दरोगा के 2745 पदों पर भर्ती को आवेदन शुरू

कर्मचारी चयन आयोग ने दिल्ली पुलिस और सीएपीएफ में सब इंस्पेक्टर भर्ती 2019 के पदों के आंकड़े मंगलवार को वेबसाइट पर जारी कर दिए। दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर के कुल 211 पद है। पुरुषों के लिए 132 जबकि महिलाओं के लिए 79 पद हैं। वहीं सीएपीएफ (सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीसी, सीआईएसएफ) में सब इंस्पेक्टर के 2534 पदों पर भर्ती होगी। यानी दिल्ली पुलिस और सीएपीएफ मिलाकर सब-इंस्पेक्टर के कुल 2745 पद हैं। इनमें पुरुषों के लिए 2365 और महिलाओं के लिए 169 रिक्तियां है।



सेलेक्शन पोस्ट के आवेदन की तिथि नहीं बढ़ेगी
एसएससी ने कहा है कि सेलेक्शन पोस्ट के ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 25 अक्तूबर है, इसे बढ़ाया नहीं जाएगा।

स्कूल आवंटन में राहत: पहली नियुक्ति तिथि के आधार पर भरेंगे विकल्प, देखें विस्तृत आर्डर

पहली नियुक्ति तिथि के आधार पर भरेंगे विकल्प

स्कूल आवंटन के लिए शिक्षकों को पहली नियुक्ति तिथि के आधार पर विकल्प भरने का अवसर मिलेगा। सबसे पहले दिव्यांग महिला, फिर दिव्यांग पुरुष, उसके बाद महिला और फिर पुरुष शिक्षकों को मौका मिलेगा। सबसे पहले शिक्षक विहीन स्कूलों में दो अध्यापक तैनात किए जाएंगे। इसके बाद एकल और दो शिक्षक वाले स्कूल में सर्वाधिक छात्र अध्यापक अनुपात के आधार पर एक और अध्यापक की तैनाती की जाएगी। शिक्षकों को 18 अक्तूबर तक तैनाती वाले स्कूल में योगदान देना होगा।

👉पारस्परिक अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया में जनपद में कार्यभार ग्रहण करने वाले अध्यापकों के विद्यालय आवंटन के संबंध में आदेश जारी👍

अंतर्जनपदीय शिक्षकों के स्कूल आवंटन की नहीं चली वेबसाइट शिक्षकों का रहा जमावड़ा

प्रतापगढ़। ऑनलाइन शिक्षकों की वरिष्ठता सूची और स्कूलों की सूची मुहैया कराने में लखनऊ में बैठे अफसर फेल हो गए। दिनभर इंतजार के बाद भी मंगलवार को वेबसाइट नहीं चलने से अध्यापकों को निराश लौटना पड़ा। अब बुधवार को शिक्षकों को बीएसए ऑफिस बुलाया गया है।

गैर जनपद से पारस्परिक तबादले थे। में आए 79 अध्यापक-अध्यापिकाएं सात माह से घर बैठे हुए मंगलवार को इन शिक्षकों की तैनाती स्कूलों में करने के लिए ऑनलाइन वरिष्ठता सूची और रिक्त स्कूलों की सूची लखनऊ से आनी थी। दिन भर बीएसए ऑफिस में जमा शिक्षकों की नजरें विभागीय वेबसाइट पर टिकीं रहीं। मगर शाम तक साइट नहीं चलने से विभागीय अधिकारी निराश हो गए। प्रभारी बीएसए सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि वेबसाइट नहीं चलने के कारण मंगलवार को काउंसलिंग नहीं हो सकी है। बुधवार को शिक्षकों को फिर बुलाया गया है।

अंतर्जनपदीय शिक्षकों के स्कूल आवंटन की नहीं चली वेबसाइट शिक्षकों का रहा जमावड़ा

प्रतापगढ़। ऑनलाइन शिक्षकों की वरिष्ठता सूची और स्कूलों की सूची मुहैया कराने में लखनऊ में बैठे अफसर फेल हो गए। दिनभर इंतजार के बाद भी मंगलवार को वेबसाइट नहीं चलने से अध्यापकों को निराश लौटना पड़ा। अब बुधवार को शिक्षकों को बीएसए ऑफिस बुलाया गया है।

गैर जनपद से पारस्परिक तबादले थे। में आए 79 अध्यापक-अध्यापिकाएं सात माह से घर बैठे हुए मंगलवार को इन शिक्षकों की तैनाती स्कूलों में करने के लिए ऑनलाइन वरिष्ठता सूची और रिक्त स्कूलों की सूची लखनऊ से आनी थी। दिन भर बीएसए ऑफिस में जमा शिक्षकों की नजरें विभागीय वेबसाइट पर टिकीं रहीं। मगर शाम तक साइट नहीं चलने से विभागीय अधिकारी निराश हो गए। प्रभारी बीएसए सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि वेबसाइट नहीं चलने के कारण मंगलवार को काउंसलिंग नहीं हो सकी है। बुधवार को शिक्षकों को फिर बुलाया गया है।

पदोन्नति:- जाने कैसे प्रभावित होगी आपकी पदोन्नति, बाराबंकी जनपद द्वारा आधिकारिक पदोन्नति नियम हुए जारी, कहीं आपकी पदोन्नति तो नहीं हुई प्रभावित देखें और समझे नियम

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शिक्षिका के हस्ताक्षर बनाने में हेड मास्टर निलंबित, जांच में अनुपस्थित मिली थीं अध्यापिका

कानपुर देहात। प्राथमिक विद्यालय ज्योती में अनुपस्थित शिक्षक के हस्ताक्षर करने में दोषी पाए जाने पर हेडमास्टर से स्पष्टीकरण तलब किया था। मामले में संतोष जनक उत्तर न दे पाने पर बीईओ की रिपोर्ट के अनुसार हेडमास्टर को बीएसए ने सोमवार को निलंबित कर दिया है।

मैथा की खंड शिक्षा अधिकारी पूनम वर्मा ने 12 अगस्त को प्राथमिक विद्यालय ज्योती का निरीक्षण किया था। तब विद्यालय की क्षक रती चौहान अनुपस्थित मिली थीं लेकिन उनके हस्ताक्षर उपस्थित पंजिका में दर्ज मिले थे। छानबीन में शिक्षक के पहले के हस्ताक्षर भिन्न पाए गए। हेडमास्टर प्रदीप कुमार निगम की भूमिका संदिग्ध पाई गई। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि वह नियमित रूप से स्कूल न आने पर शिक्षकों का सहयोग करते हैं। इसकी रिपोर्ट बीईओ ने बीएस को सौंपी थी। बीएसए ने शिक्षक से स्पष्टीकरण तबल किया था।

जवाब के साथ साक्ष्य भी मांगे थे। हेड मास्टर कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। सोमवार को बीएसए सुनील दत्त ने शिक्षक को निलंबित कर दिया। बीएसए ने बताया कि निलंबन अवधि में हेड मास्टर प्राथमिक विद्यालय हथिका में संबद्ध रहेंगे। मामले की विस्तृत जांच के लिए मुख्यालय के खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपी गई है।

जुलाई 2023 तक असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं, यूजीसी ने जारी किया आदेश

विश्वविद्यालयों के विभागों और कालेजों में सहायक प्रोफेसर की भर्ती के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं होगी। हालांकि यह अनिवार्यता केवल 1 जुलाई 2021 से 1 जुलाई 2023 तक पीएचडी में होने वाली भर्तियों के लिए खत्म की गई है। कोविड-19 के मद्देनजर सहायक प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यता के रूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक जुलाई 2021 से एक जुलाई 2023 तक होने वाली भर्तियों के लिए पीएचडी की अनिवार्यता का रोक लगाया है। यूजीसी ने इस फैसले के संबंध में सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को एक परिपत्र जारी किया है। उम्मीदवारों को यह राहत इसलिए दी गई है कि, जिससे यूनिवर्सिटी में खाली पड़े शिक्षकों की भर्ती की जा सके। पिछले दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड के कारण केवल इस साल पीएचडी अनिवार्यता के लिए रोक लगी है, लेकिन इसे रद्द नहीं किया गया है।

रिक्त पदों को भरने के लिए उठाया गया कदम
पत्रकारों से बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा था कि देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए पीएचडी अनिवार्य है। लेकिन अब इस मानदंड को शिक्षा मंत्रालय द्वारा सिर्फ इसी सत्र के लिए हटा दिया गया है, ताकि संस्थानों में रिक्त पदों को समय पर भरा जा सके और संकाय और प्रोफेसरों की संभावित कमी के कारण शिक्षा प्रभावित न हो। दरअसल, हमें उन उम्मीदवारों से बहुत सारे अनुरोध प्राप्त हो रहे थे जो पद के लिए आवेदन करना चाहते थे, लेकिन पीएचडी पूरा करने में असमर्थ थे। इसलिए इस बाध्यता को महज इसी साल के लिए खत्म किया गया है।

पारस्परिक अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया में जनपद में कार्यभार ग्रहण करने वाले अध्यापकों के विद्यालय आवंटन के संबंध में आदेश जारी

अभी-अभी :-पारस्परिक अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया में जनपद में कार्यभार ग्रहण करने वाले अध्यापकों के विद्यालय आवंटन के संबंध में आदेश जारी

मिड-डे मील अब पीएम पोषण मिशन योजना, अमलीजामा पहनाने में में जुटा शिक्षा विभाग

वाराणसी। सभी परिषदीय स्कूलों में बच्चों को दोपहर भोजन देने के लिए संचालित मध्याहन भोजन योजना (मिड-डे-मील) का नाम बदलने की योजना है। शासन से प्रस्तावित योजना के मुताबिक मिड-डे मील अब प्रधानमंत्री पोषण मिशन शक्ति योजना के रूप में यह जाना जाएगा। हालांकि शासन की तरफ से अभी तक इस संबंध में कोई लिखित आदेश नहीं आया है। लेकिन जल्द ही सरकार की ओर से आदेश आने की संभावना है।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते 30 सितंबर को सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के बच्चों को तक पका भोजन उपलब्ध कराने को लेकर प्रधानमंत्री पोषण योजना स्कीम लॉन्च किया। पीएम ने बताया कि अगले पांच सालों में इस पर 1 लाख 30 हजार 795 रुपये का खर्च आयेगा। इस योजना को मौजूद मिड-डे मील के बदले लाया गया है। जिसमें सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले सभी स्कूली बच्चों को इसमे शामिल किया जायेगा। जिसके बाद से ही शिक्षा विभाग इसे लेकर अमलीजामा पहनाने में जुट गया है। इसके साथ ही विभाग की ओर से सप्ताहवार दिए जाने वाले भोजन के मेन्यू व मानक को लेकर भी एडवाइजरी जारी की गई है। प्रधानाध्यापकों को हिदायत दी गई है कि मेन्यू व मानक के अनुरूप ही बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक भोजन दिया जाए। इसमें किसी तरह की लापरवाही न की जाए। उधर, नाम बदलने के प्रस्ताव के साथ योजना में कई अन्य बदलाव होने के संकेत भी मिले हैं। माना जा रहा है कि अब बच्चों को और गुणवत्तापूर्ण भोजन देने की व्यवस्था होगी। इसका लाभ बच्चों को मिलेगा।