69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में सुनवाई कल भी रहेगी जारी
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69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में फाइनल सुनवाई जारी
शिक्षामित्रों के वकील ने कहा 25 नंबर का वेटेज शिक्षामित्रों को दिए जाने के निर्णय का याचियों को लाभ ही नहीं मिलेगा
69000 Shikshak Bharti : सरकार ने पिछ्ली बार की गलतियों से भी नहीं ली सीख
याचियों की दलील, परीक्षा के बाद अर्हता तय नहीं कर सकती सरकार, सरकार ने क्वालीफाइंग मार्क्स तय किए जाने के फैसले को सही बताया, 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में अब 4 को होगी सुनवाई
69000 Shikshak Bharti : याचिकाओं के निस्तारण तक परिणाम पर रोक, सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा मामले में प्रतिदिन होगी सुनवाई, सरकार की शिक्षा गुणवत्ता को लेकर रही यह दलील
69000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी की कटऑफ जनरल के बराबर 65% करने को लेकर दायर हुई याचिका, लखनऊ हाइकोर्ट में सुनवाई आज 28 जनवरी को court no. 23 पर👇
69000 सहायक अध्यापक भर्ती रिजल्ट पर कोर्ट ने लगाई 21 जनवरी तक रोक, कोर्ट हुआ सख्त कहा:- लाखों अभ्यर्थियों का सवाल न होता तो परीक्षा ही रद्द कर देते:
कोर्ट ने टिप्पणी की कि राज्य सरकार के अधिकारी भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न कराना भी चाहते हैं या नहीं। कोर्ट ने अपने पूर्व आदेशों और नियमों की अनदेखी पर कहा कि परीक्षा ही निरस्त कर देते, अगर लाखों अभ्यर्थियों के हितों का ख्याल न होता।
पूरा मामला: याचियों के अधिवक्ता अमित सिंह भदौरिया ने बताया कि दर्जनों याचियों की ओर से दाखिल अलग-अलग नौ याचिकाओं में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 के क्वालिफाइंग मार्क्स को चुनौती दी गई। उन्होंने बताया कि 7 जनवरी को राज्य सरकार ने जनरल कैटगरी के लिए क्वालिफाइंग मार्क्स 65 प्रतिशत जबकि रिजर्व कैटगरी के लिए 60 प्रतिशत रखने की घोषणा की है। याचिकाओं में कहा गया है कि विज्ञापन में ऐसे किसी क्वालिफाइंग मार्क्स की बात नहीं की गई थी। लिहाजा बाद में क्वालिफाइंग मार्क्स तय करना विधि सम्मत नहीं है। 6 जनवरी को लिखित परीक्षा हो गयी। जिसके बाद सरकार ने नियमों में परिवर्तन करते हुए क्वालिफाइंग मार्क्स तय कर दिये जबकि यह तय सिद्धांत है कि एक बार भर्ती प्रक्रिया आरम्भ होने के बाद नियमों मे परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया गया। याचियों की ओर से वरिष्ठ एलपी मिश्रा , एचजीएस परिहार , उपेंद्र मिश्रा आदि हाजिर हुए जबकि राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता श्रीप्रकाश सिंह व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह ने पक्ष रखा।