परिषदीय बच्चों को यूनिफार्म-स्वेटर, स्कूल बैग की रकम अब सीधे खातों में, कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी
लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित स्कूलों में बच्चों को सरकार की ओर से मुफ्त में दी जाने वाली यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूते-मोजे और स्कूल बैग वितरण की आड़ में होने वाले खेल पर अंकुश लगाने के लिए अगले शैक्षिक सत्र से इन चीजों के एवज में धनराशि को सीधे बच्चों के अभिभावकों के बैंक खातों (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) में भेजने की कवायद शुरू हुई है।
इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है। पाठ्य पुस्तकों और मिड-डे मील को डीबीटी के दायरे से बाहर रखा गया है। परिषदीय विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को सरकार प्रत्येक शैक्षिक सत्र में निश्शुल्क पाठ्य पुस्तकें, यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूते-मोजे, स्कूल बैग और स्वेटर देती है जिन पर प्रतिवर्ष लगभग 1850 करोड़ रुपये खर्च होते हैं।