फर्जी नियुक्ति पत्र मामले में जेल भेजे गए पांच शिक्षक, डीआईओएस ऑफिस से निदेशालय तक के बाबू भी शक के दायरे में

फर्जी नियुक्ति पत्र मामले में जेल भेजे गए पांच शिक्षक, डीआईओएस ऑफिस से निदेशालय तक के बाबू भी शक के दायरे में

फर्जी नियुक्ति पत्र मामले में जेल भेजे गए पांच शिक्षक

फर्जी शिक्षक पकड़े जाने के मामले में डीआईओएस ऑफिस से निदेशालय तक के बाबू भी शक के दायरे में, ऐसे हुआ खुलासा


लखनऊ, फर्जी नियुक्ति पत्र के सहारे झांसी जिले के राजकीय विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण करने वाले सभी पांच अध्यापकों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। पांचों फर्जी अध्यापकों के विरुद्ध शुक्रवार को एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

यह जानकारी अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) केके गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि कार्यभार ग्रहण करने की आख्या निदेशालय को प्राप्त हुई तो नियुक्ति पत्र जांच में पूर्णत फर्जी पाया गया। इस पर शिक्षा निदेशालय ने जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) झांसी को फर्जी सहायक अध्यापक के विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। डीआईओएस झांसी ने जब प्रधानाध्यापिका को तलब किया तो जानकारी मिली कि उनके विद्यालय में पंचदेव के अलावा दो अन्य सहायक अध्यापकों रणविजय विश्वकर्मा पुत्र लालचन्द्र विश्वकर्मा और नरेन्द्र कुमार मौर्य पुत्र राम आधार मौर्य ने भी उसी तिथि में कार्यभार ग्रहण किया है।

साथ ही यह जानकारी भी मिली कि जिले के राजकीय हाईस्कूल वीरा और राजकीय हाईस्कूल बम्हौरी सुहागी झांसी में भी एक-एक अध्यापिकाएं जुलाई में नियुक्त हुई हैं।



लखनऊ। झांसी जिले के राजकीय विद्यालयों में पांच फर्जी शिक्षकों के नौकरी करने के मामले में प्रधानाध्यापिकाओं की लापरवाही के साथ शिक्षा विभाग के बाबू भी शक के दायरे में हैं। फर्जी शिक्षकों के कार्यभार ग्रहण करने के मामले में शिक्षा विभाग के बाबू भी जांच के घेरे में हैं। डीआईओएस झांसी के कार्यालय के साथ ही निदेशालय के कुछ कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।

पुलिस द्वारा आरोपियों से पूछताछ में मामला खुलने की उम्मीद जताई जा रही है। यही नहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी भी अपने स्तर पर जांच कर रहे हैं। अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) केके गुप्ता के अनुसार मामले में अन्य दोषियों की तलाश की जा रही है। पकड़े जाने पर उनके विरुद्ध भी कार्यवाही की जाएगी।


ऐसे हुआ खुलासा
झांसी के राजकीय हाईस्कूल, खडौरा में पढ़ा रहे आजमगढ़ जिले के लालमऊ, पोस्ट मेहनाजपुर, तहसील लालगंज निवासी पंचदेव पुत्र रामचरन मौर्य का फर्जी नियुक्ति पत्र अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) केके गुप्ता को मिला तो उन्होंने उसकी जांच कराई। जांच में नियुक्ति पत्र फर्जी पाए जाने पर संयुक्त शिक्षा निदेशक व डीआईओएस झांसी को कार्यवाही के निर्देश दिए गए।


इसके बाद डीआईओएस ने प्रधानाध्यापिका राजकीय हाईस्कूल, खडौरा को कागजात के साथ तलब किया तो पता चला कि उनके विद्यालय में पंचदेव के अलावा दो अन्य सहायक अध्यापक रणविजय विश्वकर्मा पुत्र लालचंद्र विश्वकर्मा और नरेंद्र कुमार मौर्य पुत्र राम आधार मौर्य ने भी उसी तिथि में कार्यभार ग्रहण किया है


अन्य विद्यालयों में नया कार्यभार ग्रहण करने वालों की पड़ताल में पता चला कि जिले के दो अन्य विद्यालयों राजकीय हाईस्कूल वीरा व राजकीय हाईस्कूल बम्हौरी सुहागी में भी एक-एक अध्यापिकाएं जुलाई 2022 में नियुक्त हुई हैं। सभी के नियुक्ति पत्र एक जैसे व पंचदेव की तरह फर्जी लगने व निदेशालय से पत्र निर्गत न होने की बात सामने आने पर डीआईओएस झांसी ने झांसी के मऊरानीपुर व गरौठा में एफआईआर कराने के लिए प्रधानाध्यापिकाओं को निर्देशित किया।

बड़ी कार्यवाही: फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी करने वाले अब तक पकड़े गये 109 फर्जी शिक्षक पर केस, कई लोगों पर हो चुकी कार्रवाई

सिद्धार्थ नगर : फर्जीवाड़ा करके शिक्षक बनने वाले छह शिक्षक डेढ़ माह पूर्व पकड़ में आए थे। जांच में पाया गया कि ये लोग फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे थे। जांच के बाद सभी छह लोगों को बर्खास्त करते हुए संबंधित खंड शिक्षाधिकारी को केस दर्ज कराने के लिए आदेश हुआ था। मगर विभागीय कार्रवाई शिथिल नजर आ रही है, जबकि पुलिस मामले को लेकर एक्टिव है।

बर्खास्त शिक्षकों से धन की रिकवरी की कार्रवाई के लिए पुलिस विभाग की ओर से दो बार पत्राचार भी किया गया। बीईओ डुमरियागंज की तहरीर पर भवानीगंज पुलिस ने रोहित कुमार त्रिपाठी सहायक शिक्षक पूर्व माध्यमिक विद्यालय जंगलीपुर की ओर से नियुक्ति में प्रस्तुत अध्यापक पात्रता परीक्षा प्रमाणपत्र को फर्जी पाए जाने के मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।

आरोपी मूल रूप से निवासी मेहदवरी कालोनी पोस्ट शिवकुटी जनपद प्रयागराज का स्थायी निवासी है। एसओ भवानीगंज अंजनी कुमार राय के मुताबिक, बीईओ की तहरीर पर केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी गई है।


अब तक पकड़े में आ चुके हैं 109 फर्जी शिक्षक
कार्रवाई का दौर वर्ष 2017-18 में शुरू हुआ। इसके बाद फर्जीवाड़ा करने वालों की सूची लंबी होती गई। अब तक 109 फर्जी शिक्षक पकड़ में आ चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर विभाग कार्रवाई और जांच में तेजी लाए तो बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षक पकड़ में आएंगे।

फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी हासिल करने के मामले में बर्खास्त शिक्षक पर बीईओ की तहरीर पर भवानीगंज थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। केस दर्ज करने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। हालांकि छह फर्जी शिक्षकों में डेढ़ माह में विभाग एक शिक्षक पर ही मुकदमा दर्ज करा पाया है। केस दर्ज होने के बाद अन्य की बेचैनी बढ़ गई है।