1 जुलाई से शिक्षकों के आवश्यकतानुसार उपस्थिति के आदेश हुए जारी
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उत्तर प्रदेश में कोविड काल के बाद बच्चों के लिए विद्यालय खोलने का ऐलान- 10 फरवरी से खुलेंगे विद्यालय तथा 10 फरवरी तक पारस्परिक स्थानान्तरण पूर्ण करने के दिए निर्देश
केंद्र की हरी झंडी के बाद ही खुलेंगे परिषदीय स्कूल, फिलहाल स्कूल खुलने के आसार नहीं
कोरोना के मद्देनजर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों को केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद ही खोला जाएगा। ऐसे में फिलहाल स्कूल खुलने के आसार नहीं हैं। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते परिषदीय स्कूलों का संचालन मार्च के दूसरे सप्ताह से नहीं हो रहा है। शैक्षिक सत्र 2019-20 में इन स्कूलों के बच्चों को बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा के लिए उत्तीर्ण कर दिया गया था। चालू शैक्षिक सत्र में पठन-पाठन ऑनलाइन क्लास के जरिये हो रहा है। हालांकि माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में कक्षाओं का संचालन शुरू होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने भी दीपावली के बाद स्कूल खोलने की कवायद शुरू की थी।
इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों से राय भी मांगी गई थी। पर, सूत्रों का कहना है कि कुछ विभागों ने फिलहाल स्कूल नहीं खोलने की सलाह दी है। उधर, शासन में भी उच्च स्तर पर यह निर्णय लिया गया है कि राज्य सरकार की ओर से फिलहाल स्कूल खोलने का निर्णय नहीं लिया जाए। उधर, इस संबंध में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को खोलने के लिए अभी गाइडलाइन जारी नहीं की है। केंद्र की गाइडलाइन के बाद ही परिषदीय स्कूलों को खोला जाएगा।
किसी भी हाल में शून्य नहीं होगा शिक्षण सत्र, सितंबर अंत तक खुल सकते हैं स्कूल
किसी भी हाल में शून्य नहीं होगा शिक्षण सत्र, सितंबर अंत तक खुल सकते हैं स्कूल
🔴 बोर्ड परीक्षा समय पर कराने की प्राथमिकता
🔴 दो शिफ्टों में चलाने पर विचार, कम समय के लिए लगेगी क्लास
मानव संसाधन मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने शिक्षण सत्र से संबंधित यह जानकारी भाजपा सांसद विनय सहस्रबुद्धे की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति को दी। दरअसल, शैक्षणिक सत्र 2020-21 आधा बीतने के बाद भी स्कूल-कॉलेज बंद हैं। केंद्र सरकार ने राज्यों के जरिये अभिभावकों से शिक्षण संस्थान खोलने पर राय ली थी।
इसमें राज्यों की अलग-अलग (सितंबर और अक्तूबर) राय है। वहीं, अभिभावक अक्तूबर तक स्कूल खोलने के पक्षधर हैं। आप यह खबर प्राइमरी का मास्टर डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। टीवी, रेडियो, मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर से ऑनलाइन क्लास चल रही हैं, लेकिन पूरी तरह ऑनलाइन पढ़ाई संभव नहीं है। स्कूल-कॉलेज दोबारा खोलने के लिए शिक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और गृहमंत्रालय गाइडलाइन बनाएंगे। हालांकि अंतिम फैसला राज्यों पर छोड़ा जाएगा।
दो शिफ्टों में चलाने पर विचार
फिलहाल बोर्ड परीक्षा के छात्रों से स्कूल खुलने की शुरुआत होगी। इसमें आधे छात्रों को एक शिफ्ट और अन्य को दूसरी शिफ्ट में बुलाया जाएगा। दो शिफ्ट के बीच ढाई घंटे का अंतराल रहेगा, ताकि स्कूल परिसर को सैनेटाइज किया जा सके। पहली शिफ्ट की कक्षाओं में दूसरी शिफ्ट नहीं चलेगी। एक क्लासरूम में दोबारा क्लास लेने के बीच 15 से 24 घंटे का अंतराल जरूरी होगा। इसलिए स्थानीय प्रशासन स्कूलों से पूरी जानकारी लेगा। बोर्ड कक्षाओं के बाद धीरे-धीरे 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा स्कूल से चलेगी।
कम समय के लिए लगेगी क्लास
स्कूल दोबारा खुलने पर समय-सीमा तीन या चार घंटे की रहेगी। इसका मकसद जरूरी विषयों की पढ़ाई करवानी होगी। एक दिन एक विषय दूसरे दिन दूसरे विषय की पढ़ाई होगी। इसमें कम से कम किताब स्कूल लानी होगी। समय घटाने के कारण स्कूल में लंच ब्रेक नहीं होगा।
नवंबर तक छठीं कक्षा को मौका
दिवाली तक यदि हालात सुधरते हैं तो छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों को भी शिफ्टों में स्कूल बुलाया जाएगा। हालांकि पहले की तरह यहां भी सावधानी व नियम तय होंगे।