69000 शिक्षक भर्ती में 5,844 सीटों पर धांधली- पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, सरकार से मांगा जवाब

69000 शिक्षक भर्ती में 5,844 सीटों पर धांधली- पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, सरकार से मांगा जवाब

यूपी में 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर रिपोर्ट तैयार की थी. इस रिपोर्ट में 5,844 सीटों पर आरक्षण घोटाला सामने आया है. इस पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. लेकिन योगी सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया है.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के द्वारा कराई गई 2019 की शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला सामने आया है, जिसमें राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने योगी सरकार से 15 दिन के भीतर जवाब मांगा तो सरकार ने जवाब भी नहीं दिया है, 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर रिपोर्ट तैयार की थी. इस रिपोर्ट में 5,844 सीटों पर आरक्षण घोटाला सामने आया है. इस पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. लेकिन योगी सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया है.

मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा 69,000 पदों पर भर्ती के लिए ‘सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019, परीक्षा आयोजित की गई थी. भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के संबंध में अत्यधिक अनियमितताएं की गईं, जिसके फलस्वरुप पिछड़े वर्ग के हजारों अभ्यर्थी आरक्षण के लाभ पाने से वंचित हो गए.



शिकायतकर्ता ने उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षकों के चयन में, आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के अधिकारों का उल्लंघन का आरोप लगाया है. शिकायतकर्ता ने बताया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 2018 में 69,000 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की अधिसूचना के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था. जिसमें राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए ‘उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन टीचर सर्विस रूल, 1981’ के अनुसार, आरक्षण को राज्य में लागू कानूनों और प्रावधानों के अनुसार चयन प्रक्रिया पर लागू किया जाना था.

इसके बाद भर्ती परीक्षा 6 जनवरी 2019 को आयोजित की जानी सुनिश्चित की गई थी, 1 मई 2020 को अंतिम चयन जारी की गई. शिकायतकर्ताओं के अनुसार अंतिम चयन सूची जो 1 मई 2020 को प्रकाशित की गई है उसमें आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आवंटित सीटें, अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को दे दी गईं. आरक्षण के नियमों का उल्लंघन किया गया था, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने आयोग से संपर्क किया.

इसके बाद पिछड़ा वर्ग आयोग ने जांच की, जिसमें आयोग को अनियमितताएं मिलीं, इसे लेकर पिछड़ा वर्ग आयोग ने यूपी सरकार को 15 दिन में जवाब देने को कहा था, लेकिन अभी तक सरकार ने जवाब नही दिया है.

इसे लेकर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह यादव ने कहा है ”उत्तर प्रदेश में यूं तो योगी आदित्यनाथ सरकार ज्यादातर भर्तियां कर ही नहीं पाई है, जो भर्ती हुईं भी हैं उसमें भ्रष्टाचार हुए हैं. 69 हज़ार की भर्ती में भी राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस बात को माना है कि उत्तर प्रदेश में पिछड़ों का हक मारा गया है. 27 फीसद आरक्षण योगी सरकार ने नहीं दिया है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछड़ों, दलितों का हक मारा है ।