प्रतापगढ़। बीईओ बाबागंज कोमल यादव का तबादला अपर शिक्षा निदेशक ललिता प्रदीप के आदेश पर तत्काल प्रभाव से गोंडा जिले के लिए किया गया है।
बुधवार को जारी आदेश पर बीएसए सुधीर कुमार सिंह ने खंड शिक्षा अधिकारी को गुरुवार को गोंडों के लिए कार्यमुक्त कर दिया है। बीएसए ने बताया कि बीईओ का प्रशासनिक तबादला हुआ है। उन्हें कार्यमुक्त करने के बाद किसी नए अधिकारी की तैनाती नहीं की गई है। यह भी बताया कि शुक्रवार को बाबागंज में नए खंड शिक्षा अधिकारी को तैनात कर दिया जाएगा।
बता दें कि बाबागंज के शिक्षक सुरेंद्र पांडेय को मानसिक बीमार व नौकरी के अयोग्य होने की रिपोर्ट बीईओ कोमल यादव ने पखवारेभर पहले बीएसए को भेजी थी। इसे लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने काबीना मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती से शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। उनके तबादले पर राष्ट्रीय शैक्षिक संघ के पदाधिकारियों ने खुशी जताई है।
ई- पाठशाला के अंतर्गत कक्षा 1 से लेकर 8 तक की हर कक्षा की अलग योजना बनाई गयी है जिन्हें दो भाग (प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक) में भेजा जा रहा है। इस सामग्री में सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार के लिए अनेक वीडियो और कुछ मज़ेदार गतिविधियां हैं। कहानी संग्रह भी सामग्री में शामिल किया गया है।
इसके साथ ही कक्षा 1-8 के लिए प्रत्येक शनिवार को निम्न लिंक पर व्हाट्सएप पर क्विज होगा –
कोविड महामारी के इस समय में किसी भी बच्चे की पढ़ाई का नुकसान न हो, यह हम सबकी ज़िम्मेदारी है। याद रहे, – घर ही बन जायेगा विद्यालय हमारा, हम चलाएंगे ई- पाठशाला
चंदौली: बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक को अपने साथ शिक्षक डायरी रखना अनिवार्य किया गया है। अध्यापक इस डायरी को मेंटेन करना तो दूर, इसको बना भी नहीं रहे हैं। इसका पता तब चला, जब एबीएस नौगढ़ अवधेश नारायण सिंह ने स्कूलों का निरीक्षण किया। उन्होंने छह हेड मास्टर समेत 25 अध्यापकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही निर्देश दिया है कि प्रार्थना के साथ स्कूलों में घंटा भी बजाना होगा।
खंड शिक्षा अधिकारी के आदेश के बाद से अध्यापकों में हड़कंप मचा हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के बैग में किताबें तो मिल जाती हैं लेकिन अध्यापकों के पास शिक्षक डायरी नहीं मिलती। इसी वजह से शिक्षण कार्य प्रभावित होता है। विद्यालय आने पर उनको यह तक नहीं मालूम होता कि आखिर उनको पढ़ाना क्या है। शासन ने व्यवस्था बनाई थी कि किसी भी शिक्षक को अगले दिन क्या पढ़ाना है, या क्या गतिविधियां करानी हैं। उसकी पाठयोजना डायरी में तैयार कर स्कूल में जाएंगे।
विद्यालय से अवकाश होने के 15 मिनट बाद तक शिक्षक को इसी काम को करने के लिए रुकना भी है। मगर इस व्यवस्था की जमीनी हकीकत उलट है। विकास खंड नौगढ़ के विद्यालयों का लगातार जांच पड़ताल कर रहे एबीएस अवधेश नारायण सिंह ने एक विद्यालय में हेड मास्टर से पूछा कि आप खड़े-खड़े क्या सोच रहे हैं। पढ़ाई क्यों नहीं करा रहे हैं। तो अध्यापक ने जवाब दिया कि वो सोच रहे हैं, कि क्या पढ़ाना है। एबीएसए ने नाराजगी जताते हुए छह हेड मास्टर समेत 25 अध्यापकों को नोटिस जारी करते हुए शिक्षक डायरी बनाने को कहा है। एबीएसए, नौगढ़ अवधेश नारायण सिंह ने बताया कि स्कूलों की व्यवस्था खराब है, कंपोजिट ग्रांट का दुरुपयोग हुआ है। निरीक्षण के दौरान अध्यापक अवकाश पर थे, लेकिन मानव संपदा पोर्टल पर अवकाश स्वीकृत नहीं था। शिक्षक डायरी तक तैयार नहीं कर रहे हैं। लापरवाही पर हेड मास्टर और अध्यापकों को नोटिस दिया गया है।
लखनऊ। कार्यालय संवाददाता:प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले विशेष बच्चों के लिए स्पेशल एजुकेटर की नियुक्ति अब जेम पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। सरकारी जेम पोर्टल से सेवा प्रदाता एजेंसी का चयन किया जाएगा। जिसके बाद यह एजेंसी परिषदीय विद्यालयों के लिए स्पेशल एजुकेटर का चयन करेगी। इस सम्बंध में राज्य परियोजना निदेशक ने सभी जिलों के बीएसए को आदेश जारी कर दिया। आदेश में चयन प्रक्रिया 30 अक्तूबर तक पूरी करनी होगी। वर्ष 2021-22 में समेकित शिक्षा के तहत होने वाली ये नियुक्तियां 31 मई 2022 तक अनुमन्य होंगी। राज्य परियोजना निदेशक ने निर्धारित तिथि तक नियुक्त प्रक्रिया पूर्ण कर पांच नवम्बर तक अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। लखनऊ के सात ब्लॉक में 21 स्पेशल एजुकेटर वर्तमान समय में कार्यरत हैं। वहीं प्रदेश के सभी जिलों से 418 स्पेशल एजुकेटर का चयन किया जाएगा।
परिषदीय विद्यालयों में तकरीबन दो लाख विशेष बच्चे पढ़ते हैं। जो मूक-बधिर व अन्य किसी समस्या से ग्रस्त हैं। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए स्पेशल एजुकेटर तैनात किए जाते हैं। अभी तक संविदा कर्मियों के रूप में स्पेशल एजुकेटर की नियुक्ति होती थी लेकिन इस साल से स्पेशल एजुकेटर के चयन की जिम्मेदारी किसी सेवा प्रदाता एजेंसी को दी जाएगी।
तीन साल से नहीं बढ़ा मानदेय
स्पेशल एजुकेटर के रूप में कार्य करने वाले शिक्षकों का मानदेय पिछले तीन साल से नहीं बढ़ा है। इन शिक्षकों को कहना है कि मानदेय में इजाफा सरकार को करना चाहिए। वर्तमान समय में स्पेशल एजुकेटर के रूप में काम करने वाले शिक्षकों को 15,950 रुपए मानदेय के रूप में मिलते हैं।
स्पेशल एजुकेटर की नियुक्ति अभी तक संविदा कर्मी के रूप में होती थी। अब जेम पोर्टल के माध्यम से एजेंसी का चयन कर स्पेशल एजुकेटर तैनात किए जाएंगे। समय सीमा के अन्दर चयन प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी:विजय प्रताप सिंह , बेसिक शिक्षा अधिकारी
धामपुर / स्योहारा | प्रदेश के शिक्षामित्रों की नौकरी की बहाली के लिए अयोध्या में 16 से 21 अक्तूबर तक पांच दिवसीय होने वाले महायज्ञ की सफलता के लिए जिले के शिक्षामित्रों ने ताकत झोंक दी है। जिले में ब्लॉकवार बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। बिजनौर से अयोध्या में पिछले दिनों संपन्न हुई बैठक में छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रतिभाग किया था। बताया गया कि इसको लेकर तीन अक्तूबर को 10 बजे से रामलीला ग्राउंड नगीना और धामपुर में 12 बजे बैठक होगी।
कंपनी बाग इटावा में श्री राजू दास महाराज शिक्षामित्र उत्थान समिति जनपद इटावा उत्तर प्रदेश द्वारा एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें समस्त जनपद के शिक्षामित्र साथियों ने सैकड़ों की संख्या में उपस्थिति दर्ज कराई। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष इटावा श्री वीरेंद्र सिंह द्वारा की गई। बैठक में आए समिति के प्रदेश अध्यक्ष श्री रविंद्र प्रताप सिंह जी ने सभी शिक्षामित्रों को संबोधित करते हुए कहा की सभी शिक्षामित्रों को 16-10-2021 से लेकर 21-10-2021 तक अयोध्या में आयोजित पांच दिवसीय कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में एवं अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना है। रविंद्र जी ने कहा की हम शिक्षामित्रों के साथ सरकार ने सौतेला व्यवहार किया है हम सभी सरकार से चाहते हैं कि हमारा खोया हुआ मान सम्मान वापस दिलाया जाए। जो हमारा मान सम्मान वापस दिलाएगा वही यूपी पर भी राज करेगा। हम सभी शिक्षामित्र हमेशा से अपने मान सम्मान के लिए लड़ते आए हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे। रविंद्र जी ने कहा कि शिक्षामित्र अयोध्या पहुंचकर एक करोड़ दीपक भी जलाएंगे। प्रदेश अध्यक्ष जी ने कहा की शिक्षामित्र जो भी सहायता राशि समिति में देंगे उसका किसी भी तरह से दुरुपयोग नहीं होगा उस राशि को शिक्षामित्रों के संगठन को मजबूत करने में लगाया जाएगा। शिक्षामित्र का संगठन जितना अधिक मजबूत होगा उतनी ही अधिक मजबूती से सरकार के सामने अपने मान सम्मान के लिए लड़ सकेगा। पिंकी राठौर जोकि जिला मैनपुरी से महिला महामंत्री हैं उन्होंने महिला शिक्षा मित्रों को संबोधित करते हुए रानी लक्ष्मीबाई का उदाहरण देकर मान सम्मान की लड़ाई में बढ़चढ़कर आगे आने को कहा। जिला अध्यक्ष इटावा श्री वीरेंद्र सिंह जी द्वारा सभी साथियों से विशेष अनुरोध किया गया कि वह अधिक से अधिक संख्या में अयोध्या पहुंचे हैं और सरकार को अपनी ताकत दिखाएं। जिला अध्यक्ष इटावा की ओर से मृत हुए 5000 शिक्षामित्रों की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। जिला अध्यक्ष मैनपुरी श्री महेश जी राजपूत द्वारा कहा गया की शिक्षामित्र को सरकार हल्के में ना लें। हम शिक्षामित्रों की संख्या 172000 है सरकार इसे केवल 172000 ही ना समझे क्योंकि यह 172000 परिवार है। यदि सभी शिक्षामित्र एक साथ सड़कों पर उतर आया तो सरकार को संभालना मुश्किल हो जाएगा
शैक्षिक सत्र 2021-22 में निःशुल्क यूनीफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग एवं जूता-मोजा क्रय से सम्ब्न्धित धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से सीधे छात्र/छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों के खाते में हस्तान्तरित कराये जाने के संबंध मे।