लखनऊ। सपा सदस्यों ने शिक्षामित्रों के मुद्दे पर बुधवार को विधान परिषद से वॉकआउट किया। उनका कहना था कि सरकार अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान करे। समान कार्य के लिए समान वेतन दे। वहीं शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि भाजपा शासन में शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। शिक्षामित्रों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने मानदेय भी 3,500 रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया।
कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिये सपा सदस्य मुकुल यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों का मानदेय कुशल श्रमिक के मानदेय से काफी कम है। शिक्षामित्रों के मामले में पूर्व डिप्टी सीएम के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई थी, उसकी रिपोर्ट की जानकारी दी जानी चाहिए। शिक्षामित्रों के पक्ष में अध्यादेश लाकर उन्हें बहाल किया जाना चाहिए। टीईटी पास करने की बाध्यता से छूट दी जानी चाहिए । नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, शिक्षा मंत्री पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पौत्र हैं। पिछड़े वर्ग से होने के कारण सपा सदस्य उन्हें बोलने नहीं देना चाहते हैं। सपा के लाल बिहारी यादव ने कहा कि इसमें पिछड़ों की बात कहां से आ गई। इसके बाद हंगामा बढ़ गया और सपा सदस्य वॉक आउट कर गए।