परिषदीय शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय आख्या (सत्र 2020-21) सम्बन्धी निर्देश जारी, देखें।
यूपी: पहली बार ऑनलाइन भरी जाएगी प्राइमरी शिक्षकों की गोपनीय आख्या, 15 अप्रैल तक स्वमूल्यांकन का समय
बेसिक शिक्षकों को भी पास होने के लिए जुटाने होंगे नंबर, रिपोर्ट के आधार पर होगी तरक्की
सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय आख्या इस वर्ष ऑनलाइन लिखी जाएगी। मानव संपदा पोर्टल पर 15 अप्रैल तक प्रधानाध्यापक-अध्यापक स्वमूल्यांकन करेंगे। खण्ड शिक्षा अधिकारी इसका मूल्यांकन 15 मई तक करके दाखिल करेंगे। बेसिक शिक्षा अधिकारी इन वार्षिक आख्या को 31 मई तक अंतिम रूप से सबमिट करेंगे।
पहली बार बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की वार्षिक आख्या (सीआर) कॉर्पोरेट की तर्ज पर लिखी जाएगी। पहले शिक्षक खुद अपना मूल्यांकन करेंगे और इसके बार दो स्तर पर उनके उच्चाधिकारी उस पर अंक देंगे। इसके लिए मानक पिछले वर्ष ही तय कर दिए गए थे।
इस वर्ष विद्यार्थियों की उपिस्थित, खुद प्रधानाध्यापक या अध्यापक की औसत उपस्थिति वाले बिन्दु लागू नहीं होंगे क्योंकि इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल नहीं खोले गए थे और स्कूलों में टैबलेट अभी तक नहीं पहुंचे हैं इसलिए अध्यापकों की उपस्थिति का बिन्दु भी लागू नहीं होगा। मानकों में स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प, दीक्षा पोर्टल का उपयोग, लर्निंग आउटकम की अंतिम परीक्षा में अध्यापक द्वारा पढ़ाए गए विषय का ग्रेड, एसएमसी की बैठक, छात्रों द्वारा पुस्तकालय का प्रयोग जैसे मानकों पर शिक्षकों को कसा जाएगा। इसके लिए समग्र शिक्षा अभियान के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने अंक भी जारी कर दिए हैं।
प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को भी अब पास होने के लिए नंबर जुटाने होंगे। इन्हीं नंबरों के आधार पर उनका मूल्यांकन होगा। आगे चलकर इसी से उन्हें इंक्रीमेंट और तरक्की भी मिलेगी। इसके लिए शिक्षकों को दिए जाने वाले नंबर के पैरामीटर तय कर दिए गए हैं। इस सम्बम्ध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनन्द ने आठ जनवरी को आदेश भी जारी कर दिया है।
समय पर विद्यालय न आने, बच्चों को पढ़ाने में रुचि न लेने तथा डिजिटल प्लेटफार्म पर न आने वाले प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को आने वाले दिनों में बड़ी दिक्कतें होने वाली है। उन्हें न सिर्फ नियमित स्कूल आना जाना पड़ेगा बल्कि बच्चों को पढ़ाना भी पड़ेगा। शिक्षकों के वार्षिक मूल्यांकन के लिए नए पैरामीटर निर्धारित किए गए हैं। जिन्हें आगामी शैक्षिक सत्र से लागू करने की तैयारी है।
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन्हीं पैरामीटरों पर आने वाले दिनों में शिक्षकों की तरक्की होगी। उन्हें इंक्रीमेंट मिलेगा। मानव संपदा पोर्टल पर परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों को स्वयं वार्षिक मूल्यांकन प्रविष्टि भरनी है। शिक्षकों तथा प्रधानाध्यापक को मानव संपदा पोर्टल पर खुद के मूल्यांकन के फार्म सबमिट करने होंगे। इसका डिजिटली सत्यापन होगा। गलत तथ्य पकड़ में आ जाएंगे। हालांकि कुछ चीजें स्कूलों को टेबलेट मिलने के बाद शुरू होंगी।
मिल सकते हैं जीरो नंबर-
परीक्षा में सहायक अध्यापक या अध्यापिका की ओर से पढ़ाए गए विषय में छात्र के ए प्लस ग्रेड आने पर 20, ए ग्रेड पर 16, बी ग्रेड पर 12, सी ग्रेड पर 8 तथा डी ग्रेड पर शिक्षक को केवल चार नंबर मिलेंगे। इसके इतर यदि पूरी कक्षा के 75% या उससे अधिक छात्र ए प्लस अथवा ए कैटेगरी में आते हैं तो शिक्षक को 20 अंक मिलेगा। अन्यथा शून्य दिया जाएगा।
■ इस तरह प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को मिलेंगे नंबर-
● सभी 14 अवस्थापना सुविधाएं होने पर शिक्षक को 10 नम्बर मिलेंगे न होने पर शून्य मिलेंगे
● विद्यालय में 60 से 80% तक छात्र उपस्थिति पर पांच नंबर मिलेंगे
● विद्यालय में छात्रों की 80% से अधिक उपस्थिति पर 10 नंबर
● डिजिटल शिक्षा सामग्री का नियमित प्रयोग करने पर 10 नंबर मिलेंगे
● छात्र रिजल्ट कार्ड सभी छात्रों को शत-प्रतिशत वितरित करने पर 10 नंबर
● एसएमसी की नियमित बैठक में प्रतिभाग करने पर 10 नंबर
● छात्रों द्वारा पुस्तकालय का नियमित प्रयोग करने पर 10 नंबर
● माड्यूल, आधारशिला, ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह को शिक्षण कार्य में नियमित प्रयोग करने पर 10 नंबर
● आउट ऑफ स्कूल बच्चों का सर्वेक्षण व चिंहित सभी बच्चों का नामांकन कराने पर 10 नंबर
● शिक्षकों के 60 से 80% तक उपस्थिति पर 5 अंक, 80% से अधिक उपस्थिति पर 10 अंक
● प्रशिक्षण में सभी दिन प्रतिभाग करने पर 10 नंबर