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Category: पंचायत चुनाव आरक्षण अधिसूचना
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव : सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार किया ,आरक्षण आवंटन मामले में दखल से इनकार
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव से जुड़ी खबर ➡सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार किया ➡आरक्षण आवंटन मामले में दखल से इनकार
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव से जुड़ी खबर
🔴सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार किया
🔴आरक्षण आवंटन मामले में दखल से इनकार
🔴SC ने याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाने को कहा
🔴दोनों याचिकाकर्ता हाईकोर्ट जाएं- सुप्रीम कोर्ट
🔴गोरखपुर,अयोध्या के याचिकाकर्ता HC जाएं- SC
UP PANCHAYAT ELECTION 2021 RESERVATION LIST: जानिए, पंचायत चुनाव के लिए किस-किस जिले में आज जारी होगी आरक्षण लिस्ट
यूपी में होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर नए सिरे से तय किए गये पदों के आरक्षण और आरक्षित सीटों के आवंटन की पहली सूची शनिवार 20 मार्च से प्रकाशित होना शुरू होगी।
ग्राम प्रधान, ब्लाक प्रमुख, ग्राम पंचायत सदस्य व जिला तथा क्षेत्र पंचायत सदस्य के पदों के आरक्षण व आरक्षित सीटों के आवंटन की यह सूची ब्लाक मुख्यालय और जिलाधिकारी कार्यालय पर देखी जा सकेगी। सोमवार 22 मार्च तक इन सूचियों का प्रकाशन होगा। इसके साथ ही 20 मार्च से 23 मार्च के बीच इस पहली सूची पर दावे और आपत्तियां दाखिल की जा सकेंगी। 24 से 25 मार्च के बीच इन दावे और आपत्तियों का संकलन कर उनका निस्तारण किया जाएगा। इसके साथ ही अंतिम सूची तैयार की जाएगी। 26 मार्च को इस अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा।
जानिए किन-किन जिलाें में होगी लिस्ट जारी :
वाराणसी, मेरठ, संभल, हापुड़, कानपुर, एटा, फिराेजाबाद, मैनपुरी, कुशीनगर, देवरिया, बस्ती, गोरखपुर सहारनपुर, बलिया, गाजियाबाद आदि जिलों में आरक्षण सूची जारी होना तय है। इसके अलावा भी कुछ और जिलों में लिस्ट जारी होगी। जिन जिलों में आज लिस्ट नहीं आएगी वहां कल (रविवार) को लिस्ट जारी होने की संभावना है।
संभल में तैयारी पूरी :
संभल जिले में आरक्षण की प्रक्रिया को लेकर इंतजार शनिवार को खत्म हो जाएगा। जिला प्रशासन शनिवार को पूरा आरक्षण जारी कर देगा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आरक्षण को लेकर शुक्रवार को दिन भर विकास खंडों से लेकर डीपीआरओ दफ्तर तक आरक्षण की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में सरकारी अफसर जुटे दिखाई दिए। सरकार द्वारा दिए गए निर्देश 2015 के आधार पर आरक्षण प्रक्रिया के जहां एक ओर अधिकारी आंकड़े जुटाकर उनके हिसाब से जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य को लेकर पूरी कवायद कर रहे थे। डीएम संजीव रंजन के निर्देशानुसार बिना त्रुटि के आरक्षण को अंतिम रूप दिया जा रहा था। देर रात्रि तक अधिकारी इसी प्रक्रिया को करते रहे ।अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो शनिवार को जिले के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी और जिला प्रशासन आरक्षण की सूची जारी करते हुए इसे आपत्ति के लिए चस्पा कर देगा।
कानपुर में रातभर चलता रहा मंथन :
आरक्षण सूची को लेकर कानपुर विकास भवन में दिनभर और रात तक मंथन चलता रहा। अब शनिवार को डीएम की मुहर लगने के बाद आरक्षण सूची जारी कर दी जाएगी। जिला पंचायतराज अधिकारी कमल किशोर ने बताया कि अधिकतर लोगों के पास एंड्रायड फोन है। ऐसे में आरक्षण सूची को पीडीएफ फाइल के रूप में जारी किया जाएगा। इससे यह सभी एंड्रायड मोबाइल में खुल जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर जारी होने के कुछ ही देर में आरक्षण सूची दावेदारों तक पहुंच जाएगी और लोग सीट का पलक झपकते ही आरक्षण जान सकेंगे। पहले लोग फोटोकॉपी कराने में पैसे खर्च करते थे। अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा।
मेरठ में प्रस्ताव तैयार :
मेरठ जिला प्रशासन और पंचायती राज विभाग ने त्रिस्तरीय पंचायतों के आरक्षण को अंतिम रूप दे दिया। प्रस्ताव तैयार कर लिए गए। शनिवार सुबह आम जनता के लिए जारी कर दिया जाएगा। विशेष बात यह है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब मेरठ जिला पंचायत और ग्राम पंचायतों के आरक्षण में भारी उलटफेर हो गया है। जिला पंचायत में सरधना, सिवालखास क्षेत्र की सीटें आरक्षित से अनारक्षित हो गई हैं। हालांकि आधिकारिक घोषणा शनिवार सुबह की जाएगी। डीपीआरओ आलोक सिन्हा ने बताया कि प्रस्ताव तैयार हो गए हैं। सुबह जारी होगा।
वाराणसी में हुई बैठक :
वाराणसी में भी पंचायत चुनाव के संबंध में ग्राम प्रधान, पंचायत सदस्य समेत अन्य पदों पर आरक्षण की दूसरी सूची शनिवार को जारी होगी। शुक्रवार को ग्राम पंचायतवार आरक्षण की सूची को संशोधित किया गया। विकास भवन में देर शाम सीडीओ मधुसूदन हुल्गी की अध्यक्षता में सभी बीडीओ की बैठक हुई। जिसमें ब्लॉकवार आरक्षण सूची की जांच की गई। पिछली सूची में हुई गड़बड़ी से सीख लेते हुए अधिकारियों ने इस बार गंभीरता से कार्य करने का दावा किया है। गड़बड़ी सामने आने के बाद सीडीओ ने आरक्षण सूची जारी करने की जिम्मेदारी खुद ली है।
यूपी पंचायत चुनाव : एक सीट का भी आरक्षण बदला तो छह सीटों पर पड़ेगा असर, जानें कैसे होगा रिजर्वेशन
हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद से एक बार फिर से गांव देहात की राजनीति में गर्माहट आ गई है। सोमवार दोपहर 2015 के आरक्षण के आधार पर त्रिस्तीय पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया को लागू करने के कोर्ट के आदेश के बाद उन तमाम लोगों के चेहरे पर रौनक लौट आई जो इस बार हुए आरक्षण की वजह से चुनाव नहीं लड़ सकते थे। गांवों में फिर से नये समीकरण बनाए जाने लगे। आरक्षण व्यवस्था बदलने मात्र की खबर से ही संभावित प्रत्याशी भी बदले जाने लगे हैं।
पंचायतराज विभाग में भी गुणा गणित का दौर शुरू हो गया है। अगर एक सीट का आरक्षण बदलेगा तो उसका असर छह सीटों पर पड़ता है। इस तरह से देखा जाए तो प्रधान पदों पर शाहजहांपुर जिले में 400 आपत्तियां थीं, इस तरह से बड़ी संख्या में ग्राम पंचायतों का आरक्षण बदलेगा। इसी तरह से बीडीसी, ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत के वार्डों के आरक्षण पर भी खासा बदलाव देखने को मिल सकता है। अभी जब आरक्षण जारी किया गया तो गांवों में दावतों का दौर शुरू हो गया था, लेकिन कोर्ट ने जैसे ही आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगाई तो प्रत्याशियों के घरों में जल रहे चूल्हों की आंच कम हो गई थी। अनिश्चितता का माहौल हो गया था। पर अब सोमवार को जब कोर्ट ने कहा कि 2015 के हिसाब से ही आरक्षण लागू किया जाए तो नये संभावित प्रत्याशियों की बांछें खिल गईं। इस दौरान लोगों ने गांव में चौपालों पर भीड़ लगानी शुरू कर दी।
एक-दूसरे से फोन पर संपर्क कर आगे की संभावनाओं पर लोग चर्चा करने लगे। कोर्ट के आदेश के अनुसार अगर आरक्षण लागू होता है तो सबसे ज्यादा फायदा सामान्य वर्ग के लोगों को होगा, क्योंकि सबसे ज्यादा परेशानी में भी सामान्य वर्ग के ही लोग आ गए थे। शाहजहांपुर में आरक्षण को लेकर सबसे ज्यादा आपत्तियां भी सामान्य वर्ग के लोगों ने दाखिल की थीं।
किसी के चूर तो किसी के साकार होंगे प्रधान बनने के सपने
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सीटों पर आरक्षण को लेकर अंतिम प्रकाशन की तारीख से एक दिन पहले ही एक जनहित याचिका पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी। अब सोमवार को हाईकोर्ट ने कहा कि 2015 को आधार मानते हुए सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए। इसके पूर्व राज्य सरकार ने कहा कि वह वर्ष 2015 को आधार मानकर आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार है। साथ ही 25 मई तक पंचायत चुनाव संपन्न कराने के आदेश दिया गया है। इस व्यवस्था के तहत हजारों लोग ऐसे थे, जिन्हें फायदा होगा। पूर्व में जारी आरक्षण के आधार पर अब तमाम लोग चुनाव लड़ने से वंचित हो रहे थे, वह अब फिर से अपनी किस्मत को आजमा सकते हैं। लागू होने वाले आरक्षण के कारण अब बहुतों को मायूसी होगी तो वहीं बहुतों की किस्मत चमकेगी।
अधिकारी-कर्मचारियों में चलता रहा मंथन
सोमवार को जनहित याचिका पर आये हाईकोर्ट के आदेश को लेकर सोमवार को डीपीआरओ दफ्तर में अधिकारियों और कर्मचारियों में मंथन चलता रहा, क्योंकि अब फिर से आरक्षण प्रक्रिया को लेकर अफसरों और कर्मचारियों को खाका तैयार करने के लिए जुटना होगा। डीपीआरओ पवन कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश को लेकर अभी तक कोई शासनादेश प्राप्त नहीं हुआ है। शासनादेश आने के बाद ही कार्यालय में पंचायत चुनाव को लेकर आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी