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बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2020 : कोरोना के डर से शिक्षक कर रहे हैं विरोध
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नई शिक्षा नीति में शिक्षकों की गुणवत्ता का स्तर और ऊपर उठाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। नई स्कूली शिक्षा व्यवस्था में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के स्वरूप में भी बदलाव होंगे। अभी तक टीईटी परीक्षा दो हिस्सों में बंटी हुई थी- पार्ट 1 और पार्ट 2। लेकिन अब स्कूली शिक्षा व्यवस्था का स्ट्रक्चर चार हिस्सों में बंटा होगा – फाउंडेशन, प्रीपेरेटरी, मिडल और सेकेंडरी। इसी के मुताबिक टीईटी का पैटर्न भी सेट किया जाएगा। विषय शिक्षकों की भर्ती के समय टीईटी या संबंधित सब्जेक्ट में एनटीए टेस्ट स्कोर भी चेक किया जा सकता है। सभी विषयों की परीक्षाएं और एक कॉमन एप्टीट्यूट टेस्ट का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करेगा।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, जो उम्मीदवार टीईटी पास करेंगे, उन्हें एक डेमोस्ट्रेशन या इंटरव्यू देकर स्थानीय भाषा में अपना ज्ञान दिखाना होगा। नई शिक्षा नीति के मुताबिक अब इंटरव्यू शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा होगा। इंटरव्यू में देखा जाएगा कि शिक्षक क्षेत्रीय भाषा में बच्चों को आसानी और सहजता के साथ पढ़ाने के काबिल है या नहीं। टीईटी पास करने के साथ प्राइवेट स्कूलों में भी यह शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य होगा। स्कलों में शिक्षकों की भर्ती और वैकेंसी का ब्योरा डिजिटली मैनेज होगा। शिक्षकों की भर्ती को लेकर एक विस्तृत योजना बनेगी।
बीएड में बदलाव
नई शिक्षा नीति में कहा गया है कि शिक्षक बनने के लिए चार वर्षीय बीएड डिग्री साल 2030 से न्यूनतम क्वालिफिकेशन होगी। निम्न स्तर के शिक्षण शिक्षा संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नई शिक्षा नीति के दस्तावेज के अनुसार साल 2022 तक राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) शिक्षकों के लिए एक साझा राष्ट्रीय पेशेवर मानक तैयार करेगी। इसके लिए एनसीईआरटी, एससीईआरटी, शिक्षकों और सभी क्षेत्रों के विशेषज्ञ संगठनों के साथ परामर्श किया जाएगा।
शिक्षकों का प्रमोशन
पेशेवर मानकों की समीक्षा एवं संशोधन 2030 में होगा और इसके बाद प्रत्येक 10 वर्ष में होगा। दस्तावेज में कहा गया है कि शिक्षकों को पारदर्शी प्रक्रिया के जरिये भर्ती किया जाएगा। पदोन्नति योग्यता आधारित होगी। समय-समय पर कार्य-प्रदर्शन का आकलन के आधार पर शैक्षणिक प्रशासक बनने की व्यवस्था होगी।
यूपी में 9 अगस्त को होगी बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2020, लखनऊ विश्वविद्यालय के अनुरोध पर यूपी सरकार ने दी अनुमति, परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए 8 और 9 को चलेंगे सभी सार्वजनिक वाहन
यह प्रवेश पत्र लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे
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https://www.lkouniv.ac.in/en/page/live-streaming-of-convocation लिंक पर क्लिक कर अभ्यर्थी अपने पंजीकरण नम्बर से प्रवेश पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
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इस बार की बीएड प्रवेश परीक्षा लखनऊ विश्वविद्यालय करा रहा है। परीक्षा के लिए करीब 4.31 लाख अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया है। परीक्षा आगामी नौ अगस्त को प्रस्तावित है।
परीक्षा की प्रवेश समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेई ने बताया कि प्रवेश परीक्षा की लगभग सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है। इसलिए अब कोशिश है सोमवार तक अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र जल्द से जल्द वेबसाइट पर अपलोड कर दें। सोमवार को सुबह एक प्रवेश पत्र को नमूने के तौर पर पहले अपलोड करेंगे। सबकुछ ठीक रहा तो शाम तक सभी के प्रवेश पत्र जारी कर दिए जाएंगे। यह प्रवेश पत्र लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे। https://www.lkouniv.ac.in/en/page/live-streaming-of-convocation लिंक पर क्लिक कर अभ्यर्थी अपने पंजीकरण नम्बर से प्रवेश पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
इस बार परीक्षा के लिए 73 जिलों में केन्द्र बनाए गए हैं। दावा है कि अभ्यर्थियों को अपने घर से ज्यादा दूर न सफर करना पड़े, इसका ध्यान रखा गया है। सभी जिलों में पांच अधिकारियों की टीम बनाई गई है। इनमें, उच्च शिक्षा अधिकार, जिले का डीआईओएस, जिलाधिकारी, राज्य विश्वविद्यालयों से नामित नोडल कॉर्डिनेटर, पर्यवेक्षक शामिल होगा। सभी केन्द्रों पर कोरोना संक्रमण से बचाव की व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
दावा है कि केन्द्र के भवन से लेकर अभ्यर्थियों के बैठने की जगह तक को सैनिटाइज किया जाएगा। थर्मल स्कैनिंग के बाद ही अभ्यर्थियों को केन्द्र में प्रवेश दिया जाएगा। अगर किसी अभ्यर्थी के शरीर का तापमान अधिक भी पाया जाता है तो उसे परीक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा। उसे अलग बैठाकर परीक्षा कराई जाएगी।