नकल हुई तो जिलाधिकारी और डीआईओएस होंगे जिम्मेदार, मुख्यमंत्री ने कहा नकल विहीन परीक्षा कराने से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा

नकल हुई तो जिलाधिकारी और डीआईओएस होंगे जिम्मेदार, मुख्यमंत्री ने कहा नकल विहीन परीक्षा कराने से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा

नकल हुई तो जिलाधिकारी और डीआईओएस होंगे जिम्मेदार, मुख्यमंत्री ने कहा नकल विहीन परीक्षा कराने से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा
नकल हुई तो जिलाधिकारी और डीआईओएस होंगे जिम्मेदार, मुख्यमंत्री ने कहा नकल विहीन परीक्षा कराने से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा

उप्र / माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने किया तिथियों का ऐलान, सात फरवरी से चार मार्च तक चलेंगी परीक्षाएं

  • हाईस्कूल में पांच लाख जबकि इंटरमीडिएट की परीक्षा में चार लाख छात्रों की आई है कमी
  • सरकार का दावा – नकलविहीन परीक्षा कराने की वजह से घटी छात्रों की संख्या

 

  • लखनऊ. उत्तरप्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं की तिथियों का ऐलान कर दिया गया है। बोर्ड की परीक्षाएं सात फरवरी से शुरू होकर चार मार्च तक चलेंगी। इसकी घोषणा प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने की। उन्होंने बताया कि इस बार पिछले सत्र के मुकाबले पांच लाख छात्रों की कमी आई है।

दिनेश शर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में अबकी बार पंजीकृत छात्रों की संख्या में गिरावट आई है। 2018 के मुकाबले में पांच लाख छात्रों की कमी आई है। इस बार कुल पंजीकृत छात्रों की संख्या इक्कतीस लाख पंचानबे हजार छह सौ तीन है जबकि पिछली बार 36 लाख अभ्यर्थी पंजीकृत हुए थे।

इंटरमीडिएट परीक्षाओं में 4 लाख छात्र कम हुए हैं। इस बार कुल पंजीकृत छात्रों की संख्या 26 लाख 11 हजार तीन सौ उन्नीस जबकि पिछली बार कुल 30 लाख छात्र पंजीकृत हुए थे। बोर्ड की परीक्षा 7 फरवरी से शुरू होगी 4 मार्च को खत्म होगी। पहले 2 महीने से अधिक ये परीक्षा चलती थी। कई सौ करोड़ रुपये खर्च होते थे परीक्षा के आयोजन में। लेकिन इस बार होली व चुनाव को देखते हुए 7 फ़रवरी से परीक्षा शुरू की जा रही है। हमने विद्यार्थियों को आधार से भी लिंक किया है, जिससे नकल रुक सकेगी।

शर्मा ने बताया कि इस बार परीक्षा केंद्र ऑनलाइन किये गए हैं। इस बार 8354 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। 1314 संवेनशील 448 अतिसंवेनशील केंद्र चिन्हित किये गए हैं। शिक्षक परेशान न हो इसके इंतज़ाम किये गए हैं। उत्तर पुस्तिका बदली न जाये इसके लिए भी कोडिंग की गई है।

 

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