मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता को लेकर कुछ राजनीतिक दलों की आपत्तियों पर कहा कि देश में ईवीएम को फुटबॉल बना दिया गया है।
अरोड़ा ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में ईवीएम को लेकर उठ रहे सवालों के बारे में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में कहा कि देश में दो दशकों से ज्यादा समय से ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर हम 2014 के लोकसभा चुनाव को लें तो ईवीएम से एक नतीजा आया। उसके चार महीने बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव में नतीजा बिल्कुल दूसरा आया।
उन्होंने कहा, ‘हमने जाने-अनजाने में ईवीएम को पूरे देश में फुटबॉल बना दिया। अगर रिजल्ट एक्स है तो ईवीएम ठीक है, अगर नतीजा वाई है तो ईवीएम खराब है।’
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि इसके बाद भी हमने लोगों की भावना का संज्ञान लेते हुए वीवीपैट की व्यवस्था की। इसमें कुछ शुरुआती दिक्कतें आईं। मगर उनकी भी व्यवस्था कर ली गयी है।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी स्पष्ट कर दिया है कि देश में मतपत्रों से मतदान की व्यवस्था बहाल नहीं की जाएगी। अरोड़ा ने कहा कि ईवीएम का निर्माण रक्षा उपकरण बनाने वाली ‘हाईली सिक्योर’ कम्पनियां भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड (ईसीआईएल) करती हैं।
ईवीएम की व्यवस्था की निगरानी के लिये एक तकनीकी परामर्शदात्री समिति है, जिसके पास निर्णायक शक्ति है। वह ताकत चुनाव आयोग के पास भी नहीं है। उस समिति में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ शामिल हैं, लिहाजा संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है।
आचार संहिता का होगा कड़ाई से पालन: चुनाव आयोग
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने आगामी लोकसभा चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शीपूर्ण तरीके से कराने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा है कि चुनाव के दौरान आचार संहिता का कड़ाई से पालन होगा और हर शिकायत पर तत्परता से कार्रवाई की जाएगी।
अरोड़ा ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पिछले तीन दिनों से चल रही बैठकों के दौर के बाद शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि आयोग के साथ बैठक में राजनीतिक दलों ने जातीय, साम्प्रदायिक भाषणों पर रोक लगाने, चुनाव के दौरान शत प्रतिशत केन्द्रीय बलों की तैनाती करने, मतदाता सूची में गड़बड़ियां सुधारने, मतदाता सूची को आधार से जोड़ने और इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से मतदान की गोपनीयता सुनिश्चित करने समेत अनेक मुद्दे उठाए।
उन्होंने कहा कि आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने के लिए संकल्पबद्ध है। आयोग आचार संहिता का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करायेगा और चुनाव से जुड़ी हर शिकायत पर तत्परता से कार्रवाई होगी।
इस सवाल पर कि क्या पाकिस्तान में वायु सेना के हमले के बाद पैदा सूरतेहाल में चुनाव समय से हो सकेंगे, अरोड़ा ने कहा कि चुनाव समय पर ही होंगे।
उन्होंने बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे देश में ‘सी-विजिल’ मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया जाएगा, जिस पर कोई भी नागरिक चुनाव से सम्बन्धित शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखने का विकल्प भी होगा।
उन्होंने बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे देश में ‘सी-विजिल’ मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया जाएगा, जिस पर कोई भी नागरिक चुनाव से सम्बन्धित शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखने का विकल्प भी होगा।
आयोग उन शिकायतों पर हुई कार्रवाई को अपने खर्च पर अखबारों में छपवायेगा। सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिये एमसीएमसी कमेटियों में एक-एक सोशल मीडिया विशेषज्ञ की तैनाती होगी।
उन्होंने कहा कि इस बार प्रदेश के सभी एक लाख 63 हजार 331 मतदान केन्द्रों पर ईवीएम के साथ-साथ वीवीपैट का प्रयोग किया जाएगा। वीवीपैट मशीन के उपयोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिये शुरू किये गये अभियान को बूथ स्तर तक ले जाने की कोशिश की जाएगी।
अरोड़ा ने बताया कि लोकसभा के आगामी चुनाव में फार्म 26 में दिये जाने वाले शपथपत्र में अब प्रत्याशियों को अपनी पत्नी अथवा पति, आश्रित पुत्र, पुत्री और एचयूएफ (अविभाजित हिन्दू परिवार) के पांच सालों की आय का विवरण देना होगा