परिषदीय विद्यालयों के अनुभवी शिक्षक फिर बनेंगे ‘छात्र’, 15 जनवरी से शुरू होगी ट्रेनिंग


बेसिक शिक्षा परिषषद के स्कूलों में नए सत्र से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी तेजी हो गई है।
पाठ्यक्रम और उसके अनुसार किताबें लागू करने से पहले शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि उन्हें पढ़ाने में और बच्चों को समझने में कोई दिक्कत न हो। उनमें भी सबसे पहले कक्षा एक के शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी।

खास बात यह है कि शासन की गाइडलाइन के मुताबिक कक्षा एक में पढ़ाने के लिए विद्यालय के सबसे अनुभवी और योग्य शिक्षक को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह ट्रेनिंग 15 जनवरी से 15 मार्च तक चलेगी।

25-25 के ग्रुप में प्रशिक्षण
शिक्षकों का प्रशिक्षण ब्लाक स्तर पर होगा। उन्हें मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित करेंगे। वाराणसी स्थित राज्य हिन्दी संस्थान हिन्दी की किताब ‘रिमझिम’ पढ़ाने के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार कर रहा है।
ब्लाक स्तर पर फेस टू फेस मोड में 25-25 शिक्षक प्रशिक्षित होंगे। शिक्षकों को प्रशिक्षण माड्यूल और एनसीईआरटी की पुस्तकों का एक सेट दिया जाएगा।
उनसे माड्यूल और पाठ्यपुस्तकों में दी गई गतिविधियों और अभ्यास कार्यों का अभ्यास कराया जाएगा।

ये करेंगे निगरानी
ट्रेनिंग की निगरानी की जिम्मेदारी डायट प्राचार्य, बीएसए, बीईओ और डायट प्राचार्य की ओर से नामित संकाय के सदस्य करेंगे। प्रशिक्षण की वीडियो रिकार्डिंग भी होगी।

जिस ब्लाक पर प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं होगी, वहां के शिक्षकों की ट्रेनिंग डायट पर होगी। विभिन्न सत्रों में चलने वाली ट्रेनिंग में शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
प्रशिक्षण स्थल पर लैपटॉप, मानीटर प्रोजेक्टर आदि की व्यवस्था की जाएगी।

प्रशिक्षण का अलग माड्यूल
राज्य हिन्दी संस्थान की निदेशक ऋचा जोशी ने बताया कि प्रदेश भर से चयनित शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में आनलाइन प्रशिक्षण दे रहा है। इसमें एमएस टीम एप के अलावा संस्थान के और बाह्य विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के लिए अलग माड्यूल तैयार हुआ है। किताब के आवरण पृष्ठ से लेकर सभी पाठों, चित्रों, अभ्यासों के बारे में मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। पाठ्यक्रम के पाठ क्यों लिखे गए, उनका उद्देश्य क्या है, इसकी भी जानकारी दी जा रही है।

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गैरहाजिर शिक्षकों ने जबरन भरी हाजिरी, दोनों निलंबित:- बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को दिए जांच के आदेश

फर्रुखाबाद। शिक्षण कार्य से गायब रहने के बावजूद जबरन हाजिरी भरने और कंपोजिट ग्रांट में की गई अनियमितता के आरोप में बीएसए ने दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया। बीएसए ने दोनों मामलों की जांच के भी आदेश दिए।

खंड शिक्षा अधिकारी कमालगंज ने 9 जनवरी को प्राथमिक विद्यालय कंझाना का निरीक्षण किया था। विद्यालय के सहायक अध्यापक व शिक्षामित्रों ने आरोप लगाया कि पुरानी उपस्थिति पंजिका एवं पत्र व्यवहार रजिस्टर प्रधानाध्यापक मनीष कटियार ने गायब कर दिया है। उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रधानाध्यापक ने नई उपस्थिति पंजिका बनाई और पूरे स्टाफ के फर्जी हस्ताक्षर किए। सहायक अध्यापक सत्यभान ने एक नवंबर 2020 को नई उपस्थिति पंजिका बनाई। प्रधानाध्यापक ने उसे फाड़ दिया। आरोप है कि वर्ष 2018- 19 व 2019 20 की कंपोजिट ग्रांट नियमित उपभोग न कर वित्तीय अनियमितता की गई। बीईओ की रिपोर्ट पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी लालजी यादव ने प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया है। इसकी जांच खंड शिक्षा अधिकारी नवाबगंज को दी गई है ।

दूसरे मामले में 8 जनवरी को बीईओ ने प्राथमिक विद्यालय कोरीखेड़ा का निरीक्षण किया था। उनको विद्यालय स्टाफ ने बताया कि सहायक अध्यापक सुशील कुमार 1 से 20 दिसंबर तक विद्यालय से अनुपस्थित रहे । इसके बावजूद उपस्थिति पंजिका में जबरन हस्ताक्षर कर दिए । बीईओ की रिपोर्ट पर बीएसए ने सुशील कुमार को निलंबित कर दिया है। इसकी जांच खंड शिक्षा अधिकारी शमसाबाद को दी है।

फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी कर रहा शिक्षक बर्खास्त, आरोपी पर केस दर्ज कराने का बीईओ को निर्देश

गाजीपुर। फर्जी अभिलेख के आधार पर नौकरी कर रहे एक सहायक अध्यापक को जिला बेसिक शिक्षाधिकारी श्रवण कुमार गुप्ता ने सोमवार को बर्खास्त कर दिया। उन्होंने खंड शिक्षाधिकारी को उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने तथा वित्त एवं लेखाधिकारी को उससे वेतन की रिकवरी का निर्देश दिया।

परिषदीय शिक्षकों को भी पास होने के लिए जुटाने होंगे नंबर, रिपोर्ट के आधार पर होगी तरक्की

यूपी: पहली बार ऑनलाइन भरी जाएगी प्राइमरी शिक्षकों की गोपनीय आख्‍या, 15 अप्रैल तक स्‍वमूल्‍यांकन का समय

सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय आख्या इस वर्ष ऑनलाइन लिखी जाएगी। मानव संपदा पोर्टल पर 15 अप्रैल तक प्रधानाध्यापक-अध्यापक स्वमूल्यांकन करेंगे। खण्ड शिक्षा अधिकारी इसका मूल्यांकन 15 मई तक करके दाखिल करेंगे। बेसिक शिक्षा अधिकारी इन वार्षिक आख्या को 31 मई तक अंतिम रूप से सबमिट करेंगे।


पहली बार बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की वार्षिक आख्या (सीआर) कॉर्पोरेट की तर्ज पर लिखी जाएगी। पहले शिक्षक खुद अपना मूल्यांकन करेंगे और इसके बार दो स्तर पर उनके उच्चाधिकारी उस पर अंक देंगे। इसके लिए मानक पिछले वर्ष ही तय कर दिए गए थे।

इस वर्ष विद्यार्थियों की उपिस्थित, खुद प्रधानाध्यापक या अध्यापक की औसत उपस्थिति वाले बिन्दु लागू नहीं होंगे क्योंकि इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल नहीं खोले गए थे और स्कूलों में टैबलेट अभी तक नहीं पहुंचे हैं इसलिए अध्यापकों की उपस्थिति का बिन्दु भी लागू नहीं होगा। मानकों में स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प, दीक्षा पोर्टल का उपयोग, लर्निंग आउटकम की अंतिम परीक्षा में अध्यापक द्वारा पढ़ाए गए विषय का ग्रेड, एसएमसी की बैठक, छात्रों द्वारा पुस्तकालय का प्रयोग जैसे मानकों पर शिक्षकों को कसा जाएगा। इसके लिए समग्र शिक्षा अभियान के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने अंक भी जारी कर दिए हैं।


प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को भी अब पास होने के लिए नंबर जुटाने होंगे। इन्हीं नंबरों के आधार पर उनका मूल्यांकन होगा। आगे चलकर इसी से उन्हें इंक्रीमेंट और तरक्की भी मिलेगी। इसके लिए शिक्षकों को दिए जाने वाले नंबर के पैरामीटर तय कर दिए गए हैं। इस सम्बम्ध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनन्द ने आठ जनवरी को आदेश भी जारी कर दिया है।

समय पर विद्यालय न आने, बच्चों को पढ़ाने में रुचि न लेने तथा डिजिटल प्लेटफार्म पर न आने वाले प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को आने वाले दिनों में बड़ी दिक्कतें होने वाली है। उन्हें न सिर्फ नियमित स्कूल आना जाना पड़ेगा बल्कि बच्चों को पढ़ाना भी पड़ेगा। शिक्षकों के वार्षिक मूल्यांकन के लिए नए पैरामीटर निर्धारित किए गए हैं। जिन्हें आगामी शैक्षिक सत्र से लागू करने की तैयारी है।

विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन्हीं पैरामीटरों पर आने वाले दिनों में शिक्षकों की तरक्की होगी। उन्हें इंक्रीमेंट मिलेगा। मानव संपदा पोर्टल पर परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों को स्वयं वार्षिक मूल्यांकन प्रविष्टि भरनी है। शिक्षकों तथा प्रधानाध्यापक को मानव संपदा पोर्टल पर खुद के मूल्यांकन के फार्म सबमिट करने होंगे। इसका डिजिटली सत्यापन होगा। गलत तथ्य पकड़ में आ जाएंगे। हालांकि कुछ चीजें स्कूलों को टेबलेट मिलने के बाद शुरू होंगी।

मिल सकते हैं जीरो नंबर-परीक्षा में सहायक अध्यापक या अध्यापिका की ओर से पढ़ाए गए विषय में छात्र के ए प्लस ग्रेड आने पर 20, ए ग्रेड पर 16, बी ग्रेड पर 12, सी ग्रेड पर 8 तथा डी ग्रेड पर शिक्षक को केवल चार नंबर मिलेंगे। इसके इतर यदि पूरी कक्षा के 75% या उससे अधिक छात्र ए प्लस अथवा ए कैटेगरी में आते हैं तो शिक्षक को 20 अंक मिलेगा। अन्यथा शून्य दिया जाएगा।


🔴 इस तरह प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को मिलेंगे नंबर-

● सभी 14 अवस्थापना सुविधाएं होने पर शिक्षक को 10 नम्बर मिलेंगे न होने पर शून्य मिलेंगे
● विद्यालय में 60 से 80% तक छात्र उपस्थिति पर पांच नंबर मिलेंगे
● विद्यालय में छात्रों की 80% से अधिक उपस्थिति पर 10 नंबर
● डिजिटल शिक्षा सामग्री का नियमित प्रयोग करने पर 10 नंबर मिलेंगे
● छात्र रिजल्ट कार्ड सभी छात्रों को शत-प्रतिशत वितरित करने पर 10 नंबर
● एसएमसी की नियमित बैठक में प्रतिभाग करने पर 10 नंबर
● छात्रों द्वारा पुस्तकालय का नियमित प्रयोग करने पर 10 नंबर
● माड्यूल, आधारशिला, ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह को शिक्षण कार्य में नियमित प्रयोग करने पर 10 नंबर
● आउट ऑफ स्कूल बच्चों का सर्वेक्षण व चिंहित सभी बच्चों का नामांकन कराने पर 10 नंबर
● शिक्षकों के 60 से 80% तक उपस्थिति पर 5 अंक, 80% से अधिक उपस्थिति पर 10 अंक
● प्रशिक्षण में सभी दिन प्रतिभाग करने पर 10 नंबर

30 से कम छात्र नामांकन वाले स्कूलों का भी होगा संविलय

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने निर्देश दिए हैं कि 30 छात्र संख्या से कम नामांकन वाले एक किमी के दायरे में संचालित सभी प्राथमिक विद्यालय तथा तीन किमी के दायरे में संचालित उच्च प्राथमिक विद्यालयों का संविलय करें।

बेसिक शिक्षा परिषद अध्यापकों की वार्षिक गोपनीय आख्या की व्यवस्था के सम्बन्ध में जारी दिशा- निर्देश देखें ✍️

बेसिक शिक्षा परिषद अध्यापकों की वार्षिक गोपनीय आख्या की व्यवस्था के सम्बन्ध में जारी दिशा- निर्देश देखें Basic Teacher Annual confidential report 2021

बेसिक शिक्षकों के अवकाशों में दिन-व-दिन हो रही कटौती:- 2016 में 53 अवकाश थे, 2020 में 33 हो गए, 2021 में 30 ही बचे(5 में शिक्षण कार्य स्थगित है), पढें यह पोस्ट

C/P

2016 में 53 अवकाश थे2020 में 33 हो गए2021 में 30 ही बचे(5 में शिक्षण कार्य स्थगित है)भविष्य में प्रेरणा लक्ष्य पाने के लिए अवकाश और कम हो सकते है और जो समय 8 से 2 कर दिया है हो सकता है एक्सट्रा क्लास के नाम पर 8 से 3 कर दे

अब समय आ गया है कि शिक्षक गर्मी और सर्दी की(40 दिन जिसमें 6 रविवार भी है) छुट्टियों का मोह त्याग दें और 31 EL की मांग करें। क्योकि ये 40 छुट्टियां कोढ़ से ज्यादा कुछ नही हैं,किसी काम की भी नही रह गयीं हैं लेकिन बदनामी का कारण जरूर बन गयीं हैं।
अधिकारी कहतें हैं ये ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन छुट्टियां आपकी (शिक्षकों) की नही हैं, बच्चों की हैं। आपको कभी भी बुलाया जा सकता है।जब ये अवकाश शिक्षकों के लिए हैं ही नहीं। तो अन्य कर्मचारियों की भांति शिक्षकों को भी उपार्जित अवकाश संवैधानिक रुप से मिलने चाहिए और न मिलें तो सभी शिक्षक संघों को इसकी मांग करनी चाहिए।
Earning Leave मिलने का सबसे बडा फायदा होगा कि हर किसी की जुबान बन्द हो जाएगी कि शिक्षक डेढ़ महीने घर बैठते हैं।दूसरा फायदा जब हमें आवश्यकता होगी तब हमारे पास हमारी EL होंगी।इसके अलावा एक और बड़ा फायदा ये है कि अगर आपके पास पूरे कार्यकाल तक जितनी EL होती है तो उनका भुगतान मिलेगा।एक और बात आधे से ज्यादा शिक्षकों का शोषण ही इसी बात से होता है कि उनके पास केवल 14 CL होती हैं।आने वाले समय मे दिक्कत और बढ़ने वाली है क्योंकि पहले तो ज्यादातर शिक्षक होम टाउन तो छोड़िए होम ब्लॉक तक मे थे तो ज्यादा दिक्कत नही आई पर अब तो लोग दूसरे जिलों में नियुक्त हैं और अब तो ट्रांसफर भी जटिल होता जा रहा है।
लॉक डाउन में क्या किसी विभाग की El खत्म हुई? नहीं बिल्कुल नहीं, औऱ आपके ग्रीष्मकालीन अवकाश खत्म कर दिये गये और स्कूल उपस्थित होने के आदेश किये गये।जो शिक्षक उपस्थित नहीं हुए उनके वेतन रोक दिये गये हैं।आगे आने वाले समय में भी धीरे धीरे किसी न किसी काम से गर्मी की छुट्टियों में बुलाया जाएगा और नहीं जायेंगे तो वेतन अवरुद्ध होगा फिर वेतन निकलवाने के लिए रिश्वत लो।इसलिए अच्छा होगा कि शिक्षक स्वयं ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन अवकाश का वॉयकाट करें।रिकॉर्ड में और समाज मे ये दर्ज है कि शिक्षक की गर्मी की छुट्टी चल रही है पर शिक्षक तो विद्यालय में है।
अब समय आ गया है गर्मी और सर्दी की छुट्टी रद्द कराने और EL शुरू कराने का।
#सभी_शिक्षक_संघो के पदाधिकारियों से निवेदन है कि अगर आपके बस का कुछ है तो आप एकजुट होकर अर्न लीव की आवाज बुलंद करें।

मार्च तक जिले के अंदर होंगे शिक्षकों के तबादले, शासन को भेजा प्रस्ताव,पारस्परिक तबादले फरवरी तक

लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के सहायक अध्यापकों के अंतर्जनपदीय तबादलों के बाद अब जिले के अंदर एक से दूसरे स्कूल में तबादले मार्च तक किए जाएंगे। वहीं, पारस्परिक तबादले फरवरी तक किए जाएंगे। 
बेसिक शिक्षा महानिदेशालय ने शासन को इसका प्रस्ताव भेजा हैं। प्रदेश में करीब नौ हजार से अधिक शिक्षकों ने पारस्परिक तबादलों के लिए आवेदन किया है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि पारस्परिक तबादले के लिए जल्द हो शासनादेश जारी किया जाएगा। उनका कहना है कि एक-एक कर सभी तबादलों की प्रक्रिया को वर्तमान शैक्षिक सत्र में ही पूरा किया जाएगा। 

जिलों में एक स्कूल से दूसरे स्कूल में तबादले के लिए भी अलग से आवेदन लिए जाएंगे। उसके लिए जिला स्तरीय कमेटी बनाकर तबादला प्रक्रिया पूरी की जाएगी। विभाग की ओर से जिले के अंदर तबादलों में ग्रामीण से शहरी और शहरी से ग्रामीण इलाकों में तबादलों की छूट देने की घोषणा की गई है।

Google Map 2021- यूपी के सरकारी स्कूल अब गूगल मैप पर दिखेंगे, मिशन प्रेरणा के तहत होगी जियो टैगिंग

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वाराणसी :  गूगल पर जल्द दिखेंगे 444 परिषदीय स्कूल । जिले के 797 प्राथमिक १33 उच्च प्राथमिक 220 कंपोजिट विद्यालय आने वाले समय में गूगल सर्च पर दिखेंगे। इसके लिए परिषदीय विद्यालयों की जियो टैगिंग कराई जाएगी। जल्द ही नए शैक्षिक सत्र से इस काम में जिले के शिक्षकों को लगाया जाएगा। 

परिषदीय विद्यालयों को गूगल सर्च पर दिखाने के लिए प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से जियो टैगिंग का काम कराया जाएगा। शासन ने दूसरे चरण के कायाकल्प अभियान में स्कूलों के जियो फेसिंग का डाटा लेना अनिवार्य किया है। इसके लिए प्रेरणा के नए बर्जन में संशोधन भी किया गया है। एप में जियो टैगिंग का ऑप्शन जोड़ा गया है। जियो टैगिंग हो जाने पर गूगल पर सर्च करने पर विद्यालयों की लोकेशन पता लग सकेगी।


इस काम के लिए जिले के टीचर व रिसोर्ट टीचर लगाए जाएंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने बताया कि महानिदेशक स्कूली शिक्षा के निर्देश पर प्रेरणा पोर्टल पर कायाकल्प का डाटा अपलोड करने के लिए जिले के इंटीनरेट टीचर व रिसोर्ट टीचर को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। प्रेरणा पोर्टल पर ऑनलाइन डाटा फीड करने के साथ ही जियो टैगिंग का भी ऑप्शन दिया गया है।