अंतर्जनपदीय स्थानांतरण 2019 में सांसदों व विधायकों के रिश्तेदारों को मिल सकती है मनचाहे जिले में तैनाती, आज की ब्रेकिंग न्यूज
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के वे सहायक अध्यापक जो सत्तारूढ़ दल के सांसद, विधायक या पार्टी पदाधिकारी के करीबी रिश्तेदार हैं, उन्हें मनचाही तैनाती का तोहफा मिल सकता है। चुनावी वर्ष में जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों को संतुष्ट करने के लिए तबादले शासनादेश से करने की कवायद शुरू की गई है। सूत्रों के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग में इस पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है।
तबादले की अर्जी लेकर सचिवालय पहुंच रहे सत्ता और संगठन के लोगों को ताकीद किया जा रहा है कि सिर्फ अपने करीबी रिश्तेदार या परिवार के सदस्य के तबादले की ही अर्जी दें। इसके बाद तैयार लिस्ट की छंटनी कर शासनादेश का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री की मंजूरी ली जाएगी। सीएम की हरी झंडी मिलते ही तबादलों के आदेश जारी किए जाएंगे।
हाइकोर्ट में याचिकाओं की अटकलों के बीच अब तक रिलीव होने का आदेश नहीं हुआ जारी, विभाग ने साधी चुप्पी, म्यूच्यूअल की सूची का भी पता नहीं।
प्रयागराज : नए साल पर बेसिक शिक्षा परिषद ने अंतर जिला तबादले की सौगात दी। बड़ी संख्या में शिक्षक तबादला न होने से नाराज हैं लेकिन, जिन 21,695 का तबादला हो गया अब वे भी परिषद की कार्यशैली से खासे खफा हैं। वजह, सात दिन बाद भी रिलीव होने का आदेश जारी नहीं हुआ है। सभी जहां का तहां फंसे हैं। वे मनचाहे जिले में जल्द तैनाती चाहते हैं लेकिन, विभाग बाधा बना है।
ऐसा भी नहीं है परिषद ने पहली बार अंतर जिला तबादले किए हैं। इसके पहले स्थानांतरण सूची आने के साथ 10 दिन में स्थानांतरित जिले में कार्यभार ग्रहण करने का आदेश भी होता रहा है लेकिन, इस बार अफसर चुप्पी साधे हैं। परिषद कार्यालय की तरफ से न तो जिलों को स्थानांतरित शिक्षकों की सूची भेजी गई है न ही रिलीविंग के दिशा निर्देश आए हैं, सभी शिक्षक परेशान हैं और मुख्यालय के अफसर भी वाजिब जवाब नहीं दे पा रहे हैं। ज्ञात हो कि परिषदीय शिक्षकों के अंतर जिला तबादले की प्रक्रिया दो दिसंबर 2019 से चल रही है। परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल के मोबाइल नंबर पर कई बार फोन किया गया लेकिन, वे फोन ही नहीं उठा रहे हैं।
पारस्परिक की सूची का अता-पता नहीं : सामान्य स्थानांतरण के साथ ही विभाग ने लगभग 9641 शिक्षकों से पारस्परिक स्थानांतरण के लिए भी आवेदन लिया हैं, किंतु अभी तक इन शिक्षकों को भी मायूसी हाथ लगी है। शिक्षक पारस्परिक स्थानांतरण की सूची जारी करने की लगातार मांग कर रहे हैं। अभ्यíथयों का कहना है कि जब दोनों प्रक्रिया साथ साथ चली तो सूची का प्रकाशन भी साथ ही होना चाहिए था।
हाईकोर्ट में याचिका की भी अटकलें परिषदीय शिक्षकों की ओर से हाईकोर्ट में विशेष अपील दाखिल करने की चर्चा है। कहा जा रहा है कि कुछ शिक्षकों ने याचिका में कहा है कि शासनादेश में पुरुषों की तीन साल व महिलाओं की एक साल सेवा अवधि का उल्लेख था लेकिन, ऐन मौके पर उसे बदलकर पांच साल व दो साल किया गया। यह शासनादेश की अवहेलना है। परिषद यह नियम नए तबादलों में भी लागू कर सकता था, लेकिन जानबूझकर पहले से चल रही प्रक्रिया को बाधित किया गया। हालांकि परिषद ने याचिका की नोटिस मिलने की पुष्टि नहीं की है।
अंतर्जनपदीय तबादला मामले में हाईकोर्ट में याचिका की भी अटकलें
परिषदीय शिक्षकों की ओर से हाईकोर्ट में विशेष अपील दाखिल करने की चर्चा है। कहा जा रहा है कि कुछ शिक्षकों ने याचिका में कहा है कि अंतर्जनपदीय तबादला शासनादेश में पुरुषों की तीन साल व महिलाओं की एक साल सेवा अवधि का उल्लेख था लेकिन, ऐन मौके पर उसे बदलकर पांच साल व दो साल किया गया।
यह शासनादेश की अवहेलना है। परिषद यह नियम नए तबादलों में भी लागू कर सकता था, लेकिन जानबूझकर पहले से चल रही प्रक्रिया को बाधित किया गया। हालांकि परिषद ने याचिका की नोटिस मिलने की पुष्टि नहीं की है।
परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के अंतर जनपदीय तबादले की सूची निर्धारित तिथि बुधवार को जारी होना मुश्किल है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षकों के आवेदन पत्र सत्यापित करने के बाद पोर्टल पर मंगलवार सुबह तक लॉक किया है। इसके बाद एनआईसी की टीम निर्धारित मानकों के अनुरूप सॉफ्टवेयर तैयार कर सूची बनाएगी। उसके बाद सूची का परीक्षण बेसिक शिक्षा परिषद के अफसर करेंगे। इस सबमें तीन-चार दिन का समय लग जाएगा।
सूत्रों के अनुसार 3 जनवरी तक तबादला सूची जारी होने की उम्मीद है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल ने 22 से 24 दिसंबर तक काउंसिलिंग व ऑनलाइन सत्यापन और 26 दिसंबर तक बीएसए के स्तर से डाटा लॉक करने के निर्देश दिए थे। 30 दिसंबर को तबादले की सूची प्रकाशित होनी थी। लेकिन बाद में ऑनलाइन सत्यापन की तारीख 27 दिसंबर तक बढ़ानी पड़ी थी। उसके बावजूद 22 जिलों ने सत्यापन नहीं किया था। सचिव प्रताप सिंह बघेल ने बताया कि डाटा लॉक हो गया है जल्द सूची जारी होगी। गौरतलब है कि तबादले के लिए 70838 शिक्षकों ने आवेदन किया था। हाईकोर्ट के आदेश पर अर्हता में संशोधन के बाद सैकड़ों शिक्षकों के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। अंतर जनपदीय तबादले के लिए जिलों में 43916 पद खाली हैं।
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