वाराणसी : कोरोना संक्रमण कम होते ही सूबे में बाजार व आफिल खुल गए हैं। कार्यालयों में सभी कर्मचारियों की उपस्थिति अब अनिवार्य है। पहली जुलाई से स्कूल-कालेज भी खोलने की तैयारी चल रही है। पढ़ाई पहले की भांति आनलाइन ही होगी। फिर भी अध्यापकों की विद्यालयों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। शैक्षणिक संस्थानों के कार्यालयों में रोस्टर प्रणाली खत्म कर दी गई है।
यह बात गत दिनों बनारस दौरे के दौरान बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश चंद्र द्विवेदी भी बोल चुके हैं। उन्होंने कहा था कि अध्यापक छात्र नामांकन की प्रक्रिया में सहयोग करेंगे। प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों का नया सत्र पहली अप्रैल से ही शुरू हो गया था। कोरोना महामारी के चलते प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में दाखिले की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है। इसे देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने जुलाई में स्कूल चलो अभियान शुरू करने की रूपरेखा बनाने में जुटा हुआ है। अभियान के तहत अध्यापक घर-घर जाकर बच्चों का नामांकन का कराएंगे। वहीं माध्यमिक विद्यालयों में भी दाखिला के तैयारी की जा रही है। माध्यमिक विद्यालयों के विभिन्न कक्षाओं में अब तक 50 फीसद भी दाखिला नहीं हो सका है। सबसे खराब स्थिति कक्षा-छह की है। वहीं हाईस्कूल के रिजल्ट के अभाव में कक्षा 11 में भी दाखिला अटका हुआ है। ऐसे में स्कूल-कालेजों की पहली प्राथमिकता दाखिला पूर्ण करना है। दूसरी ओर विश्वविद्यालयों में इन दिनों स्नातक व स्नातकोत्तर की परीक्षाओं की तैयारी चल रही है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में 15 जुलाई से संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 29 जुलाई से परीक्षाएं होनी है। दोनों विश्वविद्यालय ने 30 अगस्त तक रिजल्ट घोषित करने का लक्ष्य रखा है। कोरोना को देखते हुए नया सत्र 15 सितंबर से शुरू करने की योजना है।