बड़ा बदलाव! UPSSSC की परीक्षा के ल‍िए पहले पास करना होगा PET, पढ़ें-क्या है पूरी खबर

सीएम योगी (CM Yogi) ने ये कदम भर्ती प्रक्रिया (Admission System) को साफ-सुधरा और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए उठाया है.

यूपी सेवा चयन आयोग द्वारा की जाने वाली भर्तियों के लिए राज्य में टू टायर एग्जाम सिस्टम शुरू होने जा रहा है. अब सबसे पहले PET पास करना होगा.

यूपी सेवा चयन आयोग (UPSSSC ) द्वारा की जाने वाली भर्तियों के लिए राज्य में टू टायर एग्जाम सिस्टम (Two Tire Exam System) शुरू होने जा रहा है. एग्जाम के लिए पहले PET पास करना होगा. योगी सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है. जो कैंडिडेट प्रिलिमिनरी एलिजिबिलिटी टेस्ट- PET में पा होंगे, वही आयोग के तहत आने वाली सभी भर्ती परीक्षाएं (Exam) दे सकेंगे. योगी सरकार ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है. अब आयोग ने परीक्षा कार्यक्रम के साथ ही सिलेबस भी तय करने के मामले में आदेश जारी किया है.

सौ नंबरों (Hundred Marks) की के इस सालाना एग्जाम में 9 सब्जेक्ट से प्रश्न होंगे इसके साथ ही अब कैंडिडेट (Candidate) की रीजनिंग, समझ और डेलीबिरेशन एबिलटी भी परखी जाएगी. एग्जाम लिखने के लिए दो घंटे का समय दिया जाएगा. खात बात ये है कि अब नेगेटिव मार्किंग (Negative Marking) भी होगी. हर गलत उत्तर के लिए एक चौथाई माइनस मार्किंग की जाएगी. सीएम योगी ने ये कदम एडमिशन प्रक्रिया को साफ-सुधरा और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए उठाया है.

PEL सभी पदों पर भर्ती के लिए जरूरी
सीएम योगी ने पिछले दिनों राज्य में टू टायर एग्जाम सिस्टम अपनाए जाने का निर्देश दिया था. इसी सिस्टम के तहत के तहत प्राइमरी क्वालिफिकेशन एग्जाम को आयोग के तहत आने वाले सभी पदों पर सलेक्शन के लिए जरूरी किया गया है. इस एग्जाम के नबंरों के आधार पर ही कैंडिडेट को अलग-अलग पदों के लिए होने वाले मेन एग्जाम के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा.

हालांकि जिन पदों के लिए भर्ती एडवरटाइजमेंट जारी हो चुके हैं, उनको यह एग्जाम नहीं देना होगा. आयोग के अध्यक्ष प्रवीर कुमार ने बताया कि पीईटी के सिलेबस से संबंधित आदेश आयोग ने जारी कर दिया है. अप्रैल-मई में एग्जाम कराने की तैयारी की गई है. इन एग्जाम्स में 30 लाख से ज्यादा कैंडिडेट के शामिल होने का अनुमान है. राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों में 50 हजार से ज्यादा पद खाली पड़े हैं.

कैंडिडेट की सभी क्षमताओं का होगा टेस्ट
आयोग के अध्यक्ष के मुताबित सिलेबस को इस बात को ध्यान में रखकर बनाया गया है कि एग्जाम से सिर्फ कैंडिडेट की मेमोरी का ही पता न चलें बल्कि उसकी लॉजिक और रीजनिंग, अंडरस्टेंडिंग और एनालिटिकल कैपेसिटी का भी टेस्ट हो सके. कैंडिडेट की उन क्षमताओं को भी चेक किया जाएगा, जिनकी जरूरत सरकारी कामकाज में होती है. इस सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ही एग्जाम में पांच नंबर सामान्य अंग्रेजी के लिए भी रखे गए हैं, ताकि सलेक्ट किया गया कर्मचारी अंग्रेजी में आने वाले पत्रों, कोर्ट के आदेशों पढ़-समझ सके.