लखनऊ : प्रदेश के विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों में स्नातक व परास्नातक की परीक्षाएं नहीं होंगी। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के कुलपति प्रो. एनके तनेजा की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने परीक्षाएं न कराने की संस्तुति की है। करीब 48 लाख से अधिक विद्याíथयों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में कमेटी के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति बन गई है। हालांकि औपचारिक घोषणा दो जुलाई को की जाएगी।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच परीक्षाएं कराना जोखिम भरा हो सकता है। मालूम हो कि मार्च में हुए लॉकडाउन के चलते कई विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं शुरू नहीं हो पाईं, कुछ में शुरू हुईं तो आधी परीक्षाएं हो पाईं। जुलाई में परीक्षाएं कराने के लिए परीक्षा कार्यक्रम घोषित किए गए तो विरोध शुरू हो गया। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी की रिपोर्ट को देखते हुए अब प्रोन्नति पिछली कक्षा में मिले अंक के आधार पर दी जाए या सभी विषयों में मिले अंक में से जिस विषय में ज्यादा अंक मिले हैं उसे आधार मानकर रिजल्ट तैयार किया जाए, इन सब पर मंथन किया जा रहा है।
’ उच्च शिक्षा विभाग की ओर से गठित कमेटी ने की संस्तुति
’ प्रोन्नति के फार्मूले पर मंथन, दो जुलाई को होगी औपचारिक घोषणा
राज्य विवि, एक मुक्त विवि, एक डीम्ड विवि और 27 निजी विवि हैं प्रदेश में