रायबरेली। एक बार फिर बेसिक शिक्षा विभाग चर्चा में आ गया है। अब 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के अंतर्गत नियुक्त 10 शिक्षकों की नियुक्तियों को निरस्त कर दिया गया है। साथ ही वेतन के रूप में अब तक प्राप्त की धनराशि की रिकवरी के आदेश भी दिए गए हैं। अगर रकम जमा नहीं की गई तो भू-राजस्व की तरह शिक्षकों से वसूली की जाएगी। इन शिक्षकों के ऑनलाइन आवेदन और मूल अभिलेखों में दर्ज अर्कोों में भिन्नता पाई गई है। इस कार्रवाई से बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
जिले में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के अंतर्गत 600 से अधिक शिक्षकों की नियुक्तियाँ हुई थीं। इनमें से ज्यादातर शिक्षकों को वेतन भी मिलना शुरू हो गया। नियुक्ति के करीब पांच महीने बाद अचानक 10 शिक्षकों पर कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। इन शिक्षकों के नाम शशांक तिवारी, गायत्री, आशीष, गीतांजलि, विपिन, जन्मेजय, चंद्रशेखर अखिलेश कुमार, रामदेव आदि बताए जा रहे हैं। नियुक्ति के बाद इन शिक्षकों को। तैनाती अलग-अलग विकास क्षेत्रों के परिषदीय विद्यालयों में हुई थी। नियुक्तियां निरस्त किए जाने का कारण पूर्णांक और प्राप्तांक में भिन्नता पाया जाना बताया जा रहा है। यह कहा जा रहा है कि ऑनलाइन आवेदन के दौरान इन शिक्षकों ने जो पूर्णांक व प्राप्तांक अंकित किया था और जो मूल अभिलेखों में पूर्णांक व प्राप्तांक है, उनमें भिन्नता है। कहीं कम नंबर पाए, गए तो कहीं ज्यादा नंबर मिले हैं।
इस प्रकरण के संबंध में 19 जून को जनपदीय चयन समिति की बैठक हुई थी, जिसमें शिक्षकों के मूल अभिलेखों और स्पष्टीकरण का परीक्षण करने के बाद नियुक्ति निरस्त करने का निर्णय लिया गया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश शर्मा ने बताया कि 10 शिक्षकों की नियुक्ति/ पदस्थापन निरस्त किया गया है। शासनादेश के क्रम में यह कार्रवाई की गई है।
जनपदीय चयन समिति की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है। इन्हें वेतन के रूप में अब तक मिली शासकीय धनराशि को नियमानुसार कोषागार में जमा कराने के आदेश दिए गए हैं। अगर ऐसा नहीं किया गया तो शासकीय धनराशि की वसूली भू-राजस्व से कराई जाएगी।