16,875 शिक्षकों को सम्मानित करेगी यूपी सरकार, शिक्षकों के सम्मान के लिए यह होगा मापंदड

बीते वर्षों में शिक्षण क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने, बच्चों में पढ़ाई के प्रति ललक पैदा करने और कोरोना काल में ऑनलाइन क्लास के संचालन में योगदान देने वाले शिक्षकों को योगी सरकार रविवार को सम्मानित करेगी। सरकार स्वाधीनता दिवस की 75वीं वर्षगांठ वर्ष के उपलक्ष्य में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती (शिक्षक दिवस पर) पर पांच सितंबर को सभी 75 जिलों में 75-75 शिक्षकों को सम्मानित करेगी। यानी बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग के कुल 16,875 शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, प्रधानाचार्य और प्राचार्य को सम्मानित किया जाएगा।

उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने साफ किया है कि जिला स्तर पर सम्मानित होने वाले शिक्षकों को अंग वस्त्र और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। लेकिन उन्हें राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए निर्धारित दो वर्ष का सेवा विस्तार, नकद पुरस्कार सहित अन्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा।

राज्य और मुख्यमंत्री पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षक भी होंगे सम्मानितयूपी के 75 जिलों के 75-75 शिक्षकों को सम्मानित करने के अलावा शिक्षक दिवस पर रविवार को राज्य अध्यापक पुरस्कार-2019 और मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार-2019 के लिए चयनित किए गए शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों और प्रधानाचार्यों को भी सम्मानित किया जाएगा। वहीं, बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए बीते वर्ष 73 शिक्षकों का चयन किया गया था। लेकिन, गत वर्ष पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के कारण सम्मान समारोह आयोजित नहीं हो सका।
चयनित शिक्षकों का अब जिला स्तर पर जिलाधिकारी की ओर से सम्मान किया जाएगा। बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग की ओर से पहले इस वर्ष राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित नहीं करने का निर्णय किया गया था। लेकिन, बाद में सत्तारूढ़ दल के विधायकों और सांसदों ने सरकार से शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए दबाव बना रहे थे। इसके बाद सरकार ने सम्मानित करने का फैसला लिया। माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय ने बताया कि माध्यमिक के चयनित शिक्षकों में से 50 प्रतिशत शिक्षक वित्तविहीन विद्यालयों और 50 प्रतिशत शिक्षक राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों से चयनित किए जाएंगे। शिक्षकों के सम्मान के लिए यह होगा मापंदड- बीते वर्षों में विद्यालय या अध्यापित विषय का परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट रहा हो।- प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य या शिक्षक का कार्य एवं व्यवहार उत्कृष्ट हो।- कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन की अवधि में शिक्षक द्वारा ऑनलाइन पठन-पाठन में उल्लेखनीय योगदान रहा हो।- विद्यालय में नामांकन में लगातार वृद्धि हो।- संबंधित शिक्षक को किसी मामले में डिबार या दंडित नहीं किया गया हो। उनके खिलाफ न्यायालय में कोई आपराधिक मामला विचाराधीन नहीं हो।- शिक्षक की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक का प्रयोग किया जाता हो। ई-पाठशाला जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया हो।- शिक्षक की ओर से विद्यालय में खेल, सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं सामाजिक महत्व के मुद्दों पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। 
शिक्षक दिवस पर सम्मानित होंगे आईटीआई के प्रशिक्षकराजकीय औद्योगिक संस्थानों (आईटीआई) के प्रशिक्षकों को शिक्षक दिवस के मौके पर पांच सितंबर को सम्मानित किया जाएगा। व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के निदेशक कुणाल सिल्कू ने प्रशिक्षकों को सम्मानित करने के कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। सभी मंडलीय संयुक्त निदेशक (प्रशिक्षु/शिशिक्षु) को इस बाबत निर्देश जारी किए गए हैं। सिल्कू ने कहा है कि प्रत्येक जिले के नोडल राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में शिक्षक दिवस के मौके पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इनमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाए। प्रत्येक जिले के सभी आईटीआई से कम से कम एक प्रशिक्षक को सम्मान के लिए चयनित किया जाएगा। किसी भी जिले में सम्मानित किए जाने वाले प्रशिक्षकों की संख्या पांच से कम नहीं होगी। 

शिक्षक दिवस पर सम्मानित नहीं होंगे अध्यापक, कोरोना की वजह से स्कूलों के ज्यादातर बंद रहने के चलते सरकार ने लिया निर्णय

लखनऊ। शिक्षक दिवस (5 सितंबर ) पर इस बार परिषदीय और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों को सम्मानित नहीं किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस बर्ष शिक्षक सम्मान समारोह न आयोजित करने का निर्णय किया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए प्रदेश के सभी शिक्षकों से आवेदन मांगे थे। इसी प्रकार माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार एबं वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों को मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए आबेदन मांगे थे। बेसिक शिक्षा विभाग में हर जिले से एक शिक्षक को सम्मानित किया जाना था। वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग में करीब 20 से अधिक शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। दोनों बिभागों में आवेदन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई और अंतिम चयन की प्रक्रिया चल रही है। इसी बीच सरकार ने इस वर्ष शिक्षक सम्मान समायेह आयोजित न करने का निर्णय किया है। सरकार का मानना है कि शैक्षिक सत्र 2021-22 में कोरोना से अधिकांश समय स्कूल बंद रहे और शिक्षण कार्य भी बाधित रहा। कक्षा 1 से लेकर 12 तक में बिना परीक्षा के ही विद्यार्थियों को प्रोनत किया गया है। विद्यालयों में शिक्षण कार्य नहीं हुआ है, जबकि शिक्षक सम्मान की पहली अर्हता पठन-पाठन है। लिहाजा इस साल शिक्षक सम्मान समारोह नहीं करने का निर्णय लिया गया है। बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेद्र विक्रम सिंह ने बताया कि इस वर्ष शिक्षक सम्मान समारोह नहीं होगा। इसका आदेश जारी कर दिया है। वहीं उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि गत शैक्षिक सत्र में स्कूलों में पढ़ाई तो हुई नहीं है। शिक्षक सम्मान के चयन कौ प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा। बीते वर्ष भी कोरोना के कारण शिक्षक सम्मान समारोह नहीं हुआ था।