शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की दीवाली रही फीकी, नहीं मिला मानदेय
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SHIKSHAMITRA: शिक्षामित्रों ने मांगी पक्की नौकरी, समय से वेतन
शिक्षामित्रों ने सीएम से की समायोजन की मांग, छह सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी को सौंपा
SHIKSHAMITRA शिक्षामित्रों ने सरकार को लिखी खून की चिट्ठी , वेतन समेत तमाम मांगों को लेकर लिखी चिट्ठी
शिक्षामित्र भारांक विशेष : कल से इस बात का शोर जारी है कि लखनऊ पीठ ने शिक्षामित्र को दिए जाने वाले भारांक पिटीशन में सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी कर दिया। बात भी शोर लायक ही है, पढें पूरी ख़बर
शिक्षामित्र भारांक विशेष:*
कल से इस बात का शोर जारी है कि लखनऊ पीठ ने शिक्षामित्र को दिए जाने वाले भारांक पिटीशन में सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी कर दिया। बात भी शोर लायक ही है।
टीम ने इसकी जांच पड़ताल की तो पता चला कि असल मे ये याचिका शिक्षामित्रों के सबसे बड़े शत्रु हिमांशु राणा के सहयोग से योजित की गई है। *चूंकि इस याचिका में रूल्स और रेगुलेशन्स को चुनौती दी गई इसलिए ये याचिका WRIT-C टाइप है। ऐसी याचिका को कोई भी कोर्ट बड़े ही तार्किक ढंग से सुनती है।* आपको बताते चलें कि टीम की नजर इस मुद्दे पर प्रोपर है। किसी को भी भयभीत होने की कतई जरूरत नही है।
कोई भी विरोधी भारांक में दशमलव में भी अंतर नही करवा पायेगा। 25 अंक का भारांक 68500 में प्राप्त हो चुका है। इतना ही भारांक 69000 में भी टीम दिलवाने के लिए कटिबद्ध है। रही बात चुनौती देने की तो इसमें कौन सी नई बात हो गई। लोग तो भारतीय संविधान की संवैधानिकता पर भी चुनौती ठोक देते हैं
इसलिए जब तक टीम रिज़वान है तब तक किसी भी शिक्षामित्र को किसी भी प्रकरण में भयभीत होने की आवश्यकता नही है।
*®टीम रिज़वान अंसारी।।*
यूपी के शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट से जोर का झटका, खारिज की क्यूरेटिव याचिका, समायोजन रद्द करने वाले फैसले के खिलाफ दाखिल की थी याचिका,पढ़ें आखिर क्या है मामला
SHIKSHAMITRA: यूपी के शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट से जोर का झटका, खारिज की क्यूरेटिव याचिका, समायोजन रद्द करने वाले फैसले के खिलाफ दाखिल की थी याचिका,पढ़ें आखिर क्या है मामला
उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों को सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा मित्रों का सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजन रद करने वाले फैसले के खिलाफ दाखिल क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट पुनर्विचार याचिका पहले ही 30 जनवरी 2018 को खारिज कर चुका है। यह मामला उत्तर प्रदेश में 1,72,000 शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजित करने का था।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, एसए बोबडे, एनवी रमना और यूयू ललित की पीठ ने गत छह अगस्त को उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ की ओर से दाखिल क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन फैसला वेबसाइट पर बाद में अपलोड हुआ। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि उन्होंने याचिका और उसके साथ दाखिल दस्तावेजों पर गौर किया, जिसमें पाया कि यह मामला क्यूरेटिव याचिका पर विचार करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसलों में तय मानकों में नहीं आता, इसलिए याचिका खारिज की जाती है। पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद शिक्षा मित्रों ने क्यूरेटिव याचिकाएं दाखिल की थीं। संघ के वकील गौरव यादव का कहना है कि कोर्ट का जो भी फैसला है हमें स्वीकार है, लेकिन वे शिक्षामित्रों के हित में राज्य सरकार से गुहार जारी रखेंगे।
समायोजन रद करने के हाई कोर्ट के फैसले को ठहराया था सही : सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 को प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षक के तौर पर शिक्षामित्रों के समायोजन को रद करने के हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया था, लेकिन मामले की विशिष्ट परिस्थितियों को देखते हुए कहा था कि अगर शिक्षामित्र जरूरी योग्यता हासिल कर लेते हैं तो उन्हें लगातार दो बार के भर्ती विज्ञापनों में मौका दिया जाएगा। उन्हें आयु में छूट मिलेगी, साथ ही उनके अनुभव को भी प्राथमिकता दी जाएगी। कोर्ट ने कहा था कि जब तक उन्हें ये मौका मिलता है तब तक राज्य सरकार चाहे तो उन्हें समायोजन से पहले की शर्तो के आधार पर शिक्षामित्र के रूप में काम करने दे सकती है।
कोर्ट ने कहा था कि शिक्षा मित्रों का कॅरियर बच्चों को मिलने वाली मुफ्त और गुणवत्ता की शिक्षा की शर्त पर नहीं हो सकता। कोर्ट ने हाईकोर्ट से सहमति जताते हुए कहा था कि कानून के मुताबिक नियुक्ति के लिए 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना से न्यूनतम योग्यता जरूरी है। ये सारी नियुक्तियां उपरोक्त तिथि के बाद हुई हैं।
क्या है मामला
उत्तर प्रदेश सरकार ने 26 मई 1999 को एक आदेश जारी किया था, जिसके आधार पर शिक्षा मित्र (पैरा टीचर) नियुक्त हुए। ये भर्तियां सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षक और छात्रों का अनुपात ठीक करने और सभी को समान प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गईं। इनकी भर्तियां शिक्षक से कम योग्यता पर और कम वेतन पर हुईं। नियुक्ति संविदा आधारित थी। एक जुलाई 2001 को सरकार ने एक और आदेश निकाला और योजना को और विस्तृत किया। जून 2013 में 1,72,000 शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजित करने का निर्णय लिया गया। सरकार के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने समायोजन रद कर दिया जिसके खिलाफ शिक्षा मित्र और सरकार सुप्रीम कोर्ट आए। कोर्ट में मामला लंबित रहने के दौरान 1,72,000 में से करीब 1,38,000 शिक्षामित्र सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजित हो चुके थे जिन्हें आदेश से झटका लगा था।
फतेहपुर : मूल विद्यालय में भेजने को शिक्षामित्रों ने उठाई आवाज, विभाग की लापरवाही से शासन के आदेश के बावजूद अभी भी मूल विद्यालय नहीं वापस हो पाए शिक्षामित्र
कोर्ट में सुनवाई होने वाली पीड़ित शिक्षामित्रो से संबंधित याचिकाओं की महत्वपूर्ण तिथियां
*कोर्ट में सुनवाई होने वाली पीड़ित शिक्षामित्रो से संबंधित याचिकाओं की महत्वपूर्ण तिथियां*
➡ *दिनांक – 29 जुलाई को लखनऊ खण्ड पीठ के डबल बेंच पर टीईटी – 2017 के विवादित 14 प्रश्नों को लेकर निर्णायक बहस होगी*
➡ *दिनांक – 02 अगस्त को लखनऊ खण्ड पीठ के डबल बेंच पर 69000/- शिक्षक भर्ती में विवादित कट ऑफ प्रकरण 40/45 व 60/65 को लेकर निर्णायक बहस होगी*
➡ *दिनांक- 26 अगस्त को भोला प्रसाद शुक्ला व अन्य के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में 124000/- पात्र शिक्षामित्रो को अपग्रेड वेतन 38878 /- को लेकर योजित याचिका पर अग्रिम महत्वपूर्ण सुनवाई होगी*
SHIKSHAMITRA: शिक्षामित्र मनाएंगे आज काला दिवस, तीन साल पहले आज के ही दिन समायोजन हुआ था रद्द
आजमगढ़। आज ही के दिन 25 जुलाई 2017 को तीन वर्षों से सहायक अध्यापक पद पर काम कर रहे शिक्षा मित्रों को उच्चतम न्यायालय के एक आदेश पर प्रदेश सरकार द्वारा सहायक अध्यापक पद से हटाते हुए पुनः शिक्षा मित्र पद पर रखते हुए वेतन 40 हजार से घटाकर 10 हजार कर दिया गया अपनी आवश्यकता बढ़ा चुके शिक्षा मित्रों के इतने अल्प आय मे परिवार चलाना दूभर हो गया। नौकरी की सुरक्षा में संसय एव आर्थिक तंगी से बेहाल विगत दो वर्षों मे हजार से अधिक शिक्षा मित्र असामयिक मृत्यु का शिकार हुए सिर्फ इस जुलाई मे दर्जन भर से अधिक शिक्षा मित्र काल के गाल मे समा गये।
शिक्षा मित्र नेता अनिल विश्वकर्मा मृत अपने साथियों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त एवं श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सरकार से सुरक्षित रोजगार एवं सम्मान जनक वेतन की मांग की जिससे आर्थिक तंगी एवं नौकरी की असुरक्षा के दबाव से हो रही लगातार मौतों को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा मे अपने जीवन का अमूल्य 20 वर्ष बिताने के बाद उम्र के इस पड़ाव पर नये रोजगार की तलाश करना आसान नही तथा महंगाई के इस दौर मे दस हजार मे परिवार चलाना भी सम्भव नही है इसलिए सरकार द्वारा तुरंत पहल करते सार्थक निर्णय लिया जाना चाहिए
23/07/2019 की सुनवाई के ऑर्डर हुआ अपलोड, नेक्स्ट हीयरिंग डेट भारांक पर 26 जुलाई
*👉*मुद्दा ए अवैध भारांक**
*👉*भारांक विरोधी टीम को मिली एक और कामयाबी**
*👉*23/07/2019 की सुनवाई के ऑर्डर हुआ अपलोड**
*👉*23 तारीख की सुनवाई भी रही सकारात्मक जिसमें सरकार को फिर से भेजा गया नोटिस**
*👉*जिसमें सरकार से मांगा गया काउंटर एफिडेविट**
*👉*टीम एक सफल रणनीति के तहत कार्य करने में हो रही लगातार सफल**
*👉*जल्द सफलता मिलने के मिल रहे हैं संकेत भारांक होगा कम**
*👉*भारांक विरोधी टीम की रणनीति के तहत एक और अपील पर 26/07/2019 को फिर से सभी को देखने को मिलेगी सुनवाई**
*👉*अंत में एक ही शब्द जो सत्य और अटल है जीत सुनिश्चित है बस थोड़ा धैर्य रखें**✍