*प्रेरणा एप के बहाने हो रही है भ्रष्टाचार की जमीन तैयार*
*बेसिक शिक्षा के एक सचिव की पुत्री के एन,जी,ओ, ने तैयार किया है एप, करोडो का हो चुका है भुगतान, जम कर हुआ है खेल*
*सरकार की पिछली योजनाओं की तरह इस योजना के भी बुरे हाल के आसार, फिर जनता की गाढ़ी कमाई लूटने की कोशिश*
*ए, के, टंडन / ए, एस, खान*
लखनऊ 5 सितंबर यानी शिक्षक दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बड़ी ही जोर-शोर से प्रेरणा ऐप को लांच करने जा रही है,
प्रचारित किया जा रहा है कि इस ऐप से शिक्षा जगत में शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी सुनिश्चित कराई जाएगी साथ ही प्रिसपल, शिक्षक, और बच्चों, की दिन में तीन बार सेलफी भी भेजना अनिवार्य होगा ।
उक्त ऐप के माध्यम से सरकार शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके में क्रांति आने की उम्मीद लगाए बैठी है, किंतु जानकारों की मानें तो इस योजना का भी हाल सरकार की पिछली योजनाओं की तरह ही होने वाला है ।
क्या स्वच्छ भारत अभियान को लोग भूल गए ।
क्या गंगा सफाई अभियान सफल रहा ।
एंटी रोमियो अभियान तो याद होगा ही आपको ।
साथ ही बिना हेलमेट के पेट्रोल ना देने का फरमान भी कहीं किसी नाले में पड़ा मिल जाएगा ।
मंदिरों और मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर हटाने के आदेश । प्लास्टिक के गिलास और डिस्पोजल का प्रयोग भी जुर्म था किसी समय ।
घंटा कोई आदेश कहीं लागू हुआ हो तो बताइए ।
या कोई योजना धरातल पर उतरी हो तो भी बताइए ।
योजनाओं और घोषणाओं में सरकार ने विज्ञापन एवं प्रसार हेतु कितना पैसा खर्च किया यह किसी से छुपा नहीं है ।
हकीकत तो यह है जितना पैसा स्वच्छ भारत अभियान के प्रचार में खर्च किया गया ।
वास्तव में स्वच्छ वातावरण तैयार करने हेतु जमीन पर लगाया होता तो आज परिणाम कुछ और ही होते ।
प्रेरणा ऐप की घोषणा के साथ ही इसमें से भ्रष्टाचार की बू आने लगी थी जब सत्ता के गलियारों की परिक्रमा करने वाले मजबूत सूत्रों ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के एक सचिव की पुत्री के एनजीओ को ही एप बनाने का ठेका दिया गया है ।
ठेका देने में ही काफी झोलझाल किया गया है और जमकर रुपयों की बंदरबांट हुई ।
सभी शिक्षकों के पास स्मार्टफोन नहीं है इस बात का बहाना लेकर प्रत्येक विद्यालय के प्रिंसिपल को टैब भी उपलब्ध कराने का प्रोग्राम है ।
यानी टैब के नाम पर घोटाले की एक और जमीन तैयार कर ली गई है ।
नेटवर्क ना होने पर भी सेल्फी लेने का समय टैब पर दर्ज होगा ही, और वह सेल्फी किसी भी समय नेटवर्क क्षेत्र में पहुंचने पर प्रेरणा एप्प पर लोड हो जाएगी ।
उसी के आधार पर शिक्षकों की उपस्थिति या अनुपस्थिति मान मान कर आगे की कार्रवाई होगी ।
इसके लिए जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है उनकी तो चांदी ही चांदी है ।
हजारों की संख्या में शिक्षक शुरुआती परेशानियों के चलते बेकसूर होते हुए भी फंसे गे, और फिर कर्मचारियों की मुट्ठी गर्म कर कर उससे बचने के रास्ते खोजे जाएंगे ।
तथा अंत में राज्य सरकार की सैकड़ों अन्य योजनाओं की तरह यह योजना भी भ्रष्टाचार के दलदल में फंसकर गुम हो जाएगी ।
किंतु सरकारी खजाने में भारी बट्टा लगा जाएगी, तथा साथ ही चंद मठाधीशों की तिजोरियां भी भर जाएंगी ।
जिन कर्मचारियों के पास उक्त घोटाले की पूरी जानकारी है, वह भी अपने साथियों से पैसा इतने का यह मौका गवाना नहीं चाहते पोल खोलने से बच रहे हैं ।
किंतु दबी जबान से कह जाते हैं कि ।
बेसिक शिक्षा विभाग के एक सचिव एवं उसकी पुत्री के द्वारा ही उक्त पूरा वातावरण तैयार किया गया है जिसमें सरकारी खजाने को जमकर चूना लगाने की योजना बनाई गई है ।
एक बार फिर आम आदमी की गाढ़ी कमाई का पैसा प्रेरणा एप के नाम पर लूटने की तैयारी है ।
योजना का अन्य योजनाओं की तरह कूड़े में जाना निश्चिंत है ।
लिख लीजिए
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एक घंटे का समय रोज बरबाद होगा और पढ़ाई चौपट हो जायेगी ।
Like to many cook spoil the food similarly lot of app will spoil teacher,, and he will leave responsibilities on these app and no app is going to teach
Absolutely right sir..
Kya prena app me ads ka bhi to nahi khel chal raha hai
May be … Government want to earn some money from Google ads due to economic slowdown.