प्राथमिक प्रधानाध्यापक या जूनियर सहायकों के लिए आवश्यक निर्देश।

*प्राथमिक प्रधानाध्यापक या जूनियर सहायकों के लिए*
👇
1. Joining Date in Current Office: जिस विद्यालय में कार्यरत हैं उसकी जोइनिंग तारीख


2. Joining Relieving: किसी भी डेट का सर्विस break न हो, अगर कम्पोजिट हुआ है तो सभी की joining डेट में एक entry आटोमेटिक होगी उसको ignore करें ।(अगर गलत है, तो जो service book में फ़ॉर्मेट है उसी क्रम में भरें )


3. Data of Retirment: सत्र लाभ नहीं जोड़ना है


4. Appointment Date: वह तिथि जिस डेट का BSA से अपॉइंटमेंट लेटर प्राप्त हुआ?


5. Date of Joining in Service:सबसे पहले विद्यालय या BSA office में जॉइन किया


6. Cadre:HT Primary/AT Junior


*7. Date Of Birth*


8. Marital Status:विवाहित या अविवाहित हैं


*ल9. Date of Marriage:


10.Spouse Ehrms Code: पति या पत्नी के सरकारी सेवा में होने पर उनका Ehrms Code


11.Employee Type :Regular


12.Current Designation : Maths/Art(Social Science)/Art(Language)-यह आपको नहीं दिखेगा


13. Education Detail: सभी योग्यतायें जिनके documents मानव संपदा पर अपलोड किए हों


14. Current Status (एक्टिव होना चाहिए)



*सभी कार्मिक मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट अवश्य करा लें* 👇*
*नोट *…. ⏩ *1. Marital Status*
⏩ *2. Date of Marriage*



https://ehrms.upsdc.gov.in/ReportSummary/PublicReports/EmployeeFactSheet

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गड़बड़झाला : कहां गए शिक्षकों के वेतन से कटे ₹208.80 करोड़? बेसिक शिक्षकों के लिए 2014 में बंद कर दी गई थी ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम, लेकिन वेतन से कट रहा प्रीमियम

गड़बड़झाला : कहां गए शिक्षकों के वेतन से कटे ₹208.80 करोड़? बेसिक शिक्षकों के लिए 2014 में बंद कर दी गई थी ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम, लेकिन वेतन से कट रहा प्रीमियम


लखनऊः उत्तर प्रदेश में 2014 के बाद भर्ती परिषदीय प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों (वेसिक शिक्षक) के लिए ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम बंद कर दी गई। लेकिन शिक्षकों के वेतन से हर महीने 87 रुपये प्रीमियम काटा जा रहा है। आठ साल में अब तक इन शिक्षकों के लगभग 208.80 करोड़ रुपये काटे जा चुके हैं। शिक्षक लगातार पूछ रहे हैं कि यह प्रीमियम क्यों काटा जा रहा है? अब तक जमा इतनी बड़ी रकम कहां गई ? विभाग में इसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है।


अन्य शिक्षकों और कर्मचारियों की तरह ही वेसिक शिक्षकों का भी ग्रुप इंश्योरेंस होता है। वेसिक शिक्षकों की सैलरी से इंश्योरेंस के प्रीमियम के तौर पर 67 रुपये प्रति माह काटे जाते हैं। दुर्घटना होने उसका क्लेम मिलता है। इसमें एक लाख रुपये बीमा कवर है। यदि दुर्घटना नहीं होती है तो रिटायरमेंट के बाद पॉलिसी की परिपक्वता राशि मिलती है। एलआईसी ने 2014 में वेसिक शिक्षकों के लिए यह पॉलिसी बंद कर दी। विभाग को कह दिया कि भविष्य में नियुक्त वेसिक शिक्षकों का बीमा नहीं किया जाएगा। 2014 में ऐडेड माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के लिए भी यह वीमा बंद कर दिया गया। वेतन से होने वाली उनकी कटौती भी बंद हो गई पर वेसिक शिक्षकों की कटौती जारी है।


क्लेम के लिए दबाव से अफसर भी परेशान : आठ साल में शिक्षकों और विभाग की ओर से इसको लेकर सवाल जवान हुए और पत्राचार हुआ, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला। शिक्षक संगठनों ने विभाग को कई बार पत्र लिखे।


जिलों के वित्त एवं लेखाधिकारियों ने भी वेसिक शिक्षा परिषद के वित्त नियंत्रक को पत्र लिखे। अप्रैल में एक लेखाधिकारी ने वित्त नियंत्रक को इस बारे में पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि 1 अप्रैल 2014 के बाद नियुक्त परिषदीय शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन से सामूहिक वीमा के प्रीमियम की कटौती की जा रही है। अब मृत अध्यापकों के आश्रित वीमा क्लेम के लिए भी दबाव बना रहे हैं। इस बारे में मार्गदर्शन दें। हालांकि वित्त नियंत्रक खुद भी विभाग को पत्र लिखकर ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों का ब्योरा मांग चुके हैं। अब तक न तो शिक्षकों के खाते से कटौती बंद हुई और न बीमा क्लेम मिल रहा।


2.50 लाख शिक्षक भर्ती हुए 2014 के बाद

2014 के बाद से आठ साल में लगभग 2.75 लाख शिक्षक भर्ती हो चुके हैं। करीब 25 हजार शिक्षकों ने जॉइन नहीं किया। वह संख्या घटा दी जाए तो आंकड़ा 2.50 लाख होता है। एक शिक्षक का 87 रुपये प्रति माह के हिसाब से साल भर में 1,044 रुपये होते हैं। आठ साल में यह राशि 8,352 रुपये होती है। इस तरह कुल 2.50 लाख शिक्षकों की अब तक की जमा राशि ही 208.80 करोड़ रुपये बनती है। आठ साल का ब्याज जोड़ें तो यह रकम और ज्यादा हो जाएगी।


न तो अफसर कुछ बता रहे, न ही कटौती रुक रही: असोसिएशन

प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते हैं कि हमने संगठन की ओर से कई बार इस बारे में पूछा। अफसर न तो कुछ बता रहे हैं. और न कटौती बंद की जा रही। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वित्त नियंत्रक ही इस बारे में कुछ बता पाएंगे। वहीं वित्त नियंत्रक रवींद्र कुमार ने फोन तो उठाया, लेकिन सामूहिक बीमा की बात कहने पर बोले कि वह अभी अस्पताल में हैं। कुछ दिन बाद इस बारे में बता पाएंगे।

प्राथमिक शिक्षिका की मौत के 19 साल बाद अनाथ बच्चे को मिलेगी अनुकंपा नौकरी, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की यूपी सरकार की दलील

प्राथमिक शिक्षिका की मौत के 19 साल बाद अनाथ बच्चे को मिलेगी अनुकंपा नौकरी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अगर यह ‘गलत नजीर’ है तो गलत ही सही, यूपी सरकार की दलील को किया खारिजl

नई दिल्ली। पांच साल की उम्र में अनाथ हुए बच्चे को 19 वर्ष तक दर-दर भटकने के बाद आखिरकार देश की सबसे बड़ी अदालत ने न्याय दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने उसे अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने का आदेश सुनाया।

जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया कि इतने वर्षों के बाद अनुकंपा के आधार पर नौकरी देना गलत नजीर बनेगा। पीठ ने कहा, अगर यह गलत नजीर है तो गलत ही सही। वर्षों तक जिन मुश्किल हालातों से बच्चों (आवेदक व उसकी बहन) को गुजरना पड़ा, उसे भलीभांति समझा जा सकता है। सुनवाई के दौरान पीठ ने यह भी पाया कि नाना के पास रह रहे इन बच्चों को शन समेत वित्तीय लाभों से 15 वर्ष से अधिक मय तक वंचित रखा गया। पेंशन व अन्य बकाया भी उन्हें 2019 में तब मिला, जब राज्य रकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई।



पीठ ने कहा, यह तो राज्य सरकार के खलाफ जुर्माना लगाने का उचित मामला है। ज्य सरकार की ओर से पेश वकील द्वारा ार-बार जुर्माना नहीं करने के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार पर जुर्माना तो नहीं गाया लेकिन मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए। संबंधित अथॉरिटी को दो महीने के भीतर गणेश शंकर शुक्ला ( याचिकाकर्ता) को शैक्षणिक योग्यता के आधार पर नौकरी देने का आदेश दिया है।


याचिकाकर्ता गणेश की पैरवी करने वाले वकील आशुतोष यादव ने दलील दी कि गणेश वर्ष 2015 में बालिग हुआ था और उसने 2016 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी। बालिग होने के बाद उसको अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने के अधिकार के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। उसके बाद उसने विभिन्न फोरम का दरवाजा खटखटाया।


कानपुर का है मामला

याचिका के मुताबिक गणेश की मां गीता देवी शुक्ला जिला रमाबाई नगर (कानुपर देहात) के एक प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक थीं। 13 मार्च 2003 को गीता देवी की मृत्यु हो गई। उस वक्त गणेश की उम्र महज पांच वर्ष थी जबकि उसकी बहन आठ वर्ष की थी। पिता की मृत्यु पहले ही हो गई थी।

छोटी सी उम्र में अनाथ हुए बच्चों को नाना ने पाला पोसा। विभाग ने गीता देवी का बकाया /फंड याचिकाकर्ता को नहीं दिया। दिसंबर 2008 में याचिकाकर्ता की ओर से पेंशन / फंड रिलीज करने का संबंधित अथॉरिटी के पास अभ्यावेदन दिया गया लेकिन अथॉरिटी ने कुछ नहीं किया 2016 में ट्रिब्यूनल ने संबंधित अथॉरिटी ने परिवार पेंशन देने का आदेश दिया।

इस आदेश का पालन न होने पर अवमानना याचिका दायर की गई तब जाकर पेंशन जारी हुई लेकिन अनुकंपा पर नौकरी को लेकर उसे राहत नहीं मिली। इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिलने पर गणेश ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की।

ज़िले में दो शिक्षकों के प्रमाण-पत्र संदिग्ध मिले, बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जारी किया नोटिस

ज़िले में दो शिक्षकों के प्रमाण-पत्र संदिग्ध मिले, बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जारी किया नोटिस
 ज़िले में दो शिक्षकों के प्रमाण-पत्र संदिग्ध मिले, बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जारी किया नोटिस 

जिले के बैरिया और सीयर के प्राथमिक विद्यालय में तैनात दो शिक्षकों के अंक पत्र और प्रमाण पत्र संदिग्ध मिले हैं। उन पर कूटरचित अंक व प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने का आरोप है।बीएसए बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवनारायण सिंह ने दोनों शिक्षकों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अंदर जवाब तलब किया है। उन्होंने पूछा है कि क्यों न उनकी सेवा समाप्त कर विधिक कार्रवाई शुरू कर दी जाएं।

बीएसए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नोटिस में उल्लेख किया है कि अपर पुलिस अधीक्षक स्पेशल टास्क फोर्स लखनऊ द्वारा अवगत कराया गया है कि बेसिक शिक्षा विभाग की मानव संपदा पोर्टल पर समान नाम, पिता का नाम व जन्मतिथि वाले शिक्षकों की जांच एनआइसी से समन्वय स्थापित कर की गई। इसमें शिक्षा क्षेत्र बैरिया के प्राथमिक विद्यालय शहीद पर तैनात सहायक अध्यापक बाल कृष्ण यादव पुत्र हरिकेश यादव व शिक्षा क्षेत्र सीयर के प्रावि वाराडीह पर तैनात शिक्षक ओमप्रकाश यादव पुत्र बांकेलाल यादव का अंक व प्रमाण पत्र संदिग्ध पाया गया है। दोनों शिक्षकों द्वारा नियुक्ति के समय प्रस्तुत दस्तावेज सत्यापन में कूटरचित मिला है। एक सप्ताह के अंदर दोनों शिक्षकों को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी है। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई निश्चिंत है।

पहले से 10 फर्जी शिक्षकों को खोज रही एसटीएफ : जिले के 10 फर्जी शिक्षकों को पहले से एसटीएफ खोज रही है। महानिदेशालय ने बीएसए को पत्र भेजे 10 शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेजों और नियुक्ति संबंधित प्रपत्रों को तलब किया था। उनमें से अभी तक एक की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। धन की रिकवरी के मामले में भी विभाग के हाथ कुछ नहीं लगा है। 14 ऐसे शिक्षकों की सूची जारी की गई थी, जिनके पैन नंबर में गड़बड़ी पाई गई थी। सूची में अलग-अलग शिक्षा क्षेत्रों के 10 उच्च प्राथमिक व प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों, सहायक अध्यापकों एवं शिक्षामित्रों के नाम शामिल हैं।

यह बोले अधिकारी : फर्जीवाड़े के मामले मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से पकड़ में आ रहे हैं। जिन शिक्षकों का अभिलेख सत्यापित नहीं पाया है, उनकी सूची शासन से आ रही है। उनकी जांच कर कार्रवाई की जा रही है। अभी दो शिक्षकों को नोटिस जारी की गई है। – शिवनारायण सिंह, बीएसए

उन्नाव :- 13 दिसम्बर को स्कूल में गायब रहे सभी शिक्षक/ शिक्षामित्र/अनुदेशको /अनुचरों का कटेगा, आदेश जारी

उन्नाव जिले में दिनांक 13.12. 2021 आकस्मिक निरीक्षण में अनुपस्थित पाए जाने वाले शिक्षक/ शिक्षामित्र/अनुदेशको /सहचर का निरीक्षण तिथि वेतन /मानदेय अग्रिम आदेश तक अवरुद्ध किए जाने का आदेश जारी

21 साल से एसी कास्ट सर्टिफिकेट से नौकरी कर रही मुस्लिम महिला शिक्षिका बर्खास्त | SC Caste Certificate Misuse

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 21 साल से अधिक समय से अनुसूचित जाति का बनकर नौकरी कर रही व प्रधानाचार्या के पद पर प्रोन्नति पा चुकी एक मुस्लिम महिला के बर्खास्तगी को सही करार दिया है। न्यायालय ने कहा कि उसके द्वारा की गई धोखाधड़ी से उसकी नियुक्ति ही निरस्त हो जाती है। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने मुन्नी रानी की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया। याचिका में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, हरदोई के 2 जुलाई 2021 के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसके द्वारा याची की सहायक अध्यापिका के पद पर नियुक्ति को निरस्त करते हुए, उसकी सेवाओं को समाप्त कर दिया गया था।





मामले की सुनवाई करते हुए, 30 नवम्बर को न्यायालय ने याची के सर्विस रिकॉर्ड को तलब किया। न्यायालय ने पाया कि याची को 30 नवम्बर 1999 को सहायक अध्यापिका के पद पर नियुक्ति मिली थी। याची ने खुद को अनुसूचित जाति से सम्बंधित बताते हुए, एक जाति प्रमाण पत्र भी लगाया था। वर्ष 2004 में उसे प्रधानाचार्या के पद पर प्रोन्नति भी मिल गई। राजीव खरे नाम के एक व्यक्ति ने जिलाधिकारी, हरदोई को शिकायत भेज कर बताया कि याची वास्तव में मुस्लिम समुदाय से है व उसके सर्विस बुक में भी उसका मजहब इस्लाम लिखा हुआ है।

मामले की जांच शुरू हुई, जिसमें पाया गया कि जाति प्रमाण पत्र 5 नवम्बर 1995 को तहसीलदार, सदर, लखनऊ द्वारा जारी किया गया है। वहीं याची के आवेदन पत्र में उसकी जाति ‘अंसारी’ लिखी हुई पाई गई। बावजूद इसके कूटरचित जाति प्रमाण पत्र के आधार पर याची ने नौकरी प्राप्त कर ली। न्यायालय ने कहा कि याची ने धोखाधड़ी व कूटरचना करते हुए, उक्त नियुक्ति हासिल की थी। लिहाजा उसकी नियुक्ति ही अवैध थी।

औचक निरीक्षण में 15 बेसिक शिक्षक अनुपस्थित मिले, डीएम को भेजी रिपोर्ट

भनवापुर : डुमरियागंज एसडीएम प्रमोद कुमार ने भनवापुर ब्लॉक, बाल विकास एंव पुष्टाहार कार्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का गुरुवार को औचक निरीक्षण किया। 15 कर्मी अनुपस्थित पाए गए। उन्होंने कार्रवाई के लिए डीएम को रिपोर्ट भेज दी है।



एसडीएम ने भनवापुर ब्लॉक क्षेत्र के कई सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। सबसे पहले ब्लॉक मुख्यालय पहुंचे जहां एडीओ पंचायत सुरेंद्र मिश्रा, टीए शैलेश चंद्र यादव, शेषमणि चौरसिया, तारकेश्वर नाथ पांण्डेय, ब्रहमानंद मिश्र, महेंद्र सिंह, सुभाष चंद्र, विवेक श्रीवास्तव, मनमोहन पांण्डेय अनुपस्थित मिले। बाल विकास एंव पुष्टाहार कार्यालय में कोई भी कर्मचारी उपस्थित नहीं मिला। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जहां डॉ. आशीष सत्यार्थी अनुपस्थित मिले।

निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर में गंदगी देख नाराजगी जताई। एसडीएम प्रमोद कुमार ने कहा कि डीएम के निर्देश पर औचक निरीक्षण किया गया है। कहा कि जो भी अनुपस्थित कर्मचारी मिले हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जांच आख्या डीएम को भेजी जाएगी।

एबीएसए को शिक्षिका ने चप्पल से पीटा, निलंबित, शिक्षिका ने कहा, एबीएसए ने की बदसलूकी

प्रयागराज: सैदाबाद ब्लाक के प्राइमरी स्कूल मलेथुआ में उस समय अफरातफरी मच गई, जब निरीक्षण करने गए एबीएसए बलिराम को वहां तैनात शिक्षिका कविता कुमारी ने चप्पलों से पिटाई शुरू कर दी। मौके पर पहुंचे शिक्षकों ने बीच बचाव कर मामले को शांत कराया। एबीएसए ने इसकी शिकायत बीएसए से की तो शाम को शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया। जबकि शिक्षिका ने एबीएसए पर बदसलूकी करने का आरोप लगाते हुए उतरांव थाने में तहरीर दी है।

मंगलवार की दोपहर खंड शिक्षा अधिकारी बलिराम प्राइमरी स्कूल मलेथुआ का निरीक्षण करने गए थे। तभी वहां तैनात सहायक अध्यापक कविता कुमारी ने कुछ मामलों को लेकर नोकझोंक हो गई। इसपर शिक्षिका चप्पल उतारकर एबीएसए को पीटने लगी। शोर सुनकर अन्य शिक्षक पहुंचे और दोनों को शांत कराया। एबीएसए ने कहा कि कविता कुमारी अध्यापन में रुचि नहीं लेती हैं। बच्चे पढ़ाई में बहुत कमजोर हैं। सुधार के लिए शिक्षिका को कहा गया तो वह मारपीट करने लगी। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी को दी। इस पर बीएसए ने महिला शिक्षक को निलंबित कर दिया।

प्रकरण की जांच बीईओ हंडिया ममता सरकार को दी गई है। उधर, कविता कुमारी का आरोप है कि एबीएसए छुट्टी के लिए आवेदन करने पर रुपये मांगते हैं। न देने पर आवेदन निरस्त कर देते हैं। इसकी शिकायत बीएसए से पहले की जा चुकी थी। इसी बात से वह नाराज थे और मंगलवार को छेड़छाड़ की। विरोध करने पर बदसलूकी करने लगे, इसलिए उनको चप्पलों से मारा ।

वहां पर मारपीट की शिकायत आई है। एवीएसए और शिक्षिका से पूरे प्रकरण की जानकारी ली गई है। प्रथम दृष्टया शिक्षिका की गलती मिली है तो उन्हें निलंबित कर दिया गया है। फिलहाल जांच चल रही है। आगे की कार्रवाई जांच रिपोर्ट आने के बाद की जाएगी। प्रवीण कुमार तिवारी, बीएसए

विद्यालय परिसर में झगड़ने के आरोप में दो शिक्षिकाएं निलंबित

विद्यालय परिसर में झगड़ने के आरोप में दो शिक्षिकाएं निलंबित

सुल्तानपुर। विद्यालय में झगड़ा करने के आरोप में बीएसए ने दो सहायक अध्यापिकाओं को निलंबित कर दिया है। मामला कूरेभार विकास खंड के फरीदीपुर प्रथम प्राथमिक विद्यालय का है।

विद्यालय में 21 अक्तूबर को डीबीटी के संबंध में प्रधानाध्यापिका अनामिका शुक्ला कक्षा चार के छात्रों से बात कर रही थीं। आरोप है कि इसी दौरान प्रधानाध्यापिका से सहायक अध्यापिका अंकिता सिंह व कोरी दीपा रामलाल भिड़ गईं। प्रधानाध्यापिका ने मारपीट का भी आरोप लगाया। मामले में पुलिस अधीक्षक तक से शिकायत दर्ज कराई गई। प्रधानाध्यापिका अनामिका शुक्ला के शिकायती पत्र के बाद कूरेभार खंड शिक्षाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट बीएसए को सौंपी, जिसमें सहायक अध्यापिकाओं के प्रधानाध्यापक का निर्देश नहीं मानने व विद्यालय में शैक्षिक माहौल बिगाड़ने के आरोप सही पाए गए।

बीएसए दीवान सिंह यादव ने सहायक अध्यापिका अंकिता सिंह व कोरी दीपा रामलाल को निलंबित कर दिया है। अंकिता को बल्दीराय विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय पूरे लौंगी तथा कोरी दीपा रामलाल को करौंदीकलां के प्राथमिक विद्यालय परशुरामपुर से संबद्ध किया है। प्रकरण में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर एक माह के अंदर संयुक्त जांच रिपोर्ट मंगाई गई है।

कक्षा में मेज पर पैर रखकर सोते शिक्षक का वीडियो वायरल, जांच के बाद होगी कार्रवाई

चंदौली जिले के शहाबगंज विकासखंड के डेहरी कला प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक का कक्षा में मेज पर पैर रखकर सोते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है।

चंदौली जिले के व्हाट्सएप ग्रुप और सोशल मीडिया पर शुक्रवार को एक वीडियो वायरल हुअ। वीडियो में एक शिक्षक कक्षा में मेज पर पैर रखकर सोते हुए दिखाई दे रहे हैं और जमीन पर बच्चे पर बैठकर पढ़ रहे हैं। यह वीडियो शहाबगंज ब्लॉक के डेहरी कला, प्राथमिक विद्यालय का बताया जा रहा है।

वीडियो वायरल होते ही शिक्षा विभाग और शिक्षकों में हड़कंप मच गया। वहीं इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी अरविंद यादव ने बताया कि संबंधित विद्यालय के वीडियो की जानकारी मिली है। इस संदर्भ में अध्यापक से पूछताछ और जांच के बाद उचित कार्यवाही की जाएगी।
इससे पहले भी धानापुर विकासखंड के एक विद्यालय में कुर्सी पर सोते हुए शिक्षक का वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। बाद में जांच में लीपापोती करते हुए और यह बताते हुए कि वह शिक्षक नहीं बल्कि टीकाकरण कराने वाला मरीज था, आरोपी शिक्षक को फिर से बहाल कर दिया गया।