प्रयागराज। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित परिषदीय विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में नियुक्त 31277 शिक्षकों की सेवा पुस्तिका एवं चरित्र पंजिका 10 नवंबर तक तैयार करने का निर्देश दिया गया है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में आदेश जारी किए जा चुके हैं। शिक्षकों का जिलों में पदस्थापन के साथ विद्यालय में नियुक्ति की जा चुकी है।
सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि नवनियुक्त अध्यापकों की सेवा पुस्तिका एवं चरित्र पंजिका 10 नवंबर तक तैयार कर लिया जाए।सचिव की ओर से सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से नवनियुक्त शिक्षकों का मानव संपदा पोर्टल पर ईएचआरएमएस कोड बनाकर उनको मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करना होगा। उन्होंने सभी बीएसए से 10 नवंबर तक मानव संपदा पोर्टल पर सेवा पुस्तिका और चरित्र पंजिका का विवरण अपलोड करने को कहा है। यह विवरण परिषद की ओर से तैयार एक्सेल सीट पर उपलब्ध कराया जाना है।
सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि नवनियुक्त अध्यापकों की सेवा पुस्तिका एवं चरित्र पंजिका 10 नवंबर तक तैयार कर लिया जाए।सचिव की ओर से सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से नवनियुक्त शिक्षकों का मानव संपदा पोर्टल पर ईएचआरएमएस कोड बनाकर उनको मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करना होगा। उन्होंने सभी बीएसए से 10 नवंबर तक मानव संपदा पोर्टल पर सेवा पुस्तिका और चरित्र पंजिका का विवरण अपलोड करने को कहा है। यह विवरण परिषद की ओर से तैयार एक्सेल सीट पर उपलब्ध कराया जाना है।
प्रदेश में चल रही 31277 शिक्षक भर्ती में एक हफ्ते के अंदर सभी नवनियुक्त शिक्षकों की सर्विस बुक बना कर मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। वहीं मंगलवार को कार्यभार ग्रहण करने का आखिरी दिन है। निवास प्रमाणपत्र, प्रमाणपत्रों में वर्तनी या इस तरह की अन्य गलतियों, जिससे मेरिट प्रभावित नहीं होती, पर निर्णय लिया जा रहा है।
हालांकि महानिदेशक ने पहले ही आदेश जारी कर सभी को 3 नवम्बर तक कार्यभार ग्रहण कराने के निर्देश दिए थे। सभी को स्कूल आयंटन हो चुका हे नेकिन ज्यादातर जिलों में 22 से 25 ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन पर बेसिक शिक्षा परिषद या फिर निदेशालय में निर्णय लिया जाएगा। इन अभ्यर्थियों को लेकर जिलों ने परिषद से मार्गदर्शन मांगा है। ये ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने नाम की वर्तनी, मां-पिता का नाम, निवास प्रमाणपत्र या पूर्णाक-प्राप्तांक लिखने में गलती कर दी है।
निवास प्रमाणपत्र को लेकर अभ्यर्थियों का आरोप है कि जिलों में आवेदन करने से पहले का यानी 2018 का निवास प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है जबकि उस समय निवास प्रमाणपत्र सबके लिए अनिवार्य नहीं था। हाल में बने हुए निवास प्रमाणपत्र को बीएसए नहीं मान रहे हैं।