Prabha savita stopped salary by bsa unnao but high court resumed salary our verdict

BSA को बिना विभागीय जांच और जांच में दोषी पाए जाने से पहले किसी भी शिक्षक का वेतन रोकने का कोई अधिकार नहीं है – हाइकोर्ट

उपरोक्त आदेश को सुरक्षित कर लें आपके काम आएगा।।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उन्नाव द्वारा शिक्षिका प्रभा सविता का वेतन रोकने का आदेश यह कहते हुए रोक दिया कि वह अपने कार्य में इंट्रेस्ट नही लेती है और मनमानी करती हैं ।इस आदेश को शिक्षिका ने उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ में चुनौती दी , न्यायालय द्वारा उभय पक्षों को सुनकर BSA उन्नाव के वेतन बाधित आदेश रद्द कर दिया साथ ही यह भी अवधारित किया कि बिना विभागीय जांच और जांच में दोषी पाए जाने से पहले कर्मचारी का वेतन रोकने का कोई अधिकार नहीं है।

Prabha savita stopped salary by bsa unnao but high court resumed salary our verdict
Prabha savita stopped salary by bsa unnao but high court resumed salary our verdict

 

Save the above order as it will be useful to you. District Basic Education Officer Unnao stopped the order of withholding the salary of teacher Prabha Savita saying that she does not take interest in her work and acts arbitrarily. The teacher challenged this order in the Lucknow High Court bench, the court gave relief to both the parties. Hearing this, BSA Unnao canceled the salary withholding order and also held that without departmental inquiry and investigation, the employee has no right to withhold salary before he is found guilty.

हाई कोर्ट इलाहाबाद
प्रमोशन मामले में विभाग द्वारा काउंटर दाखिल किया गया है , रेजॉइंडर दाखिल करने का समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल 2023 तय की गई,,।।।

महिला शिक्षकों की पारिवारिक समस्या को देखते हुए उनका स्थानांतरण परिवार के गृह जनपद मे स्थानान्तरण किए जाने का हाईकोर्ट का आदेश

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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बोला, हाईकोर्ट के आदेश के बाद अपने मूल विद्यालय में वापस होंगे 50 शिक्षक

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अंतर्जनपदीय ट्रांसफर : बीच सत्र में शिक्षकों के ट्रांसफर करने पर मा0 न्यायालय ने लगाई रोक , देखें ऑर्डर का ऑपरेटिव पार्ट

प्रयागराज: बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों के अंतर जिला तबादलों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि शिक्षा सत्र के बीच में कोई तबादला नहीं किया जाएगा। सरकार को इसका पालन करते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने साफ कहा कि नियुक्ति नियम है और तबादला अपवाद। सरकार को शर्ते लगाने का अधिकार है। किसी भी अध्यापक को तबादले का अधिकार नहीं है।● बीच सत्र में ट्रांसफर करने पर मा0 न्यायालय ने लगाई रोक● अविवाहित शिक्षिकाओं को मिल सकेगा शादी के बाद ट्रांसफर का दूसरा मौका● विवाहित शिक्षिकाओं को सिर्फ एक बार ही ट्रांसफर का मिलेगा मौका● असाध्य रोग की स्थिति में महिला/पुरुष शिक्षक को मिल सकेगा ट्रांसफर का दूसरा मौका● दिव्यांग महिला शिक्षिकाओं को मिल सकता है ट्रांसफर का दूसरा मौका● दिव्यांग पुरुष शिक्षकों को ट्रांसफर का दूसरा मौका देने से कोर्ट का इंकार
दिव्या गोस्वामी सहित दर्जनों याचिकाओं पर 44 पृष्ठ के विस्तृत फैसले में न्यायमूर्ति अजित कुमार ने कहा कि प्रत्येक अध्यापक को अंतर जिला तबादला के लिए एक ही अवसर दिया जाएगा। केवल उस अध्यापिका को दूसरा अवसर मिलेगा जिसने नियुक्ति के बाद शादी किया है। उन अध्यापकों को भी तबादला का दूसरा अवसर मिलेगा, जो गंभीर रूप से बीमार होंगे और उन्हें तत्काल इलाज की जरूरत होगी। शारीरिक रूप से अक्षम अध्यापक को भी एक ही अवसर दिया जाएगा। सेना या अर्धसैनिक बलों में तैनात होने वालों के माता-पिता के सहारे के लिए उनकी
अध्यापक पत्नियों को दूसरा अवसर मिलेगा
अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्रकरण में मा0 उच्च न्यायालय के निर्णय का मुख्य भाग देखें:-

बेसिक शिक्षा बोर्ड के काम में दखल नहीं दे सकता प्रशासन, अध्यापकों की नियुक्ति की जांच कराने का आदेश रद्द

दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को नियमित करने का आदेश संशोधित, राज्य सरकार की अपील की आंशिक रूप से मंजूर करके हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

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शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता हुआ साफ़, हाईकोर्ट ने महाविद्यालयों में नियुक्त पर एक दशक से लगी रोक हटाई: राज्य सरकार की अपील की खारिज

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ब्रेकिंग – UP पुलिस SI 2016 रिजल्ट रद्द _का आर्डर आ गया, जो कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर माननीय इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच ने आदेश पारीत किया है

ब्रेकिंग :-
UP पुलिस SI 2016 रिजल्ट रद्द _का आर्डर आ गया:-
जो कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर माननीय इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच ने आदेश पारीत किया है :-_ जिसमे कोर्ट ने स्पस्ट कर दिया है कि नियोक्ता खेल के बिच में नियम नहीं बदल सकता _selection process which was not permissible in view of settled legal preposition that the RULE OF GAME cannot be change during mid of the game. दरशल हुआ ये था कि भर्ती का go में लिखा था कि जो कैंडिडेट सारे सेक्शन में 50% मार्क्स लाएगा वही क्वालीफाई माना जायेगा ।पर up पुलिस भर्ती बोर्ड ने परिक्षा बाद नियम बदलकर जो 50% नहीं लाया था उसको भी normalization करके क्वालीफाई कर दिया।जिसे माननीय कोर्ट ने खेल के बिच खेल के नियम नहीं बदले जा सकते साथ हे up पुलिस भर्ती बोर्ड नियमावलि 2015 के विपरीत बताया इन सभ का हवाला देते हुए पुरे रिजल्ट को quash /set aside कर दिया है साथ ही 42 दिन के अंदर go के अकॉर्डिंग दूसरा रिजल्ट निकाल ट्रेनिंग पर भेजने का आदेश पारित किया है।।®👇🏼