यूपी जनसंख्या नीति 2021-2030 जारी, देखें करें डाउनलोड

जनसंख्या नीति 2021-2030 जारी, 40 पेज में जारी हुई जनसंख्या नीति आप नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर इसे pdf में डाउनलोड कर सकते हैं।
क्या है नई नीति
नई जनसंख्या नीति के तहत वर्ष 2021-30 की अवधि के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाया जाएगा। सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था होगी। उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात व मातृ मृत्यु दर को कम करने और नपुंसकता/बांझपन की समस्या के सुलभ समाधान उपलब्ध कराते हुए जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयास भी किए जाएंगे।

नवीन नीति में एक अहम प्रस्ताव 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आबादी विस्तार के लिए गरीबी और अशिक्षा बड़ा कारक है। प्रदेश की निवर्तमान जनसंख्या नीति 2000-16 की अवधि समाप्त हो चुकी है।

नौकरी में मिलेगा प्रमोशन
उत्तर प्रदेश सरकार उन कर्मचारियों को पदोन्नति (प्रमोशन), वेतन वृद्धि (इनक्रीमेंट), आवास योजनाओं में रियायतें और अन्य भत्ते देगी जो जनसंख्या नियंत्रण मानदंडों का पालन करेंगे या जिनके दो या उससे कम बच्चे हैं। दो संतानों के मानदंड को अपनाने वाले सरकारी कर्मचारियों को पूरी सेवा के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि, पूरे वेतन और भत्तों के साथ 12 महीने का मातृत्व या पितृत्व अवकाश और राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत नियोक्ता (employer) अंशदान कोष में तीन प्रतिशत की वृद्धि मिलेगी।

20 साल तक फ्री मिलेंगी चिकित्सा सुविधा
जो लोग सरकारी कर्मचारी नहीं हैं और जनसंख्या को नियंत्रित करने में योगदान देते हैं, उन्हें पानी, आवास, गृह ऋण आदि करों में छूट जैसे लाभ मिलेंगे। यदि किसी बच्चे के माता-पिता या कोई एक नसबंदी का विकल्प चुनता है तो उन्हें 20 साल की उम्र तक मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी।

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दो बच्चों वाले सरकारी सेवकों के वेतन में ज्यादा वृद्धि होगी: जनसंख्या नीति में प्रस्ताव

जनसंख्या नियंत्रण के उद्देश्य से राज्य विधि आयोग की तरफ से तैयार किए जा रहे नए कानून के मसौदे में दो बच्चों की नीति को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रस्ताव शामिल किए गए हैं।

इसमें दो बच्चों वाले सरकारी सेवकों को सेवाकाल में दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि, मुफ्त चिकित्सा व सस्ती ऋण सुविधा तथा सरकारी संस्थाओं से भवन भूखंड खरीदने पर छूट दिए जाने का प्रावधान शामिल है। आम जनता के सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित करके आयोग उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) एक्ट 2021 के मसौदे को अंतिम रूप देने में जुटा है। आयोग एक्ट का यह मसौदा विचार के लिए राज्य सरकार को सौंपेगा। आयोग ने अपने मसौदे में दो बच्चों की नीति को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की सुविधाएं देने का प्रस्ताव किया है। ये सुविधाएं सरकारी नौकरी करने वाले ऐसे माता-पिता को दी जाएंगी, जो दो बच्चों के बाद स्वेच्छा से ऑपरेशन कराएंगे। आयोग ने ऐसे सरकारी सेवकों को सेवाकाल में दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि हाउसिंग बोर्ड या विकास
प्राधिकरणों से भवन या भूखंड खरीदने परछूट घर बनाने के लिए सस्ती ब्याज दर पर ऋण सुविधा, बिजली गृहकर व जलकर में छूट दिए जाने, पीएफ फंड में तीन प्रतिशत की वृद्धि जाने, निःशुल्क चिकित्सा सुविधा या बीमा सुविधा देने तथा पूर्ण वेतन के साथ 12 महीने का मातृत्व या पितृत्व अवकाश दिए जाने जैसे प्रोत्साहन देने की सिफारिश की है।


बहु विवाह में रहेंगी ये बंदिशें

आयोग ने बहु विवाह की स्थिति में अलग तरह की शर्तें रखी हैं। यदि एक व्यक्ति ने दो या दो से अधिक शादियां की है तो उसकी सभी पत्नियों के बच्चों की संख्या एक साथ जोड़ी जाएगी। यदि दो बच्चों में से कोई एक या दोनों बच्चे दिव्यांग होंगे तो तीसरे बच्चे के होने पर एक्ट का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। इसी तरह यदि दो बच्चों में से किसी एक या दोनों की मृत्यु हो जाती है और फिर तीसरा बच्चा पैदा होता है तो भी एक्ट का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। एक बच्चे के बाद दूसरे बच्चे के समय जुड़वा बच्चे पैदा होने की स्थिति में भी एक्ट का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।