Lok Sabha Election 2019 : 7 चरणों में होगा लोकसभा चुनाव, 23 मई को आएंगे नतीजे

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा (Lok Sabha Election 2019 Date, Schedule) कर दी है. इस बार 7 चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे और 23 मई को नतीजे आएंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव तिथियों की घोषणा करते हुए कहा कि सभी एजेंसियों से राय ली. चुनाव खर्चे पर विशेष निगरानी रखी जाएगी. त्‍योहारों का ध्‍यान रखा गया. उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव में 90 करोड़ लोग वोट डालेंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हम चुनाव के लिए काफी पहले से ही तैयारी कर रहे थे. सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के चुनाव आयुक्त से बात की. उन्हें तैयारी करने के लिए कह दिया गया था. लॉ एंड ऑर्डर की सिचुएशन भी जांची गई. यह सब करने के बाद ही आज हम चुनाव की घोषणा करने की स्थित में हैं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयोग ने कहा कि इस बार ईवीएम मशीनों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. आज से ही आचार संहिता लागू हो गई है. किसी भी तरह की नियम उल्लघन पर कार्रवाई. सभी उम्मीदवारों को अपनी संपति और शिक्षा का ब्यौरा देना होगा. फॉर्म 26 भरना होगा. उन्होंने कहा कि लाउड स्पीकर का इस्तेमाल रात 10 से सुबह छह तक बंद रखना होगा. हमारा फोकस ध्वनि प्रदूषण को कम करना है. सीआरपीएफ को बड़ी संख्या में तैनात किया जाएगा.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार एक ऐप भी लांच होगा, जिसकी मदद से कोई भी मतदाता किसी भी नियम उल्लंघन को कैमरे में कैद कर सीधे हमें भेजा सकेगा. उन्होंने कहा कि इस बार समाधान वेब पोर्टल भी होगा, आम जनता इस पोर्टल के जरिये फीडबैक दे पाएगी. साथ ही सभी बूथ पर सीसीटीवी कैमरा होगा. चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदाताओं तक पहुंचने के लिए हर तरह की कोशिश की गई है. हम एक भी मतदाता नहीं छोडना चाहते हैं. सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जाएगी. सोशल मीडिया पर कैंपेनिंग का खर्चा भी जोड़ा जाएगा.
आपको बता दें कि मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 3 जून को खत्म हो जाएगा. साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी पहली ऐसी पार्टी बनी थी जो तीन दशकों में पहली पूर्ण बहुमत पाई थी. बीजेपी को 282 सीटें मिली थीं. जबकि एनडीए को 336 सीटें मिली थीं. वहीं कांग्रेस इस चुनाव में बुरी तरह से हारी थी और उसे मात्र 44 सीटें मिली थीं. कांग्रेस की हालत ऐसी थी कि उसे विपक्ष की नेता की कुर्सी पाने के लिए जरूरी 10 फीसदी सीटें भी नहीं मिली थीं. फिलहाल आचार संहिता लगने के बाद अब सरकार कोई भी नीतिगत फैसला नहीं ले पाएगी.

ईवीएम की आपूर्ति करने वाली कंपनियों के भुगतान के लिए सरकार ने मांगे 1600 करोड़ रुपए

केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में 1,637 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि मांगी है ताकि कानून मंत्रालय आगामी लोकसभा चुनावों से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) और पेपर ट्रेल मशीनों (वीवीपीएटी) की आपूर्ति करने वाली दो कंपनियों को भुगतान कर सके। साल 2018-19 के लिए पूरक अनुदान मांगों के तीसरे बैच में सरकार ने 1,637.14 करोड़ रुपए के लिए संसद की मंजूरी मांगी है ताकि कानून मंत्रालय ईवीएम और पेपर ट्रेल मशीनों के लिए इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) को पैसे दे सके

पूरक अनुदान मांगों का तीसरा बैच 13 फरवरी तक पारित होने की संभावना है। संसद का मौजूदा बजट सत्र 13 फरवरी को खत्म हो रहा है। आगामी लोकसभा चुनावों में नवीनतम एम3 प्रकार की ईवीएम इस्तेमाल की जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ईसीआईएल और बीईएल पर ईवीएम की आपूर्ति करने की जिम्मेदारी है और दोनों ने चुनाव आयोग को 22.3 लाख बैलट यूनिट एवं 16.3 लाख कंट्रोल यूनिट की आपूर्ति कर दी है।

करीब 22.3 लाख बैलट यूनिट, 16.3 लाख कंट्रोल यूनिट और करीब 17.3 लाख वीवीपीएटी आगामी लोकसभा चुनावों में इस्तेमाल किए जाएंगे। मशीनों की इस संख्या में प्रशिक्षण एवं खराबी होने पर बदले जाने में इस्तेमाल होने वाली मशीनें भी शामिल हैं। अगले संसदीय चुनावों में इन मशीनों को देश भर में करीब 10.6 लाख मतदान केंद्रों पर तैनात किया जाएगा।

बीईएल और ईसीआईएल पर जिम्मेदारी दी थी कि वे इन मशीनों को 30 सितंबर 2018 तक चुनाव आयोग को मुहैया कराएं। साल 2000 से अब तक 113 विधानसभा चुनावों और तीन लोकसभा चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल हो चुका है।

ELECTION- 2019 स्मार्ट तकनीक के उपयोग से होगा 2019 का लोकसभा चुनाव, निर्वाचन आयोग ने कसी कमर

 नई दिल्ली। आगामी चुनाव के लिहाज से राजनीतिक दलों की तैयारियों के साथ चुनाव आयोग ने भी चुनाव कार्यक्रम को लेकर कमर कस ली है। कुछ ही दिनों में शुरु होने जा रहे लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने नागरिकों को उनके नाम, नए पंजीयन, ब्यौरे में बदलाव और मतदाता पहचान पत्र में सुधार करने के लिए मतदाता पुनरीक्षण और सूचना कार्यक्रम (वीवीआईपी) को देश भर में लांच किया है। निर्वाचन आयोग ने इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न माध्यमों की शुरूआत करते हुए, देश के सभी जिलों में संपर्क केंद्र भी बनाए हैं।

चुनाव में ज्यादा से ज्यादा जन मानस की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने मतदाताओं को चुनाव से जुड़ी किसी भी प्रकार की मदद के लिए हेल्प लाइन नम्बर 1950 उपलब्ध करवाया है। साथ ही देश के सभी संपर्क केंद्रों में वोटरों से जुड़ी नवीनतम जानकारी भी उपलब्ध करवाने का फैसला किया है।

आयोग ने चुनाव से जुड़े अपने अधिकारियों को याद दिलाया है कि आयोग इस चुनाव को अधिक समावेशी बनाना चाहता है, साथ ही आयोग ने कहा है कि एप्प के उपयोग से तत्काल जवाब को सुनिश्चित किया जाना चाहिए क्योंकि नागरिक बेहतर गुणवत्ता वाली सेवाएं चाहते हैं।

निर्वाचन आयोग ने लांच की ‘वोटर हेल्पलाईन’ एप्प और पीडब्ल्यूडी एप्प

आयोग ने इस मौके पर एंड्राएड आधारित ‘वोटर हेल्पलाईन’ एप्प को भी लांच किया है, ताकि नागरिक एप्प के जरिए ही विभिन्न सुविधा जैसे मतदाता सूचि में अपना नाम ढूंढना, ऑनलाइन फार्म जमा करना, आवेदन की स्थिति जानना जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकें।

इस मोबाइल एप्प पर सभी फार्म, चुनाव परिणाम, उम्मीदवारों का शपथ पत्र, मतदाता जागरूकता और प्रमुख दिशा निर्देश भी उपलब्ध करवाए गए है। वहीं दूसरी ओर आयोग ने दिव्यांगजनों के लिए पीडब्ल्यूडी एप्प को लांच किया है। जिसके माध्यम से दिव्यांगजन अपनी पहचान पंजीकृत कर सकेंगे। इस एप्प से देश के दिव्यांग वोटर नया पंजीयन कर सकने के साथ ही पते और अन्य ब्यौरे में बदलाव भी कर सकते हैं।

संपर्क ब्यौरा देने के बाद बूथ स्तर का अधिकारी उन्हें घर पर सुविधा प्रदान करेगा। चुनाव के दौरान दिव्यांगजन व्हीलचेयर की मांग भी कर सकते हैं।

चुनाव आयोग का मानना है कि मौजूदा दौर में सभी को तकनीक की ताकत और इसके उपयोग को समझाना होगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा के अनुसार तकनीक वास्तव में इस चुनाव में एक प्रमुख गेम चेंजर साबित होगी।

पिछले कुछ विधानसभा चुनावों में अधिकारियों में जानकारी के अभाव के चलते नकारात्मक प्रचार झेल चुका चुनाव आयोग इस बार किसी प्रकार की कोताही नही बरतना चाहता और पिछली शिकायतों को ध्यान में रखते हुए आयोग ने चुनाव के संचालन में सूचना और संचार तकनीक के उपयोग पर प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का भी आयोजन किया है।

गौरतलब है कि चुनाव आयोग के द्वारा नवीनतम तकनीक के उपयोग से चुनावी गतिविधियों में नवीनता आई है। चुनावों के प्रभावी संचालन के लिए निर्वाचन आयोग ने स्मार्ट तकनीक का उपयोग करना सुनिश्चित किया है।