परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के 72712 पद खाली

प्राथमिक में 63261, उच्च प्राथमिक में 9451 शिक्षकों की कमी

शहर व गांव के स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के 53778 पद हैं रिक्त

69000 सहायक अध्यापक भर्ती के बाद यह है स्थिति

बेसिक शिक्षा परिषद के 113289 प्राथमिक और 45625 उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 72,712 पद खाली हैं। पिछले तीन साल में 68500 और 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के बाद स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है।




प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 63261 पद रिक्त हैं। जून 2021 में ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में 51, 112 पद खाली थे जिसका हलफनामा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पिछले साल जून में ही लगा दिया था। इसके अलावा नगर क्षेत्र के स्कूलों में 12149 शिक्षकों की कमी है।

हालांकि नगर क्षेत्र का कैडर अलग होने के कारण इन पदों पर सीधी भर्ती नहीं होती। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक में प्रधानाध्यापकों के 53778 पद रिक्त होने की सूचना शासन को भेजी गई है।

नगर क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी

शहरी क्षेत्र के सरकारी स्कूल उपेक्षा के शिकार हैं। यहां बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली हैं। नगर क्षेत्र में सहायक अध्यापकों के स्वीकृत 13653 पदों के सापेक्ष मात्र 1524 ही कार्यरत हैं। कार्यरत शिक्षकों की तुलना में तकरीबन आठ गुना यानी 12129 पद रिक्त पड़े हैं। ग्रामीण से नगर क्षेत्र में शिक्षकों का स्थानांतरण 2011 के बाद से न होने और हर साल शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने से बदतर होती जा रही है।


उच्च प्राथमिक स्कूलों में सीधी भर्ती नहीं

परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में 9451 पद खाली हैं। लेकिन सरकार ने इन स्कूलों में सीधी भर्ती पर रोक लगा रखी है। 2013 में गणित और विज्ञान विषय के 29334 सहायक अध्यापकों की भर्ती के बाद से उच्च प्राथमिक में कोई भर्ती नहीं हुई है।


दो साल से शिक्षक भर्ती के लिए आंदोलित हैं बेरोजगार

बीएड / डीएलएड (पूर्व में बीटीसी) और टीईटी/सीटीईटी पास लाखों बेरोजगार दो साल से सरकार से नई भर्ती शुरू करने की मांग कर रहे हैं। दर्जनों बार ट्विटर पर अभियान चलाने के अलावा लखनऊ में धरना दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।

यूपी के एडेड जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों की भर्ती जल्द, CTET या UPTET पास होना होगा अनिवार्य, ऐसे बनेगी मेरिट

यूपी के एडेड जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों की भर्ती जल्द, CTET या UPTET पास होना होगा अनिवार्य, ऐसे बनेगी मेरिट

उत्तर प्रदेश के 3049 अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) जूनियर हाईस्कूलों में 1894 पदों पर भर्ती की तैयारी है। शिक्षा निदेशालय स्थित अपर निदेशक बेसिक कार्यालय की ओर से प्रधानाध्यापकों के 390 और सहायक अध्यापकों के 1504 पदों पर भर्ती का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन न होने के कारण परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के माध्यम से भर्ती के लिए लिखित परीक्षा कराई जाएगी।

सूत्रों के अनुसार फरवरी के दूसरे सप्ताह तक भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। प्रदेश सरकार ने 4 दिसंबर 2019 को उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त बेसिक स्कूल (जूनियर हाईस्कूल अध्यापकों की भर्ती और सेवा की शर्तें) के सातवें संशोधन को मंजूरी दी थी। उसके बाद तमाम कोशिशों के बावजूद भर्ती शुरू नहीं हो सकी।

इस बीच शिक्षकों की कमी को लेकर फतेहपुर के एक जूनियर हाईस्कूलों के प्रबंधक ने हाईकोर्ट में याचिका कर दी। जिस पर हाईकोर्ट गंभीर है। बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर जल्द भर्ती शुरू करने की तैयारी में है। पूर्व में चार हजार के आसपास रिक्त पद बताए जा रहे थे लेकिन आरटीई के मानकों के अनुरूप जिलों से रिक्तियां मंगाने के बाद 1894 पदों की जानकारी मिली है।
मेरिट के आधार पर होगी भर्ती
भर्ती के लिए लिखित परीक्षा अनिवार्य कर दी गई है। पहले स्कूल प्रबंधक बेसिक शिक्षाधिकारियों से अनुमोदन लेकर भर्ती करते थे। संशोधित नियमों के अनुसार शिक्षक भर्ती की मेरिट के लिए अभ्यर्थी के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक व प्रशिक्षण (बीटीसी/बीएड/या समकक्ष डिग्री) के लिए 10-10 प्रतिशत अंक मिलेंगे। 60 फीसदी अंक का अधिभार शिक्षक भर्ती परीक्षा में मिले अंकों पर मिलेगा। टीईटी या सीटीईटी में पास होना अनिवार्य है, इसके अंकों का कोई अधिभार नहीं मिलेगा।
क्लर्क और चपरासी की नहीं होगी भर्ती
इन स्कूलों में फिलहाल प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक की ही भर्ती की तैयारी है। क्लर्क और चपरासी की नियुक्ति नहीं होगी। स्कूल की साफ-सफाई परिषदीय स्कूलों की तरह ग्राम पंचायत व नगर निगम के सफाई कर्मियों से करवाई जाएगी।

बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के स्कूलों में 1 लाख 41 हजार शिक्षकों के पद खाली

बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के स्कूलों में 1 लाख 41 हजार शिक्षकों के पद खाली Teacher Vacancy

यूपी में बेसिक शिक्षा परिषद के 158914 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों और प्रधानाध्यापकों के 1.41 लाख से अधिक पद खाली हैं। परिषदीय शिक्षकों के अंतर जनपदीय तबादले के आंकड़ों से पता चलता है कि ये पद 69000 सहायक अध्यापक भर्ती को छोड़कर हैं। यदि इनमें 69000 रिक्त पद भी जोड़े जाएं तो खाली पदों की संख्या 2.10 लाख से अधिक हो जाएगी। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार यूपी के 113289 परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापक के 160533 पद और उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक व प्रधानाध्यापकों के कुल अनुमन्य पदों में से 50088 खाली हैं।

उच्च प्राथमिक स्कूलों में सीधी भर्ती पर रोक 
प्रदेश सरकार ने परिषदीय 45625 उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की सीधी भर्ती पर रोक लगा दी है। इससे पूर्व 2013 में विज्ञान और गणित के 29334 सहायक अध्यापकों की सीधी भर्ती शुरू हुई थी जिसके सभी पद भरने का मामला अब तक सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। उसके बाद सरकार ने सीधी भर्ती पर रोक लगाते हुए पदोन्नति से भरने का निर्णय लिया था। इसलिए इनमें खाली सहायक अध्यापकों के 48205 पदों पर भर्ती के कोई आसार नहीं है | प्रधानाध्यापकों के 1883 पद रिक्त हैं।

प्राथमिक स्कूलों में अनुमन्य पदों से अधिक प्रधानाध्यापक 
113289 परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में अनुमन्य पदों की तुलना में दोगुने से अधिक प्रधानाध्यापक हैं। आरटीई मानक के अनुसार प्राथमिक स्कूलों में 150 से अधिक बच्चे होने पर ही प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति होनी चाहिए | हालांकि जिन स्कूलों में पहले से प्रधानाध्यापक हैं उन्हें नहीं हटाने का आदेश सरकार ने कर रखा है। इस लिहाज से प्रधानाध्यापकों के 22444 पद अनुमन्य हैं लेकिन वर्तमान में 68191 प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं।

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