अयोध्या मामला : हाईटेक हुई पुलिस पहली बार सोशल मीडिया पर लागू हुआ धारा 144, ग्रुप के इन एक्टिव सदस्यों पर होगी कार्यवाही
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Ayodhya Case Live Update: लगातार 40 दिनों तक चली सुनवाई के बाद सुप्रीम फैसले की बारी, हाई अलर्ट पर देश
नई दिल्ली, एजेंसी/ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट 70 साल से कानूनी लड़ाई में उलझे देश के सबसे चर्चित अयोध्या भूमि विवाद पर शनिवार को फैसला सुनाएगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ सुबह साढ़े दस बजे से अपना फैसला पढ़ना शुरू करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने राजनैतिक, धार्मिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील इस मुकदमें की 40 दिन तक मैराथन सुनवाई करने के बाद गत 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। देश के संवेदनशील मामले में फैसले को देखते हुए देशभर में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। दैनिक जागरण इस लाइव रिपोर्ट के जरिए फैसले से जुड़ा हर अपडेट आप तक पहुंचाएगा। हर ताजा जानकारी के लिए यह पेज रिफ्रेश करते रहें।
LIVE UPDATE
Ayodhya Verdict 2019 Supreme Court Live: अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला शनिवार को सुनाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर 1 से यह फैसला सुनाया जाएगा। अमूमन सर्वोच्च अदालत में शनिवार को अवकाश रहता है, लेकिन इस केस का फैसला सुनाने ले लिए यह विशेष कोर्ट लगेगी। फैसला सुनाने वाली संवैधानिक पीठ में शामिल हैं- चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़। ये जज सुबह 10 बजे कोर्ट पहुंच जाएंगे और 10.30 बजे से बारी-बारी से अपना फैसला पढ़ना शुरू करेंगे। सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या फैसला बहुमत से आएगा। सबसे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई कोर्ट में मौजूद लोगों को बताएंगे कि फैसला किस तरह पढ़ा जाएगा? साथ ही यह भी कि फैसला सर्वसम्मति से आएगा या बहुमत से। संभव है कि सभी जज अपना-अपना फैसला पढ़ें। हर किसी के पास कई 100 पेजों का फैसला होगा, लेकिन उसका ऑपरेटिव पार्ट पढ़ा जाएगा। ऐसा हुआ तो हर जज को 30 से 40 मिनट लगेंगे। पढ़िए सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी हर अपडेट –
नई दिल्ली, एजेंसी/ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए दूसरी जगह पांच एकड़ भूमि आवंटित की जाए। पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति यानी 5-0 से यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह विवादित स्थान पर मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट गठित करे। पीठ ने फैसले में कहा कि 2.77 एकड़ की विवादित भूमि का अधिकार राम लला की मूर्ति को सौंप दिया जाए। हालांकि, इसका कब्जा केंद्र सरकार के रिसीवर के पास ही रहेगा। दैनिक जागरण इस लाइव रिपोर्ट के जरिए मामले से जुड़ा हर अपडेट आप तक पहुंचा रहा है। ताजा जानकारी के लिए रिफ्रेश करें यह पेज…