खजुहा ब्लाक इकाई के घटनाक्रम को सिलसिलेवार एक नजर डालें औऱ स्वयं निर्णय लें कि वास्तव में क्या हुआ और किस क्रम में आयोजित किया गया?
यह एक नियोजित प्लान का परिणाम था।एक दिन पूर्व ही बिंदकी में खजुहा संघ के कुछ चुनिंदा साथियों की मीटिंग रखी गई थी।कल की मीटिंग और उसमें बनी प्लानिंग के अनुसार ही आज दुपहर 12 बजे दो महिलाएं एक साथ खजुहा बीआरसी पहुंची और पूर्व नियोजित षड्यंत्र को अमली जामा पहनाने की शुरुआत कर दी गई।
पहले कुछ देर बाहर ही तेज़ आवाज़ में बात शुरू हो गई लेकिन तुरंत ही खंडशिक्षा अधिकारी महोदय ने सीसीटीवी सुविधा युक्त अपने ऑफिस में पहुंचना ही बेहतर समझा और जाकर अपनी कुर्सी में बैठ गए।सीसीटीवी का फुटेज भी आवश्यक रूप से एक अहम सबूत के रूप में सुरक्षित होगा।
बातचीत को विवाद के स्तर तक पहुंचाने के बाद उक्त दोनों महिलाओं ने ब्लॉक अध्यक्ष को बुलाये जाने की धमकी दी और सामने ही फोन लगाने का ड्रामा शुरू हो गया।
कुछ ही देर में अध्यक्ष भी मौके पर पहुंच गए और कुछ ही देर बाद 10-12 कथित पत्रकार भी उनके पीछे आ गए।खजुहा बीआरसी दूरस्थ स्थिति वाली बीआरसी है जिसकी दूरी अध्यक्ष महोदय के विद्यालय से लगभग 25 से 30 किमी या उससे ज्यादा भी हो सकती है।
उक्त दोनों महिलाएं विद्यालय समयावधि में बिना किसी पूर्व सूचना के उपस्थित हुई थीं और इस घटना के दौरान अध्यक्ष महोदय भी विद्यालय अवधि में ही बीआरसी में उपस्थित हो चुके थे।ब्लॉक के ही एक अन्य शिक्षक भी उस वक़्त, जब महिलाएं अधिकारी महोदय से बात कर रही थीं,वहीं पर मौजूद थे जो खुरूवाखेड़ा के शिक्षक हैं और इस पूरे समय के साक्षी भी हैं,मौजूद थे।
अब प्रश्न ये उठता है कि प्रताड़ित होने वाली महिला/महिलाएं क्या इतनी भविष्य दर्शी थीं कि मीडिया को मौक़े पर पहले से ही बुला लिया था , वह भी 10 से 12 मीडियाकर्मी?
शाम तक ख़बर मीडिया के हवाले से जिस रूप में निकली उसने एक बेहतरीन इंसान के सम्मान और इज्ज़त की धज्जियाँ उड़ा दी थी।खबरों में चलाया जा रहा था कि अधिकारी ने चाइल्ड केयर लीव को अग्रसारित करने के लिए महिला को अकेले मिलने और गर्मी निकाल देने की बात कही।
ध्यातव्य हो कि उक्त घटना में उपस्थित दोनों ही महिलाओं ने इससे पूर्व भी ऐसे ही अनर्गल आरोप सहकर्मी या अधिकारी पर लगाये हैं।इनमें से एक महिला ने तो ऐसा ही आरोप लगभग 3 वर्ष पूर्व भी इन्ही अधिकारी महोदय पर लगाया था।
यद्यपि संपूर्ण ब्लॉक के शिक्षक आरोपित किये जाने की इस घिनौनी प्रणाली को धिक्कार रहे हैं ,किंतु मुखर होकर कुछ बोलने की स्थिति में नही हैं।