समाज कल्याण विभाग के प्रमुख के. रवीन्द्र नायक द्वारा सभी जिलाधिकारियों व मंडलायुक्तों के लिए जारी आदेश में कहा गया है कि 13 जिलों में रहने वाले गोंड, धुरिया, नायक, ओझा, पठारी और राजगोंड को अनुसूचित जनजाति और बाकी 62 जिलों में गोंड को बगैर किसी अड़चन के पहचान के लिए समुचित दस्तावेज दिखाने पर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी किया जाए.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में रहने वाले गोंड, धुरिया, नायक, ओझा, पठारी और राजगोंड को अनुसूचित जनजाति और बाकी 62 जिलों में गोंड को बगैर किसी अड़चन के पहचान के लिए समुचित दस्तावेज दिखाने पर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश जारी किया गया है. प्रमुख सचिव समाज कल्याण के. रवीन्द्र नायक ने सभी जिलाधिकारियों व मंडलायुक्तों के लिए आदेश जारी किया है.
प्रमुख सचिव समाज कल्याण के. रवीन्द्र नायक द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती, गोरखपुर, देवरिया, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, मिर्जापुर और सोनपुर जिलों में रहने वाली गोंड, धूरिया, नायक, ओझा, पठारी व राजगोंड जातियों को अुनसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र और 62 अन्य जिलों में रहने वाली गोंड जाति को अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र जारी किया जाए.
सभी जिलाधिकारियों व मंडलायुक्तों के लिए जारी इस आदेश में कहा गया है कि शासन के संज्ञान में आया है कि प्रायः राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों (लेखपाल राजस्व निरीक्षक व तहसीलदार) द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा कर मनमानी करते हुए बिना किसी कारण आधारहीन मनगढ़ंत रिपोर्ट बनाकर उक्त जातियों को जाति प्रमाण पत्र से वंचित किया जा रहा है. इस वजह से इन जातियों के लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता है. बताते चलें कि त्तर प्रदेश के 13 जिलों में रहने वाले गोंड, धुरिया, नायक, ओझा, पठारी और राजगोंड को अनुसूचित जनजाति और बाकी 62 जिलों में गोंड को बगैर किसी अड़चन के पहचान के लिए समुचित दस्तावेज दिखाने पर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश जारी कर दिया गया है.