सहायक शिक्षक भर्ती की उत्तर कुंजी पर उठा विवाद
लखनऊ। 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा की उत्तर कुंजी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि प्रश्न संख्या 30, 31 और 33 के उत्तर सही होने के बावजूद उन्हें डिलीट किया गया है।
अभ्यर्थियों ने सरकार से एक बार फिर विचार कर संशोधित उत्तर कुंजी जारी करने की मांग की है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज द्वारा 9 मई को सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा- 2019 की जारी संशोधित अंतिम उत्तर कुंजी में बुकलेट सीरीज बी के हिंदी विषय से संबंधित प्रश्न संख्या 30, 31 और 33 को निरस्त करते हुए जारी किया गया है।
◆ अभ्यर्थियों का आरोप, डिलीट किए गए तीनों प्रश्नों पर नहीं था कोई विवाद,
◆ तीनों के उत्तर सही थे, फिर से कुंजी जारी करने की मांग
अभ्यर्थियों का कहना है कि तीनों प्रश्न व उनके विकल्प में कोई त्रुटि नहीं है व इनका बिल्कुल सही उत्तर भी विकल्प में मौजूद है। प्राधिकारी द्वारा प्रथम बार घोषित उत्तर कुंजी में इन्हीं विकल्प को सही भी घोषित किया था। अभ्यर्थियों का आरोप है कि तीनों सही प्रश्नों को डीलीट करके प्राधिकारी ने अनावश्यक विवाद को जन्म दिया है।
■ यह है प्रश्न जिन्हें डिलीट किया गया है प्रश्न संख्या 30 में सरस्वती पत्रिका के संपादक कौन थे?
● इसका उत्तर विकल्प (2)- महावीर प्रसाद द्विवेदी बिल्कुल सही है।
■ प्रश्न संख्या 31 में चिदंबरा पर ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ?
● इसका उत्तर विकल्प (2)- सुमित्रानंदन पंत को सही है।
■ प्रश्न संख्या 33- महावीर प्रसाद द्विवेदी ने आदिकाल को क्या संज्ञा दी?
● इसका सही उत्तर विकल्प (1)-बीजवपन काल सही है।
अभ्यर्थियों के हितों अनदेखी की है। उनका कहना है कि उत्तर कुंजी बिल्कुल अप्रत्याशित है। जिन प्रश्नों में विवाद था व आपत्ति दर्ज कराई गई थी, उनका निराकरण नहीं किया गया। उनका कहना है कि यदि बेसिक शिक्षा विभाग ने समय रहते उचित कदम नहीं उठाया तो उन्हें उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ेगी।
—– ——- ——- ——- ——– ——— —-शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्नों पर विवाद, उत्तरमाला से असंतुष्ट अभ्यर्थी याचिका की तैयारी
असंतोष
■ परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने जारी की है संशोधित उत्तरमाला
■ कुछ अभ्यर्थी उत्तरमाला से असंतष्ट याचिका की तैयारी
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा के प्रश्नों को लेकर विवाद की स्थिति बनी है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने शनिवार को आपत्तियों का निस्तारण करते हुए संशोधित अंतिम उत्तरमाला जारी कर दी। लेकिन कुछ अभ्यर्थी इससे भी संतुष्ट नहीं हैं।
बलिया के ललित मोहन सिंह के अनुसार बुकलेट सीरीज बी के प्रश्न संख्या 14 ‘निम्नलिखित में से कौन-सा एक सामाजिक प्रेरक है’ का जवाब विषय विशेषज्ञों ने आत्म-गौरव माना है। जबकि राज्य शिक्षा संस्थान की ओर से तैयार बीटीसी प्रथम सेमेस्टर बाल विकास एवं सीखने की प्रक्रिया में इसका जवाब प्रेम माना गया है।
बी सीरीज के ही प्रश्न संख्या 74 में पूछा है ‘भारत में गरीबी का आंकलन किस आधार पर किया जाता है। इसका जवाब विषय विशेषज्ञों ने परिवार का उपभोग व्यय माना है। जबकि एनसीईआरटी की कक्षा 11 की किताब के अनुसार प्रति व्यक्ति व्यय सही जवाब होना चाहिए। इन दोनों प्रश्नों पर अभ्यर्थियों ने साक्ष्यों के साथ आपत्ति दर्ज कराई थी। हालांकि विषय विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर उन्हें खारिज कर दिया गया।
संशोधित उत्तरमाला से असंतुष्ट अभ्यर्थी हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने हिन्दी साहित्य के तीन प्रश्नों को पाठ्यक्रम से बाहर का मानते हुए उन्हें हटा दिया है। परिणाम इसी सप्ताह बुधवार या गुरुवार तक आने की संभावना है।
सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि विषय विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर संशोधित उत्तरमाला जारी की गई है। अब किसी भी आपत्ति पर विचार करना संभव नहीं है।