फतेहपुर : महासंघ द्वारा आयोजित शिक्षकों की क्रिकेट प्रतियोगिता जनपद में दिखा रहा अपना दम, हसवा और विजयीपुर ने मारी बाजी अब 24 अक्टूबर को होगा फाइनल

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शिक्षकों पर विश्वास ही बेहतर शिक्षा माहौल बनाने का एकमात्र रास्ता : राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ,8 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल द्वारा शिक्षक समाज हित हेतु बेसिक शिक्षा मंत्री के समक्ष रखा 20 सूत्री मांग पत्र

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ व शासन के मध्य शिक्षकों की समस्याओं पर विचार मंथनप्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एवं मार्गदर्शन मा० ओमपाल जी राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा किया गया।राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के श्री भगवती सिंह प्रांतीय महामंत्री प्राथमिक संवर्ग, श्रीयुत श्रीकृष्ण द्विवेदी संगठन मंत्री प्राथमिक संवर्ग, श्री शिवशंकर सिंह संयुक्त महामंत्री प्राथमिक संवर्ग , श्री पवन शंकर दीक्षित संगठन मंत्री अवध मंडल तथा लखनऊमंडल महामंत्री डॉ श्वेता सहित 8 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल द्वारा डॉ सतीश द्विवेदी शिक्षा मंत्री बेसिक (स्वतंत्र प्रभार) कि उपस्थिति में राज्य परियोजना निदेशक श्री विजय किरण आनंद, बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ सर्वेंद्र विक्रम सिंह, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद श्रीमती रूबी सिंह तथा बेसिक शिक्षा विशेष सचिव शासन स्तर के अधिकारियों से गत 3 सितंबर 2019 को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश द्वारा माननीय बेसिक शिक्षा मंत्री को संबोधित पंद्रह सूत्रीय ज्ञापन पर बिंदुवार चर्चा हुई। जिसमें उपस्थित अधिकारियों एवं संगठन के प्रतिनिधियों के मध्य कई बिंदुओं पर सहमति बनी।जिनके सम्बन्ध में मंत्री महोदय द्वारा शासनादेश जारी किए जाने का भरोसा प्रदेश नेतृत्व को दिलाया गया।प्रदेश महामंत्री एवं संयुक्त महामंत्री द्वारा विशेष जोर देकर प्रेरणा ऐप के माध्यम से शिक्षकों की निगरानी का जो माहौल बेसिक शिक्षा में बनाया जा रहा है और आए दिन शासन स्तर से तरह-तरह के बयान दिए जा रहे हैं,उन पर रोक लगाने और शिक्षकों पर विश्वास व्यक्त करते हुए बेहतर शिक्षा का माहौल बनाए जाने का आग्रह किया गया।राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश ने शिक्षक समाज के व्यापक हित के दृष्टिगत आज 20 सूत्री मांग पत्र माननीय बेसिक शिक्षा मंत्री को सौंपा और आग्रह किया गया कि संगठन और शासन के अधिकारियों के मध्य नियमित वार्ता के द्वारा उक्त मांग पत्र को वृहद शिक्षक समाज के हित में लागू किया जाए, जिससे शिक्षक सुरक्षित व सुखद वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में सक्षम होगा।