चंदौली : यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने को माध्यमिक शिक्षा परिषद कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। केंद्र व्यवस्थापक बोर्ड के कई नए नियमों के दायरे में रहेंगे। नकल विहीन परीक्षा की मंशा पूरी न हो पाने की सूरत में विद्यालय की मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी। यह कदम प्रयोगात्मक परीक्षाओं के दौरान भी उठेंगे। परिषद ने डीआइओएस को इसके लिए निर्देश दिया है।
सात फरवरी से शुरू होने वाली हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा को लेकर केंद्रों पर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। दिसंबर में ही प्रयोगात्मक परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी, जिसे लेकर संबंधित स्कूल-कॉलेजों के प्रबंध तंत्र को निर्देश दिए गए हैं। सख्त नियमों के बीच परीक्षा के दौरान भी नकल को लेकर गाइड लाइन का पालन किया जाना है। किसी केंद्र पर परीक्षा के दौरान नकल होते पाई गई तो केंद्र व्यवस्थापक पर कार्रवाई होगी। ऐसे कॉलेजों को बोर्ड डिबार तो करेगा ही, मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई भी होगी। स्थानीय तौर पर नकल वाले केंद्र का ब्योरा जिला प्रशासन के साथ परिषद के मंडलीय कार्यालय में भेजा जाएगा। जहां से यह तय होगा कि केंद्र पर आगे की परीक्षा किस तरह कराई जाए। बोर्ड के इस कड़े रुख ने नकल माफियाओं की बेचैनी और बढ़ा दी है। वह पहले से ही सीसीटीवी की अनिवार्यता से परेशान थे। वहीं, मान्यता समाप्त करने के फैसले ने रही सही कसर पूरी की है। वेबसाइट पर होगा ब्योराप परीक्षा के दौरान नकल पकड़े जाने पर परीक्षार्थियों के साथ केंद्र व्यवस्थापक को भी बख्शा नहीं जाएगा। केंद्र स्तर पर कहां लापरवाही हुई, इस ¨बदु पर जांच करते हुए एफआइआर होगी। कक्ष निरीक्षक भी लपेटे में लिये जाएंगे। सभी कार्रवाई परिषद की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। डीआइओएस डा. विनोद कुमार राय ने कहा कि नकल रोकने के लिए गत साल से ज्यादा सख्त रुख बोर्ड का है।