैसे कई कठोर कदम उठाए जाएंगे। पुरानी पेंशन के लिए कर्मचारी संगठन, राष्ट्रव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल कर सकते हैं इसके लिए 20 और 21 नवंबर को देशभर में स्ट्राइक बैलेट होगा कर्मचारियों की राय ली जाएगी अगर बहुमत हड़ताल के पक्ष में होता है, तो केंद्र एवं राज्यों में सरकारी कर्मचारी, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। उस अवस्था में रेल थम जाएंगी तो वहीं केंद्र एवं राज्यों के कर्मचारी ‘कलम’ छोड़ देंगे।
अनिश्चितकालीन हड़ताल एक मात्र विकल्प
सी. श्रीकुमार के मुताबिक, पुरानी पेंशन बहाली के लिए केंद्र एवं राज्यों के कर्मचारी एक साथ आ गए हैं लगभग देश के सभी कर्मचारी संगठन इस मुद्दे पर एकमत हैं। केंद्र और राज्यों के विभिन्न निगमों और स्वायत्तता प्राप्त संगठनों ने भी ओपीएस की लड़ाई में शामिल होने की बात कही है कर्मचारियों ने हर तरीके से सरकार के समक्ष पुरानी पेंशन बहाली की गुहार लगाई है, लेकिन उनकी बात सुनी नहीं गई अब उनके पास अनिश्चितकालीन हड़ताल ही एक मात्र विकल्प बचता है।
दस अगस्त और एक अक्तूबर की रैली में देशभर से आए लाखों कर्मियों ने ‘ओपीएस’ को लेकर हुंकार भरी थी। कर्मचारियों ने दो टूक शब्दों में कहा था कि वे हर सूरत में पुरानी पेंशन बहाल कराकर ही दम लेंगे। सरकार को अपनी जिद्द छोड़नी पड़ेगी।
कर्मचारियों ने कहा था कि वे सरकार को वह फार्मला बताने को तैयार हैं, जिसमें सरकार को ओपीएस लागू करने से कोई नुकसान नहीं होगा अगर इसके बाद भी सरकार, पुरानी पेंशन लागू नहीं करती है तो ‘भारत बंद’ जैसे कई कठोर कदम उठाए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कही थी ये बात
भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश बीडी चंद्रचूड, जस्टिस बीडी तुलजापुरकर, जस्टिस ओ. चिन्नप्पा रेड्डी एवं जस्टिस बहारुल इस्लाम शामिल थे, के द्वारा भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के अंतर्गत रिट पिटीशन संख्या 5939 से 5941, जिसको डीएस नाकरा एवं अन्य बनाम भारत गणराज्य के नाम से जाना जाता है, में दिनांक 17 दिसंबर 1981 को दिए गए प्रसिद्ध निर्णय का उल्लेख करना आवश्यक है। इसके पैरा 31 में कहा गया है, चर्चा से तीन बातें सामने आती हैं।
एक, पेंशन न तो एक इनाम है और न ही अनुग्रह की बात है जो कि नियोक्ता की इच्छा पर निर्भर हो। यह 1972 के नियमों के अधीन, एक निहित अधिकार है जो प्रकृति में वैधानिक है, क्योंकि उन्हें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के खंड ’50’ का प्रयोग करते हुए अधिनियमित किया गया है।
पेंशन, अनुग्रह राशि का भुगतान नहीं है, बल्कि यह पूर्व सेवा के लिए भुगतान है। यह उन लोगों के लिए सामाजिक, आर्थिक न्याय प्रदान करने वाला एक सामाजिक कल्याणकारी उपाय है, जिन्होंने अपने जीवन के सुनहरे दिनों में, नियोक्ता के इस आश्वासन पर लगातार कड़ी मेहनत की है कि उनके बुढ़ापे में उन्हें ठोकरें खाने के लिए नहीं छोड़ दिया जाएगा।
एनपीएस में रिटायर्ड कर्मियों को मिली इतनी पेंशन
एनपीएस में कर्मियों जो पेंशन मिल रही है, उतनी तो बुढ़ावा पेंशन ही है एनपीएस स्कीम में शामिल कर्मी, 18 साल बाद रिटायर हो रहे हैं, उन्हें क्या मिला है एक कर्मी को एनपीएस में 2417 रुपये मासिक पेंशन मिली है, दूसरे को 2506 रुपये और तीसरे कर्मी को 4900 रुपये प्रतिमाह की पेंशन मिली है अगर यही कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के दायरे में होते तो उन्हें प्रतिमाह क्रमश: 15250 रुपये, 17150 रुपये और 28450 रुपये मिलते।
एनपीएस में कर्मियों द्वारा हर माह अपने वेतन का दस फीसदी शेयर डालने के बाद भी उन्हें रिटायरमेंट पर मामूली सी पेंशन मिलती है। इस शेयर को 14 या 24 फीसदी तक बढ़ाने का कोई फायदा नहीं होगा। एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार के मुताबिक, एनपीएस में पुरानी पेंशन व्यवस्था की तरह महंगाई राहत का भी कोई प्रावधान नहीं है।
जो कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के दायरे में आते हैं, उन्हें महंगाई राहत के तौर पर आर्थिक फायदा मिलता है। एनपीएस में सामाजिक सुरक्षा की गारंटी भी नहीं रही। रिटायरमेंट के बाद सरकारी कर्मियों को जानबूझकर कष्टों में धकेला जा रहा है।
NILP एप पर 15 प्लस आयु वर्ग के निरक्षर व्यक्तियों का सर्वे संबंधित सूचना
सभी प्रधानाध्यापक/ इंचार्ज प्रधानाध्यापक ध्यान दें 15 प्लस आयु वर्ग के निरक्षर व्यक्तियों का सर्वे करके उनको NILP एप / ULLAS APP पर रजिस्टर करना है। NILP एप पर निरक्षर व्यक्तियों का सर्वे करने के लिए सभी विद्यालयों में सर्वेयर रजिस्टर किए जा चुके हैं। एप पर सर्वेयर को सर्वे कैसे करना है उस प्रक्रिया को स्टेप वाइज ध्यान से देखें ।
1- सर्वप्रथम NILP ऐप / ULLAS APP को प्ले स्टोर से इंस्टॉल कर लेंगे तत्पश्चात ऐप को ओपन करेंगे आपको यहां चार ऑप्शंस दिखेंगे जिसमें से आपको FOR SURVEY पर जाकर नेक्स्ट करना है फिर सर्वेयर का रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर इंटर किया जायेगा और OTP प्राप्त करके इंटर कर देंगे ।
2- ओपन करने के पश्चात स्कूल नेम आएगा यहां से सारी डिटेल्स चेक कर लेंगे।
3-ओपन हुए होमपेज में नीचे Quick actions में survey वाले ऑप्शन पर क्लिक कर देंगे।
4-अब एक फॉर्म आपके सामने ओपन हो जाएगा इसमें फैमिली हेड डिटेल्स की जानकारी आपसे पूछेगा।अब आपके सामने तीन प्रकार की केस आएंगी ध्यान से देखें….
5-किसी परिवार में मुखिया साक्षर हो परिवार का अन्य सदस्य निरक्षर हो।
6- अगर कोई व्यक्ति घर का मुखिया हो और वह वालंटियर बनना चाहता है तो आप VT volunter को चुनेंगे।
7- अगर कोई व्यक्ति घर का मुखिया हो और वह निरक्षर भी हो तब आप नर learner को सेलेक्ट करेंगे।)
8- यहां आपको मुखिया की जानकारी इन तीनों के केसों में भरनी ही होगी।
ओपन हुए फॉर्म में सर्वप्रथम
मुखिया का नाम
पिता का नाम
माता का नाम
घर का पता
शैक्षिक स्थिति
उम्र
मोबाइल नंबर
लिंग
दिव्यांग है की नही
पहचान का प्रकार(राशन कार्ड ,वोटर कार्ड etc आधार कार्ड का ऑप्शन नहीं मिलेगा।)
पहचान संख्या
कैटेगरी ( यहां obc का ऑप्शन नहीं मिलेगा उनको gen में ही सेलेक्ट करेंगे)
प्रोफेशन टाइप आदि बारी बारी से भर लेंगे ।
नोट –अगर किसी व्यक्ति के डाटा में कोई त्रुटि हो गई है तो उसको एडिट भी किया जा सकता है इसके लिए आपको सर्वे option के नीचे शो हो रहे हैं ऑप्शन मैनेज रिकॉर्ड पर जाकर चेंज कर सकते है। जिस व्यक्ति का डाटा आपको चेंज करना है उसके नाम को चूज कर लेंगे तथा नाम के सामने बने पेंसिल पर क्लिक करके आप अपडेट कर सकते हैं।
*(1)* जनपद में नियमित सेवावधि *शिक्षिका के लिए 02 वर्ष एवं शिक्षक के लिए 05 वर्ष* होना अनिवार्य होगा। *सेवावधि की गणना कार्यरत जनपद के दिनांक से* की जायेगी।
*(2)* माननीय न्यायालय के आदेश के अनुपालन की बाध्यता के क्रम में *केवल शिक्षिका जिनके द्वारा शादी के पूर्व तथा केवल असाध्य एवं गम्भीर रोग से पीड़ित शिक्षक/शिक्षिका* (स्वयं अथवा पति-पत्नी एवं अविवाहित पुत्र पुत्री) जिनके द्वारा पूर्व में स्थानान्तरण का लाभ लिया गया है, ही *दूसरी बार स्थानान्तरण के लिये अर्ह* होंगे।
*( 3 )* माननीय उच्च न्यायालय में योजित विशेष अपील संख्या-419 डी0/2021 अजय कुमार बनाम उ0प्र0 राज्य व अन्य में पारित आदेश दिनांक 05.07.2021 के अनुपालन की बाध्यता के दृष्टिगत शिक्षक/शिक्षिका को *अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण के लिए एक से अधिक बार आवेदन करने के लिए नहीं रोका जायेगा, परन्तु केवल आवेदन स्थानान्तरण का अधिकार नहीं* माना जायेगा।
*(4)* जनपद में स्वीकृत पद के सापेक्ष दिनांक *30 अप्रैल, 2023 तक कार्यरत अध्यापकों की संख्या के 10 प्रतिशत की अधिकतम सीमा तक अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण किये जायेंगे।* किसी जनपद से स्थानान्तरित होकर जाने तथा आने वाले शिक्षिक एवं शिक्षिका की अधिकतम सीमा 10 प्रतिशत होगी।
*(5)* *पारस्परिक (Mutual) स्थानान्तरण में दोनों शिक्षक/शिक्षिका की आपसी सहमति होना अनिवार्य* होगा। अन्तर्जनपदीय एवं पारस्परिक (Mutual) स्थानान्तरण की प्रक्रिया समानान्तर रूप से चलेगी परन्तु *पारस्परिक एवं अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण दोनो का लाभ प्राप्त करने वाले शिक्षक/शिक्षिका को पारस्परिक स्थानान्तरण का लाभ अनुमन्य* किया जायेगा।
*(6)* अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण *ग्रामीण सेवा संवर्ग से ग्रामीण सेवा संवर्ग एवं नगर सेवा संवर्ग से नगर सेवा संवर्ग* में किये जायेंगे।
*(7)* अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण प्रक्रिया में शिक्षक/शिक्षिका द्वारा *अधिकतम 07 जनपदों का विकल्प दिया जा सकता* है परन्तु अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण का लाभ प्राप्त करने के लिए *कम से कम 01 जनपद का विकल्प दिया जाना अनिवार्य* होगा। विकल्प नहीं दिये जाने की स्थिति में ऑनलाइन आवेदन स्वतः निरस्त माना जायेगा।
*(8)* चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग चिकित्सा अनुभाग-6 शासनादेश संख्या- 365/2016/3124/पांच-6-2016-19जी / 16 दिनांक 27 दिसम्बर, 2016 के परिशिष्ट “च” में वर्णित रोग से शिक्षक/शिक्षिका (स्वयं अथवा पति-पत्नी एवं अविवाहित पुत्र पुत्री ) के ग्रसित होने पर ही लाभ देय होगा।
*(9)* असाध्य एवं गम्भीर रोग में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ / एस0जी0पी0जी0आई0 सैफई, किंग जार्ज मेडिकल कालेज एवं समान सरकारी घोषित चिकित्सा विश्विद्यालय / संस्थान और पी0जी0एच0एस0 निजी चिकित्सालय जो राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (National Accreditation Board for Hospitals ) द्वारा मान्य होने, से उपचार चल रहा हो अथवा उपचार कराया गया हो, द्वारा निर्गत चिकित्सा प्रमाण पत्र जो चिकित्सालय के चिकित्साधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित तथा चिकित्सालय के चिकित्साधीक्षक द्वारा प्रति हस्ताक्षरित एवं कार्यरत जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा प्रति हस्ताक्षरित होने पर ही यह लाभ देय होगा।
*(10)* अध्यापक/अध्यापिकाओं द्वारा उपलब्ध कराये गये अभिलेखों के सत्यापन में *अभिलेख फर्जी / कूटरचित पाये जाने पर सम्बन्धित अध्यापक के विरूद्ध नियमानुसार विधिक कार्यवाही* की जायेगी।
*(11)* आनलाइन *आवेदन पत्रों का सत्यापन जनपद स्तर पर समिति द्वारा* किया जायेगा। समिति के सदस्य सचिव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी होगा। *असाध्य एवं गम्भीर रोगियों के सम्बन्ध में जनपद स्तर पर मुख्य चिकित्साधिकारी के सत्यापनोपरान्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा आनलाइन आवेदन पत्र सत्यापित* किया जायेगा।
*(12)* भारांक सारिणी
*(13)* अध्यापक/अध्यापिका के *अंक समान होने पर नियुक्ति तिथि में वरिष्ठतम् तथा नियुक्ति तिथि में समानता होने पर अधिक आयु वाले शिक्षक/शिक्षिका को अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण का लाभ* दिया जायेगा।
*(14)* अन्तर्जनपदीय एवं पारस्परिक स्थानान्तरण प्रक्रिया में स्थानान्तरित शिक्षक/शिक्षिका को *आवंटित जनपद में विद्यालय आवंटन की कार्यवाही बेसिक शिक्षा अनुभाग-5 के शासनादेश सं0-रिट-981/ अरसठ-5-2022-657/2021 दिनांक 20 अगस्त, 2022 में निहित प्राविधान के अनुसार* की जाएगी।
*(15)* शैक्षिक सत्र 2023-24 के लिए अन्तर्जनपदीय एवं पारस्परिक स्थानान्तरण की *समस्त प्रक्रिया शासनादेश के क्रम में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र लखनऊ से विचार विमर्श के उपरान्त समय सारिणी के अनुसार ऑनलाइन* किया जायेगा। ऑफलाइन आवेदन पत्र पर किसी भी दशा में विचार नहीं किया जायेगा।
*(16)* अन्तर्जनपदीय एवं पारस्परिक स्थानान्तरण के लिए निर्गत शासनादेश के अनुसार उ0प्र0 बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा अन्तर्जनपदीय एवं पारस्परिक स्थानान्तरण के तकनीकी चरण एवं प्रक्रिया का निर्धारण किया जायेगा तथा शासनादेश के क्रम में अग्रतर कार्यवाही की जायेगी।
*( 17 )* अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण हेतु समय-सारिणी सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा अपने स्तर से पृथक से निर्गत की जायेगी।
*(18)* अन्तर्जनपदीय एवं पारस्परिक स्थानान्तरण के उपरान्त शिक्षक/शिक्षिका को कार्यमुक्त करने तथा कार्यभार ग्रहण करने की कार्यवाही मध्य शैक्षिक सत्र में नहीं की जायेगी। *शिक्षक/शिक्षिका को कार्यमुक्त करने तथा कार्यभार ग्रहण करने की कार्यवाही अवकाश के दौरान* ही की जायेगी।
*(19)* बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक/शिक्षिका के अन्तर्जनपदीय एवं पारस्परिक स्थानान्तरण के सम्बन्ध में *पूर्व में निर्गत समस्त शासनादेश अवक्रमित* माने व समझे जायेंगे।
Interdistrict Transfer Update session 2023-24
(1) In the district, it will be mandatory for a regular teacher to have a service period of *02 years and for a headmaster/teacher to have a service period of 05 years*. The calculation of the service period will be based on the date of joining in the district.
(2) In compliance with the honorable court’s order, *only those teachers who have taken transfer due to marriage or due to incurable and serious illness (self, spouse, or unmarried son/daughter)* and have already availed transfer once will be eligible for *subsequent transfers*.
(3) In accordance with the order dated 05.07.2021 of Special Appeal No. 419 D/2021 Ajay Kumar vs. UP State and others, it will not be prohibited for teachers to apply for transfer more than once. However, only the right to apply for transfer will be granted, and the transfer itself will not be considered as a right.
(4) Interdistrict transfers will be allowed for a maximum of 10% of the number of working teachers as per approved positions in the district until *April 30, 2023*. The maximum limit for incoming and outgoing teachers will be 10% of the sanctioned positions.
(5) *Mutual consent between both teachers will be mandatory* in the case of mutual transfers. The process of interdistrict and mutual transfers will run parallel, but *teachers who have benefited from both mutual and interdistrict transfers will be presumed to have availed mutual transfer benefits*.
(6) Interdistrict transfers will be conducted *from rural service category to rural service category and from urban service category to urban service category*.
(7) In the interdistrict transfer process, a teacher can *choose a maximum of 07 districts* as options, but it will be mandatory to provide *at least one district as an option* to be eligible for interdistrict transfer. In the absence of options, the online application will be automatically canceled.
(8) The benefit will be granted only to teachers (self, spouse, or unmarried son/daughter) who are affected by the diseases mentioned in Annex “C” of the Department of Medical, Health, and Family Welfare, Medical Section-6, Government Order No. 365/2016/3124/Panch-6-2016-19G, dated December 27, 2016.
9.issued by All India Institute of Medical Sciences (AIIMS), Sanjay Gandhi Postgraduate Institute of Medical Sciences, Lucknow/ESIC PGIMSR Safdarjung Hospital, King George’s Medical College, and similar government-declared medical universities/institutions and PGHs (Private General Hospitals) accredited by the National Accreditation Board for Hospitals will be considered valid only if it is signed by the medical officers of the hospital, countersigned by the medical superintendent of the hospital, and countersigned by the Chief Medical Officer of the respective district where the treatment is being conducted or received.
(10) In the verification of records submitted by teachers, if any forged or manipulated documents are found, legal action as per the rules will be taken against the concerned teacher.
(11) The verification of online application forms will be done at the district level by a committee. The committee will consist of the Secretary, District Basic Education Officer. In relation to incurable and serious diseases, after verification by the Chief Medical Officer of the district following the verification by the District Basic Education Officer, the online application form will be validated.
(12) Index Table
(13) In case of equal marks, priority will be given to the teacher with seniority for the date of appointment. If there is equality in the date of appointment, the teacher with higher age will be given the benefit of inter-district transfer.
(14) In the process of inter-district and mutual transfers, the allocation of schools in the allotted district will be done as per the provisions laid down in the Government Order No. -Rit-981/Arasath-5-2022-657/2021 dated August 20, 2022, by the Basic Education Department-5.
(15) The entire process of inter-district and mutual transfers for the academic session 2023-24 will be carried out online as per the sequence in the Government Order after consultation with the National Informatics Center, Lucknow. No consideration will be given to offline application forms.
(16) The technical phases and procedures of inter-district and mutual transfers will be determined by the Basic Education Board in accordance with the government order, and further actions will be taken accordingly.
(17) The schedule for inter-district transfers will be separately issued by the Secretary, Basic Education Board.
(18) After inter-district and mutual transfers, teachers will not be relieved from duty or assume new responsibilities during the middle academic session. The process of relieving teachers and assuming new responsibilities will be carried out during the vacation period.
(19) In schools under the jurisdiction of the Basic Education Board, all previous government orders related to inter-district and mutual transfers will be considered applicable and understood.