उत्तर प्रदेश में प्राइमरी शिक्षकों का ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों में तबादला अब आसान हो जाएगा। प्रदेश सरकार ने शहरी और ग्रामीण काडर खत्म करने का निर्णय लिया है। इसके साथ नई शिक्षा नीति के तहत अंग्रेजी माध्यम के परिषदीय स्कूलों को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है। बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने कानपुर में ये ऐलान किए।
बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में बुधवार को आयोजित गुरु वंदना कार्यक्रम में भाग लेने आए बेसिक शिक्षा मंत्री पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि परिषदीय शिक्षा में शिक्षकों के नगरीय और ग्रामीण काडर को समाप्त कर दिया जाएगा। इससे शिक्षकों के ग्रामीण क्षेत्र से नगरों में स्थानांतरण आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक सरप्लस हैं और नगरीय क्षेत्र में शिक्षकों की कमी है। काडर समाप्त होने से शिक्षकों की नगर क्षेत्र में कमी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अंग्रेज़ी माध्यम के परिषदीय स्कूल खोले गए थे लेकिन अब नई शिक्षा नीति में इसे समाप्त कर दिया जाएगा।
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अंग्रेजी स्कूल में तैनाती के लिए हाईकोर्ट की शरण में शिक्षक, 13 जिलों में फंसी है तैनाती।
अंग्रेजी स्कूल में तैनाती के लिए हाईकोर्ट की शरण में शिक्षक, 13 जिलों में फंसी है तैनाती।
बेसिक शिक्षा परिषद के अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। जिले में सवा साल से तैनाती के लिए भटक रहीं प्रतिभा सिंह और 43 अन्य शिक्षकों ने शासनादेश के अनुरूप अंग्रेजी स्कूलों में तैनाती की गुहार लगाई है। इस मामले की अगली सुनवाई नौ नवंबर को होनी है।
चयनित शिक्षकों का तर्क है कि 29 मई को शासन ने अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में तैनाती पर रोक हटा ली थी। लेकिन इसके पांच महीने बाद भी प्रयागराज में तैनाती नहीं की गई है। जिले में सत्र 2019-20 में 110 प्राथमिक 24 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के चयन के लिए 25 मार्च 2019 तक आवेदन लिए गए थे।
16 मई को परीक्षा हुई और 26 जून से 1 जुलाई तक सफल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार हुआ। 31 अगस्त और 1 सितंबर 2019 को चयनित शिक्षकों से स्कूलों के विकल्प भराए गए। लेकिन इसके बाद तैनाती नहीं की गई। चयनित शिक्षकों ने कई बार बीएसए और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से वार्ता की तो हर बार अफसरों ने एक-दूसरे पर टाल दिया।
सवा साल बाद भी तैनाती नहीं होने से दु:खी शिक्षकों ने कोर्ट में याचिका कर दी। इससे पहले रामनाथपुर के ग्राम प्रधान और अन्य 5 प्रधान भी अपने गांव में इंग्लिश मीडियम स्कूल बनने के बावजूद शिक्षकों की नियुक्ति न होने को लेकर याचिकाएं कर चुके हैं।
13 जिलों में फंसी है तैनाती
प्रदेश के 13 जिलों में अंग्रेजी माध्यम परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में हजारों शिक्षकों की तैनाती फंसी है। अकेले प्रयागराज में ही लगभग 500 शिक्षक तैनाती का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा लखनऊ, मथुरा, फतेहपुर व बदायूं समेत 13 जिले हैं जहां तैनाती नहीं हो सकी है। प्रदेश में लगभग 15 हजार प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूल अंग्रेजी माध्यम से संचालित हैं।
फतेहपुर : बीत गया पिछला सत्र, अंग्रेजी स्कूलों को नहीं मिले शिक्षक, बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों को नहीं आवंटित कर सका स्कूल, कागजों में अंग्रेजी माध्यम, हकीकत में हिंदी माध्यम में होती रही पढ़ाई
फतेहपुर : बीत गया पिछला सत्र, अंग्रेजी स्कूलों को नहीं मिले शिक्षक, बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों को नहीं आवंटित कर सका स्कूल, कागजों में अंग्रेजी माध्यम, हकीकत में हिंदी माध्यम में होती रही पढ़ाईफतेहपुर : बीत गया पिछला सत्र, अंग्रेजी स्कूलों को नहीं मिले शिक्षक, बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों को नहीं आवंटित कर सका स्कूल, कागजों में अंग्रेजी माध्यम, हकीकत में हिंदी माध्यम में होती रही पढ़ाई।
फतेहपुर : पिछला शैक्षिक सत्र बीतने के बाद अब नवीन सत्र भी शुरू हो गया लेकिन जिले का बेसिक शिक्षा विभाग पिछले वर्ष घोषित किए गए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को शिक्षक मुहैया नहीं करा सका।
शासन की मंशा के मुताबिक जिले के 75 प्राथमिक एवं 19 उच्च प्राथमिक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का दर्जा प्रदान कर शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया शुरू की गई थी।पहले सत्र की सफलता को देशासन की मंशा मुताबिक जिले से कुल 94 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित करने का फैसला किया गया।
पांच सौ से अधिक शिक्षकों ने इन स्कूलों में पदस्थापित होने के लिए आवेदन किए थे। विभाग अगस्त माह तक आवेदन करने वाले शिक्षकों की लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार ही करा सका था।
कागज में अंग्रेजी जमीन में हिन्दी :: पहले सत्र में 65 प्राथमिक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बदला था तो वहीं पिछले सत्र में 19 उच्च प्राथमिक विद्यालय शामिल करते हुए कुल 94 स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम का दर्जा दिया था। इन स्कूलों में हिन्दी माध्यम से ही पढ़ाई होती रही। सूत्र बताते हैं कि पिछले सत्र में जब शिक्षकों के म्युचुअल ट्रांसफर किए गए थे कुछ ऐसे शिक्षकों को भी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में भेज दिया गया जो अंग्रेजी स्कूलों में पदस्थापित होने की अर्हता नहीं रखते हैं।
अंग्रेजी स्कूलों के शिक्षकों की उम्मीद जगी, 10 महीने से चयन के बाद भी नियुक्ति का इंतजार कर रहे शिक्षक
जिले के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती का इंतजार खत्म हो सकता है। लगभग 10 महीने से चयन के बाद भी नियुक्ति का इंतजार कर रहे शिक्षकों की तैनाती को लेकर निदेशक बेसिक शिक्षा की ओर से सकारात्मक रवैया अपनाए जाने के बाद शिक्षकों को उम्मीद है कि जल्द उनकी तैनाती हो जाएगी। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में जनपद के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को ही समायोजित किया जाना है।