Category: B.ed
अवैध बीएड डबल बेंच लखनऊ हाईकोर्ट तमाम सवाल और जवाब
यह पोस्ट प्रदेश भर के तमाम साथियों के विशेष आग्रह पर जिन्होंने बीएड विरोध हेतु राजबसु यादव या मुझे डबल बेंच में सहयोग किया है और कर रहे हैं उन्हें आश्वश्त करना चाहता हूँ, कि आपके लिए बीएड विरोध पर वह टीम खड़ी है जिसने टीईटी-2017 में 4500 लोगों को न्यायालय से पास कराया और 68500 में लोग नियुक्त भी हुए साथ ही 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में टीईटी 2017 अनुत्तीर्ण साथियों ने परीक्षा भी दी, 68500 की सीबीआई जाँच में भी टीम के सदस्यों का योगदान रहा है, ये सब इसलिए कि आज किसी ने पूछा टीम के केस लड़ने से अब तक किसी का भला भी हुआ है या नही….. मुद्दे की बात करें तो सभी साथी परेशान है कि डबल बेंच में रिट कब फाइल हो रही है, तो पहली बात अभी टीम के पास उतना अमाउंट ही नही हुआ जिससे किसी सीनियर को स्टैंड कराया जा सके, फिर भी सभी गिले शिकवों को दरकिनार करते हुए टीम के एक एक सदस्य ने कड़ी मेहनत कर एडवोकेट अमित भदौरिया साहब से रिट को फाइनल करा लिया है और प्रदेश भर के सभी साथियों की गुडविल पर फीस का आधा हिस्सा जमा न होते हुए भी भदौरिया साहब रिट फ़ाइल करने के लिए तैयार बैठे हैं। एडवोकेट अमित भदौरिया साहब के कुछ लीगल डिस्क्रेशन के चलते उन्ही के द्वारा रिट को रोक कर रखा गया है, क्योंकि उन्हें बखूबी इल्म है की कौन सी चोट कहाँ और कब करनी है? टीम पूरी तरह से प्रयासरत है, इसी सप्ताह रिट एडमिट हो जाए, किन्तु आखिरी निर्णय भदौरिया साहब का ही मान्य होगा। कुछ विशेष आप सभी के लिए:-
*1:- ऑब्जेक्शन से शुरू करें तो 40-45 पर दाखिल ऑब्जेक्शन में 69000 के साथ 28 जून 2018 को जारी एनसीटीई के अवैध पत्र हेतु पर्याप्त मसाला है।*
*2:- अवैध बीएड को लेकर 69000 मुश्किल ही नही नामुमकिन है, क्योंकि जो विधिक जानकारी रखते हैं वो बखूबी परिचित होंगे 2011 में जस्टिस अरुण टण्डन के जजमेंट से जो शिव प्रकाश कुशवाहा केस में हुआ था।*
*3:- एमएचआरडी गवर्निंग बॉडी है, जिसने आर्टिकल 23 क्लॉज 2 में न्यूनतम अहर्ता धारक न होने पर 72825 बीएड को लेकर किया था और उसी समय कहा था कि उत्तर प्रदेश राज्य न्यूनतम अहर्ता धारी पैदा करे, अब जब अहर्ता धारी पैदा हो गए तो उनका लालन पालन भी तो राज्य की जिम्मेदारी है, लेकिन राज्य ने इसके उलट अवैध तरीके से राजनैतिक लाभ के लिए अन्य योग्यताधारियों को ऐड किया।*
*4:- डबल बेंच में अवैध बीएड पर 69000 में एक स्टे और बनता है…अगर सरकार ने जल्दबाजी की तो।*
*5:- 69000 का खेल 1 दिसम्बर 2018 को शुरू हो चुका है, जो की 22 वें संशोधन पर है और 22 वें संशोधन पर बीएड की कोई वेलिडिटी नही है, रही बात 1 दिसम्बर 2018 की गाइडलाइन में 28 जून 2018 एनसीटीई का अवैध पत्र शामिल है तो वो अवैध पत्र कलकत्ता में स्टे है।*
इतना पर्याप्त है बाकी है बहुत कुछ है आप सभी धैर्य रखें…खासकर राजबसु यादव टीम के मेम्बर या उनसे जुड़े सम्मानित सदस्य टीम के सदस्यों से रिट कब तक फ़ाइल होगी, जल्दी कर दो या समय निकल जाएगा? आदि प्रश्न न करें।
क्योंकि…. *हम (बीटीसी/डीएलएड) प्राथमिक के लिए गुणवत्तायुक्त हैं वो भी पूरे 2 वर्ष वाले और यह गुणवत्ता 6 महीने का दिखावा नही एक आदत है।*
बीएड : भारांक सर्टिफिकेट में गड़बड़ी को दुरुस्त करने का मिलेगा मौका, 15 अप्रैल को हुई थी बीएड की राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा
लंबे इंतजार के बाद सपा शासन की शिक्षक भर्ती 72825 की फीस वापसी शुरू
प्रयागराज : लंबे इंतजार के बाद सपा शासन की शिक्षक भर्ती की फीस वापसी शुरू हो रही है। हालांकि अभी सब अभ्यर्थियों की सूची फाइनल नहीं हो सकी है, जिन्हें धन लौटाया जाना है। कुछ जिलों ने बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय से धन की डिमांड जरूर की है। ऐसे जिलों में अनुमोदन भेजा जा रहा है। बाकी जिलों व डायटों पर अभ्यर्थियों के फीस वापसी आवेदन पत्रों का मिलान चल रहा है। यह पूरा होते ही उनके खातों में धन भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में 30 नवंबर 2011 को 72825 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी। सूबे में सपा की सरकार आने पर पांच दिसंबर 2012 को इन पदों के लिए शैक्षिक मेरिट के आधार पर नियुक्ति का विज्ञापन जारी किया गया। प्रकरण शीर्ष कोर्ट तक पहुंचा तो टीईटी मेरिट पर ही नियुक्ति के निर्देश हुए। उससे पहले ही पांच दिसंबर 2012 विज्ञापन के तहत हजारों अभ्यर्थियों ने अलग-अलग जिलों में नियुक्ति पाने के लिए आवेदन किए, इसके लिए बड़े पैमाने पर फीस अदा की। सपा शासनकाल में ही 23 फरवरी 2015 को ही फीस वापसी का आदेश हुआ लेकिन, उसका अनुपालन नहीं हो सका। योगी सरकार ने अक्टूबर 2018 में निर्णय लिया कि अभ्यर्थियों को फीस उनके खाते में वापस की जाएगी। परिषद की ओर से दो नवंबर 2018 को आदेश जारी हुआ। अभ्यर्थियों से तीन से तीस नवंबर तक साक्ष्य सहित आवेदन लिए गए। एक से 15 दिसंबर तक बेसिक शिक्षा अधिकारियों को डाटा से आवेदन पत्रों का मिलान किया जाना था। 16 से 22 दिसंबर तक फीस वापसी के लिए वैध आवेदन पत्रों की सूची को अंतिम रूप देने के निर्देश थे। यह भी कहा गया कि 23 दिसंबर से सात जनवरी तक बेसिक शिक्षा परिषद डायट प्राचार्यो को धनराशि आवंटित करेगा और आठ से 23 जनवरी तक डायट प्राचार्य अभ्यर्थियों के खाते में धनराशि सीधे भेजेंगे। यह समय सारिणी परवान नहीं चढ़ सकी। अब तक बीएसए व डायट प्राचार्य उन अभ्यर्थियों की सूची तैयार नहीं कर सके हैं, जिन्हें फीस वापस की जानी है, बल्कि कुछ जिलों ने यह कार्य जरूर पूरा कर लिया है। वहां से धन की डिमांड होने पर उसका अनुमोदन भेजा जा रहा है। परिषद मुख्यालय की मानें तो अब इसमें तेजी आएगी और जल्द ही सभी को फीस वापस मिलेगी।