BREAKING NEWS
हिमाचल में OPS बहाली का नोटिफिकेशन हुआ जारी NMOPS/NPSEA की एक और बहुत बड़ी जीत
Tag: PURANI Pension Dharna OPS
BREAKING NEWS
पुरानी पेंशन के लिए कर्मियों ने भरी हुंकार |Watch “पुरानी पेंशन हमारा अधिकार और हम इसे लेकर रहेंगे देखें Live updats सीधे Eco गार्डन से” on YouTube
पुरानी पेंशन बहाली सहित विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षकों व कर्मचारियों ने कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच के नेतृत्व में मंगलवार को इको गार्डन में महारैली की। इसमें प्रदेश भर से आये कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए हुंकार भरी।
अधिकार मंच के अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि अब तक कर्मचारी संगठनों की मांगों पर पूर्व की सरकारें समस्याओं का निराकरण करती थी, पर यह पहली सरकार है जो कर्मचारियों की स्व: अर्जित उपलब्धियों को छीन रही है। प्रदेश के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का 10 हजार करोड़ का भुगतान सरकार ने रोक रखा है। पिछले पांच वर्ष के कार्यकाल में एक भी शिक्षकों को पदोन्नति नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली सहित सभी मांगों को पूरा नहीं किया तो वे आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री संजय सिंह ने कहा कि सरकार के पास समस्याओं के समाधान के लिए यह आखिरी मौका है। महारैली में मंच के प्रधान महासचिव सुशील त्रिपाठी , उप्र राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी,ध्रुव कुमार त्रिपाठी सदस्य विधान परिषद, सुरेश त्रिपाठी सदस्य विधान परिषद नेता शिक्षक दल, जीएन सिंह महा सचिव उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ आदि ने संबोधित किया।
कर्मचारी नेता बोले
पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष जारी है। चुनाव से पूर्व पेंशन बहाल नहीं की जाती हैं तो राजनैतिक निर्णय लिया जाएगा।-हरि किशोर तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष, संयुक्त परिषद
पिछले पांच वर्षों में एक शिक्षक को पदोन्नति नहीं मिली। शिक्षकों के प्रति सरकार उदासीनता दिखा रही है।
दिनेश चन्द्र शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष,प्राथमिक शिक्षक संघ
सरकार ने साढ़े चार तक कर्मियों की नहीं सुनी। उसी का आक्रोश अभी महारैली में दिखा है। -अरविन्द कुमार वर्मा, महामंत्री उप्र मिनिस्ट्रियल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ
कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण की जगह सिर्फ आश्वासन मिले है। महारैली से सरकार को सबक सिखना चाहिए। -प्रेम सिंह सेंगर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, परिषद