यूपी बोर्ड हाई स्कूल और इंटर की परीक्षाओं का बदलेगा पैटर्न, तीन घंटे का पेपर दो भागों में होगा, क्लिक कर देखें क्या होंगे बड़े बदलाव

यूपी बोर्ड हाई स्कूल और इंटर की परीक्षाओं का बदलेगा पैटर्न, तीन घंटे का पेपर दो भागों में होगा, क्लिक कर देखें क्या होंगे बड़े बदलाव

हाई स्कूल और इंटर की परीक्षा का बदलेगा पैटर्न, तीन घंटे का पेपर दो भागों में होगा

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की योजना तैयार कर ली है। इसके तहत माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का पुनर्गठन कर इसे स्वायत्तशासी संस्था के रूप में स्थापित किया जाएगा। साथ ही हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्रों का पैटर्न भी बदल जाएगा।

तीन घंटे का पेपर दो भागों में बांटा जाएगा। पहला भाग एक घंटे का वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का होगा। यह 30 अंक का होगा, जिसे ओएमआर शीट पर हल करना होगा। प्रश्न पत्र का दूसरा भाग वर्णनात्मक होगा। यह 70 अंक का होगा और दो घंटे में हल करना होगा। प्रश्न पत्र में संबंधित विषय के उच्चतर चिंतन कौशल से संबंधित प्रश्न भी रखे जाएंगे। वहीं, विज्ञान और गृह विज्ञान विषय की वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र में 50 प्रतिशत प्रश्न प्रायोगिक गतिविधियों से संबंधित होंगे। विभाग ने इसकी योजना केंद्रीय मानव संसाधन विभाग को प्रस्तुत कर दी है।

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में टॉस्क फोर्स गठित करने के साथ हर मुद्दे पर प्रस्ताव तैयार करने के लिए स्टीयरिंग कमेटी गठित की थी। इससे मिले प्रस्तावों के आधार पर विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की योजना तैयार की है।
सत्र 2021-22 से लागू होगा नया पैटर्न
परीक्षा का नया पैटर्न 2021-22 से कक्षा 9 से लागू किया जाएगा। नए पैटर्न पर हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा वर्ष 2023 में जबकि इंटरमीडिएट की परीक्षा 2025 में होगी। बोर्ड परीक्षा के लिए वार्षिक, सेमेस्टर मॉडल पर भी विचार किया जाएगा।

सभी समितियों का होगा पुनर्गठन
विश्व की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को स्वायत्तशासी बनाकर अकादमिक प्रकोष्ठ को सुदृढ़ करने, बोर्ड की सभी समितियों को पुनर्गठित करते हुए नया रूप प्रदान करने की योजना है। समितियों में विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर्स और प्रतिष्ठित शिक्षाविदों को शामिल किया जाएगा। बोर्ड के मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों को तकनीकी रूप से सृदृढ़ करने के लिए वहां आईटी के समूह ‘ख’ और ‘ग’ के पदों का सृजन कर अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराए जाएंगे।

विभाग का मानना है कि बोर्ड का विकेंद्रीयकरण 1985 में किया गया था, अब 35 साल बाद वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप बोर्ड का विस्तार और विकेंद्रीयकरण भी किया जाना चाहिए।

खत्म होगी आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था
परीक्षा में आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था समाप्त करने की योजना है। विभाग का मानना है कि इससे परीक्षा की विश्वसनीयता व वैधता बढ़ेगी। अंकों के हेरफेर पर अंकुश लगेगा। बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र के कारण बच्चों को अधिक अंक लाने का अवसर मिलेगा और तनाव कम होगा।

प्रदर्शन सुधारने का मिलेगा मौका
हाई स्कूल परीक्षा वर्ष 2023 से साल में दो बार ली जाएगी। पहली बार परीक्षा निर्धारित समय पर होगी। दूसरी बार परीक्षा विद्यार्थियों के परीक्षाफल सुधार के लिए होगी।

मूल्यांकन का पैटर्न भी बदलेगा
माध्यमिक शिक्षा में कक्षा 9 से 12 तक परीक्षा का पैटर्न बदलने के साथ मूल्यांकन का पैटर्न भी बदला जाएगा। शिक्षकों को लघु उत्तरीय, दीर्घ उत्तरीय और बहु विकल्पीय प्रश्न पत्र तैयार करने के लिए कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। शैक्षिक सत्र 2021-22 से प्रशिक्षण शुरू किए जाएंगे। मूल्यांकन को योगात्मक से रचनात्मक की ओर लेकर जाएंगे। शिक्षकों को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

रटने की प्रवृत्ति कम की जाएगी
रटने की प्रवृत्ति कम करने के लिए ज्ञानात्मक प्रश्नों को कम किया जाएगा। बोधात्मक, अनुप्रयोगात्मक और कौशलात्मक प्रश्नों को वरीयता दी जाएगी। 20 प्रतिशत तक प्रश्न विश्लेषणात्मक होंगे।

स्कूलों की मैपिंग होगी
कक्षा 9 से विद्यार्थियों को विषयों के चयन में स्वतंत्रता देने के लिए 2021-22 से राजकीय और वित्त पोषित विद्यालयों की मैपिंग की जाएगी। विद्यालयों की भौतिक सुविधाओं, शिक्षकों की संख्या और स्थानीय मांग के अनुरूप विषय चयन की अनुमति दी जाएगी। विषय चयन की सुविधा को 2022-23 से लागू किया जाएगा।

कृषि विज्ञान विषय
प्रदेश में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को देखते हुए कृषि विषय को प्राथमिकता दी जाएगी। कृषि विषय का नाम कृषि विज्ञान रखा जाएगा।

सभी समितियों का होगा पुनर्गठन
विश्व की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को स्वायत्तशासी बनाकर अकादमिक प्रकोष्ठ को सुदृढ़ करने, बोर्ड की सभी समितियों को पुनर्गठित करते हुए नया रूप प्रदान करने की योजना है। समितियों में विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर्स और प्रतिष्ठित शिक्षाविदों को शामिल किया जाएगा।

बोर्ड के मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों को तकनीकी रूप से सृदृढ़ करने के लिए वहां आईटी के समूह ‘ख’ और ‘ग’ के पदों का सृजन कर अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराए जाएंगे। विभाग का मानना है कि बोर्ड का विकेंद्रीयकरण 1985 में किया गया था, अब 35 साल बाद वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप बोर्ड का विस्तार और विकेंद्रीयकरण भी किया जाना चाहिए।

Online All Document,UP Board CBSE Board Highschool Intermediate Graduation BTC BED TET CTET Super Tet Verification Links : ऑनलाइन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन लिंक्स

Online Document Verification Links : ऑनलाइन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन लिंक्स

Highschool & Intermediate

UP Board : 2003-2020
https://results.upmsp.edu.in/

CBSE Board : 2004-2020
http://cbseresults.nic.in/

BTC 2013 Batch in PDF
BTC 2014 Batch in PDF
http://www.examregulatoryauthorityup.in/RESULT.aspx

BTC 2015 Batch
http://btcexam.in

UPTET 2013 to 2018 in PDF
http://www.examregulatoryauthorityup.in/HOME.aspx

ATR 2019 (SuperTET)
http://atrexam.upsdc.gov.in/tet_regno.aspx

Graduation

AKTU / GBTU / UPTU : B.Tech
https://erp.aktu.ac.in/webpages/oneview/oneview.aspx

VBSPU Jaunpur
http://exam.vbspu.ac.in/result/index.html

Dr. B.R. AMBEDKAR UNIVERSITY AGRA.
https://dbrauaaems.in/OnlineStu_Verify_Login.aspx

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फेल छात्रों की मार्कशीट न लगाने पर स्कूलों की नामावली वापस

यूपी बोर्ड के निर्देशानुसार जिले के अधिकतर स्कूलों ने फेल छात्रों के अंकपत्रों की छाया प्रति नहीं जमा कराई है। बोर्ड ने ऐसे तीन सौ से अधिक स्कूलों की नामावली वापस कर दी है। उन्हें दो दिनों के अंदर नए सिरे से नामावली जमा करने को कहा गया है।

फेल छात्रों के नाम पर फर्जी परीक्षार्थियों को परीक्षा दिलाने का खेल बंद करने के लिए बोर्ड ने व्यवस्था बदली थी। सभी स्कूलों को निर्देश दिया था कि इस साल वे डीआईओएस कार्यालय में नामावली के साथ फेल छात्रों के अंकपत्र की छाया प्रति भी जमा करें।

इसमें विद्यालयों के अपने छात्रों के साथ दूसरे बोर्ड के वे फेल छात्र भी होंगे जिन्होंने उस विद्यालय में दाखिला लेकर फार्म भरे हैं। इन छात्रों को ‘न्यू’ की श्रेणी में रखा जाता है। जिले के 407 विद्यालयों में कुछ ने ही इस निर्देश का पालन किया है। तीन सौ से अधिक विद्यालयों की नामवाली वापस कर दी गई है।