50 वर्ष से अधिक आयु प्राप्त प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक/शिक्षक शिक्षणेत्तर कर्मियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के संबंध में आदेश जारी

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68500 शिक्षक भर्ती के पुनः पुनर्मूल्यांकन का रिजल्ट आज दोपहर होगा घोषित। यहाँ से देखें रिजल्ट👇

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50 साल पर कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्त मंजूर नहीं : परिषद

लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने सरकार के 50 साल की उम्र या 30 साल की सेवा पर कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्त के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान किया है।परिषद ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि स्वास्थ्य विभाग सरकार के इस आदेश की गलत व्याख्या कर रहा है।इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

ब्रेकिंग न्यूज़:- केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति कि आज में परिवर्तन करने का नहीं है कोई प्रस्ताव:- कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय भारत सरकार

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प्रदेश के युवा न हों निराश, सपा सरकार बनने पर पहली ही कैबिनेट में ही पलट देंगे संविदा का फैसलाः पूर्व CM अखिलेश यादव का ऐलान

प्रदेश के युवा न हों निराश, सपा सरकार बनने पर पहली ही कैबिनेट में ही पलट देंगे संविदा का फैसलाः पूर्व CM अखिलेश यादव का ऐलान

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार देने की बजाय खत्म करने का काम कर रही है। नौकरी में पांच साल तक संविदा पर रखने को लेकर अखिलेश ने कहा कि युवाओं को निराश होने की जरूरत नहीं है। समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में यह फैसला बदल दिया जाएगा।

बता दें कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने हाल ही में समूह ग, समह घ की भर्तियों में संविदा पर न्युक्ति करने का फैसला किया है। संविदा पर पांच साल सेवा देने के बाद ही उसे सरकारी किया जाऐगा।
गौरतलब है कि मंगलवार को ही योगी सरकार की ओर से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लिपिक संवर्ग कर्मचारियों की दक्षता जांचने के लिए उनकी स्क्रीनिंग करने का आदेश दिया गया है।

इस आदेश के बहाने समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार से सवाल करते हुए कहा है कि सीएम किस बात का बदला ले रहे हैं, उन्हें इसका जवाब देना चाहिए। 50 साल में जबरन रिटायरमेंट। 5 साल का बहुमत लेकर आई बीजेपी ने साढ़े 3 साल में ही यूपी से रोजगार का खत्म करने पर आमादा है! किस बात का बदला ले रहे हैं सीएम दें जवाब?

प्रदेश में एमकेपीआई फॉर्मूले से तय होगी पक्की नौकरी, कर्मचारियों के प्रदर्शन व दक्षता का हर छह माह में होगा मूल्यांकन , पहले से चल रही चयन प्रक्रिया भी दायरे में


लखनऊ। समूह ‘ख’ ब समूह ‘ग’ की भर्ती प्रक्रिया में पांच साल तक संविदा नियुक्ति के दौरान कर्मचारियों के प्रदर्शन व दक्षता के मूल्यांकन के लिए एमकेपीआई यानी मिजरेबल की परफॉर्मेंस इंडिकेटर फॉर्मूला तय किया जा रहा है। इसी आधार पर कर्मचारियों को पांच साल बाद मौलिक नियुक्ति यानी पक्की नौकरी दी जाएगी। समूह ‘ख’ व “ग’ संवर्ग के पदों पर नियुक्त लोगों का संबिदा अवधि में इसी आधार पर उनके प्रदर्शन व संतोषजनक कार्य का प्रत्येक 6 माह में मूल्यांकन होगा। 

पहले से चल रही चयन प्रक्रिया भी दायरे में : प्रस्तावित नियमावली लागू होने के पहले पदों पर चयन के लिए विज्ञापन कर दिया गया हो अथवा चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई हो, तो विज्ञापन व परीक्षा परिणाम के आधार पर चयनित संबंधित व्यक्ति से घोषणा पत्र लिया जाएगा। उसे घोषणा करनी होगी कि जह इस नियमावली के अधीन शर्तों को स्वीकार करेंगे। इसके बाद ही उनकी नियुक्ति की जाएगी।
कर्मचारियों के प्रदर्शन व दक्षता का हर छह माह में होगा मूल्यांकन
1. समूह ख व ग संवर्ग के पदों पर नियुक्त लोगों का संविदा अवधि में ‘मिजरेबल की परफार्मेंस इंडीकेटर’ (एमकेपीआई) के आधार पर उनके प्रदर्शन व संतोषजनक कार्य का प्रत्येक 6 माह में मूल्यांकन होगा। एमकेपीआई का फार्मूला भी तय किया जा रहा है।

2. संविदा अवधि के 4 वर्ष पूर्ण होने के बाद एमकेपीआई के आधार पर चयनित व्यक्तियों को समय का अनुपालन करने, अनुशासित रहने, देशभक्ति एवं नैतिकता का मापांक रखते हुए 5 वें वर्ष में विभागों द्वारा छह माह का इस संबंध में अनिवार्य प्रशिक्षण दिया जाएगा।

3. संविदा के दौरान संबंधित पद की संगत सेवा नियमावली में उल्लिखित पदनाम के पहले सहायक पद नाम से नियुक्ति की जाएगी।

4. संविदा अवधि में प्रत्येक वर्ष एमकेपीआई के आधार पर कार्य कर रहे कुल व्यक्तियों में से 2 छमाही के प्राप्तांक का योग 60 प्रतिशत से कम होने पर सेवा समाप्त कर दी जाएगी।

5. संविदा कर्मी के कार्य को देखते हुए नियमावली के साथ निर्धारित एमकेपीआई अंकित कर नियुक्त प्राधिकारी चयन प्रस्ताव भेजेंगे। छमाही समीक्षा केवल इन्हीं एमकेपीआई पर की जाएगी ताकि पारदर्शिता रहे। यह एमकेपीआई नियुक्ति पत्र का भी अंश होंगे।

6. एमकेपीआई के आधार पर छमाही समीक्षा की कार्यवाही नियुक्ति पदाधिकारियों (कार्यालयाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष व शासन) के स्तर पर आधारित समितियां करेंगी।

7. समीक्षा समिति द्वारा प्रत्येक छमाही के बाद प्रदर्शित किए गए अंक को नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा बंद लिफाफे में रखा जाएगा।

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लखनऊ। प्रदेश सरकार समूह ‘ख’ व समूह ‘ग’ की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है। प्रस्तावित व्यवस्था में चयन के बाद कर्मचारियों को शुरुआती पांच वर्ष तक संविदा के आधार पर नियुक्त करने की योजना है। इस दौरान उन्हें नियमित सरकारी सेवकों को मिलने वाले अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं मिलेंगे। पांच वर्ष की कठिन संविदा सेवा के दौरान जो छंटनी से बच पाएंगे, उन्हें ही मौलिक नियुक्ति मिल सकेगी। शासन का कार्मिक विभाग इस प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष बिचार के लिए लाने की तैयारी कर रहा है। 

इस प्रस्ताव पर विभागों से राय मशबिरा शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में सरकार अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया से चयन के बाद संबंधित संवर्ग की सेवा नियमावली के अनुसार एक या दो वर्ष के प्रोबेशन पर नियुक्ति देती है। इस दौरान कर्मियों को नियमित कर्मी की तरह बेतन व अन्य लाभ दिए जाते हैं। वे वरिष्ठ अफसरों की निगरानी में कार्य करते हैं। नियमित होने पर वे नियमानुसार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं। पर, प्रस्तावित पांच वर्ष की संविदा भर्ती और इसके बाद मौलिक नियुक्ति की कार्यवाही से समूह ‘ख’ ब ‘ग’ की पूरी भर्ती प्रक्रियः ही बदल जाएगी। नई व्यवस्था में तय फॉर्मूले पर इनका छमाही मूल्यांकन होगा। इसमें प्रतिवर्ष ७0% से कम अंक पाने बाले सेवा से बाहर होते रहेंगे। जो तय शर्तों के साथ पांच वर्ष की सेवा पूरी कर सकेंगे, उन्हें मौलिक नियुक्ति दी जाएगी। इसे सरकारी विभाग समूह ‘ख’ एवं ‘ग’ के पदों पर नियुक्ति (संबिदा पर) एवं विनियमितीकरण नियमावली, 2020 कहा जाएगा।
पीसीएस, पीपीएस व पीसीएस-जे ही बाहर 

प्रस्तावित नियमावली सरकार के समस्त सरकारी विभागों के समूह “ख’ व समूह “ग’ के पदों पर लागू होगी। यह सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली, 1974 पर भी लागू होगी। इसके दायरे से केवल प्रादेशिक प्रशासनिक सेवा ( कार्यकारी एवं न्यायिक शाखा ) तथा प्रादेशिक पुलिस सेवा के पद ही बाहर होंगे।

नियुक्त कर्मियों को नियत वेतन 

संविदा पर नियुक्त व्यक्ति को समूह ‘ख’ व ‘ग’ के संबंधित पद का राज्य मरकार द्वारा निर्धारित मुद्रास्फीति आधारित नियत वेतन दिया जाएगा। 5 वर्ष की संविदा अवधि निर्धारित शर्तों पर पूर्ण होने पर संबंधित व्यक्ति को संगत सेवा नियमावली में स्थान देते हुए मौलिक नियुक्ति दी जाएगी।

  • हर 6 माह में मूल्यांकन, हर वर्ष में 60% से कम अंक तो नौकरी से बाहर 
  • पांच वर्ष की कठिन संविदा प्रक्रिया में छंटनी से बचे तभी पक्की नौकरी की सौगात

पक्ष में तर्क: कर्मियों की दक्षता बढ़ेगी, देशभक्ति के भाव का होगा विकास
नई व्यवस्था के पक्ष में यह तर्क दिया जा रहा है कि इससे राज्य कर्मचारियों की दक्षता बढ़ाने, नैतिकता, देशभक्ति एवं कर्तव्यपरायणता के मूल्यों का विकास करने में मदद मिलेगी। वित्तीय व्ययभार कम होगा।

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बेरोजगारी के मुद्दे पर युवाओं ने थाली और ताली बजाकर सरकार को जगाया

प्रयागराज। बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेसजनों ने शनिवार को ताली और थाली बजाकर केंद्र व प्रदेश सरकारों की नीतियों का विरोध जताया। शाम पांच बजे अलग-अलग इलाकों में थाली और ताली बजाई गई। कांग्रेस नेतृत्व के आह्वान पर देश भर में बेरोजगारों से थाली और ताली बजाकर सरकार को घेरने की कोशिश की गई। बहादुरगंज इलाके में शहर में युवाओं ने इस प्रदर्शन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। निजीकरण व अन्यच मुद्दों पर विरोध दर्ज कराते हुए सरकार से रोजगार मुहैया कराए जाने की अपील की गई।इस प्रदर्शन में पार्टी के हसीब अहमद, शकील अहमद, हिमांशु केसरवानी, नुरुल कुरैशी, राजकुमार, रिंकू तिवारी, इश्तियाक अहमद, मोहम्मद खालिद समेत तमाम लोग शमिल थे। इसी तरह पार्टी के संजय तिवारी, नगर निगम में पार्षद दल के नेता मुकुंद तिवारी, युकां के जिलाध्यक्ष जितेंद्र तिवारी, विकास सिंह, मोनू यादव, प्रदीप मिश्रा, कप्तान सिंह ने ताली-थाली बजाकर विरोध दर्ज कराया।

दीक्षा एप को अब मानव संपदा पोर्टल के साथ जोड़ दिया गया है।देखें डिटेल्स👇

दीक्षा एप को अब मानव संपदा पोर्टल के साथ जोड़ दिया गया है एप पर लागू करने के बाद “इंट्रोडक्शन टू प्रेरणा लक्ष्य कोर्स” को 26 अगस्त से पहले पूर्ण कर लें।

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