खुशखबरीः तीन फीसदी महंगाई भत्ता (DA) देने की केंद्र सरकार की घोषणा के बाद अब योगी सरकार राज्यकर्मियों को दिवाली से पहले देगी बोनस और डीए

दीपावली से पहले तीन फीसदी महंगाई भत्ता (डीए) देने की केंद्र सरकार की घोषणा के बाद अब यूपी की योगी सरकार राज्य के 16 लाख कर्मचारियों को भी डीए की यह किस्त दीपावली से पहले देने की तैयारी कर रही है। राज्यकर्मियों को अक्तूबर माह के वेतन के साथ बोनस का तोहफा भी देने की तैयारी है। कुल मिलाकर कर्मचारियों की जेब में दीपावली से पहले अक्तूबर का वेतन, बढ़ा डीए और बोनस के रूप में मोटी रकम होगी। जिससे बाजार में तेज उछाल की उम्मीद की जा रही है।

वित्त विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 14.82 लाख अराजपत्रित राज्य कर्मचारियों, दैनिक वेतन भोगी और वर्कचार्ज कर्मचारियों को बोनस देने की फाइल तैयार है। सरकार के आदेश का इंतजार हो रहा है। डीए की फाइल तैयार करने के लिए केंद्र सरकार के सर्कुलर का इंतजार हो रहा है। एक-दो दिन में केंद्र सरकार का डीए वृद्धि का सर्कुलर अपलोड हो जाने पर इसकी फाइल तैयार हो जाएगी। सोम या मंगलवार तक राज्य सरकार भी डीए व बोनस देने की घोषणा कर सकती है।

वादे के मुताबिक फैसला
दो माह पूर्व ही केंद्र और राज्य सरकार ने कोरोना के कारण सीज किए गए मंहगाई भत्ते की तीन किस्तों का भुगतान किया था। उसी समय यह वादा किया गया था कि जुलाई 2021 के महंगाई भत्ते की किस्त दीपावली के आसपास दी जाएगी।

पेंशनरों के लिए भी उम्मीद
जुलाई के डीए का लाभ जुलाई से ही कर्मचारियों को मिलेगा। सरकार तय करेगी कि जुलाई से सितंबर तक की धनराशि एरियर के रूप में या भविष्य निधि खातों और अन्य बचत पत्रों के जरिए देगी। पेंशनरों के लिए महंगाई राहत की घोषणा भी होने की उम्मीद है।

वहीं, उ.प्र. सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि केंद्र सरकार की तरह दीपावली से पहले राज्य कर्मचारियों को डीए और बोनस दिए जाने की घोषणा करे, ताकि कर्मचारी परिवार के साथ इस खुशी को बांट सकें। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेस) के राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि दीपावली से पहले कर्मचारियों को डीए और बोनस का भुगतान करने का आदेश दें।

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केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार ने दिवाली का तोहफा दिया है। सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए केंद्रीय कर्मचारियों को गैर-उत्पादकता से जुड़ा या तदर्थ बोनस देने की घोषणा की है। वित्त मंत्रालय के तहत Expenditure dep ने कहा कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और सशस्त्र बलों के कर्मचारी भी बोनस के लिए पात्र होंगे। जो कर्मचारी 31 मार्च, 2021 तक सेवा में थे, और जिन्होंने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कम से कम छह महीने की लगातार सेवा दी है, वे तदर्थ बोनस के लिए पात्र होंगे।

गैर-उत्पादकता से जुड़े बोनस (Non-Productivity Linked Bonus) का भुगतान समूह-सी (Group C) में केंद्र सरकार के कर्मचारियों और समूह-बी (Group B) में सभी अराजपत्रित कर्मचारियों को किया जाएगा, जो किसी भी उत्पादकता से जुड़ी बोनस योजना में शामिल नहीं हैं।

इस बोनस के भुगतान के लिए गणना की सीमा 7,000 रुपये की average emoluments होगी। विभाग ने कहा, तदर्थ बोनस का कैलकुलेशन औसत परिलब्धियों/ गणना की अधिकतम सीमा, जो भी कम हो, के आधार पर की जाएगी। यह भी स्पष्ट किया गया कि 31 मार्च, 2021 से पहले इस्तीफा देने वाले, सेवानिवृत्त होने वाले या सेवा समाप्त करने वाले कर्मचारियों के मामले में तदर्थ बोनस का भुगतान केवल उन लोगों को किया जाएगा जो चिकित्सा आधार पर सेवानिवृत्त हुए या 31 मार्च, 2021 से पहले जिनका निधन हुआ हो। लेकिन इन मामलों में भी वर्ष के दौरान कम से कम छह महीने की नियमित सेवा होनी जरूरी है।
इन्‍हें होगा फायदा

केवल वे कर्मचारी जो 31.03.2021 को सेवा में थे और वर्ष 2020-21 के दौरान कम से कम छह महीने की निरंतर सेवा प्रदान की है, इन आदेशों के तहत भुगतान के लिए पात्र होंगे। पात्र कर्मचारियों को वर्ष के दौरान छह महीने से एक पूरे वर्ष तक निरंतर सेवा की अवधि के लिए आनुपातिक भुगतान स्वीकार्य होगा, पात्रता अवधि सेवा के महीनों की संख्या के अनुसार ली जा रही है। ऐसे Casual Labor जिन्होंने 6 दिनों के सप्ताह के बाद कार्यालयों में 3 साल या उससे अधिक के लिए प्रत्येक वर्ष के लिए कम से कम 240 दिनों के लिए काम किया है, इस तदर्थ बोनस भुगतान के लिए पात्र होंगे। तदर्थ बोनस की रकम (1200×30/30.4 रुपये यानी 1184.21 रुपये (1184/- रुपये तक) होगी। तदर्थ बोनस की गणना average emoluments/calculation ceiling, जो भी कम हो, के आधार पर की जाएगी। एक दिन के लिए तदर्थ बोनस की गणना करने के लिए, एक वर्ष में औसत परिलब्धियों को 30.4 (महीने में दिनों की औसत संख्या) से भाग किया जाएगा। इसके बाद, इसे दिए गए बोनस के दिनों की संख्या से गुणा किया जाएगा। उदाहरण के लिए, रुपये की मासिक परिलब्धियों की गणना सीमा लेना। 7000 (जहां वास्तविक औसत परिलब्धियां 7000 रुपये से अधिक हैं), तीस दिनों के लिए गैर-पीएलबी (तदर्थ बोनस) रुपये होगा। 7000×30/30.4= कुल मिलाकर रु.6908/-। (Pti इनपुट के साथ)