कार्यमुक्त हुए परीक्षक और प्रधान परीक्षक, अंक सीट सचिव शिक्षा परिषद कार्यालय भेजी गई

बजट का बोझ बढ़ाये बिना मांग हो गई पूरी, कॉपी प्रश्न पत्र व परीक्षा अवधि घटाकर बढ़ाया पारिश्रमिक

छात्र का इमोशनल अत्याचार: गुरुजी, अंग्रेजी में कमजोर हूं पास कर दो

यूपी बोर्ड की परीक्षा में अंक पाने के लिए छात्रों ने गुरुजनों पर इमोशनल अत्याचार का हथकंड़ा अपनाने से भी नहीं चूके हैं। राजधानी में मूल्यांकन के लिए आई कॉपी में तरह तरह से बहाने दिए गए हैं। राजकीय इंटर कॉलेज निशातगंज में हाईस्कूल अंग्रेजी की एक कॉपी के मूल्यांकन के दौरान एक गुरुजन को एक पत्र मिला। पत्र में लिखा गया,’ गुरुजी अंग्रेजी थोड़ी कमजोर है। अगर फेल हो गई तो शादी टूट जाएगी।  

मेरे पापा बहुत गुस्से वाले हैं। मुझे मार डालेंगे। प्लीज पास कर दो वरना मेरी हत्या का पाप आपको लगेगा।’इस मूल्यांकन केन्द्र पर एक दिन पहले गणित के कॉपी के मूल्यांकन के दौरान एक परीक्षक को पांच-पांच सौ रुपये के नोट मिले थे। 

कॉपी जांचने नहीं पहुंचे गुरुजन 
कॉपियां जांचने में गुरु जी का मन नहीं लग रहा है। बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन को शुरू हुए गुरुवार को पांच दिन हो गए हैं। लेकिन अभी भी करीब 45 प्रतिशत परीक्षक अनुपस्थित चल रहे हैं। तरह- तरह के बहाने बनाकर शिक्षक कॉपियां जांचने से बचना चाह रहे हैं। परीक्षकों की अनुपस्थिति से कॉपियों का मूल्यांकन समय पर होना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है। मूल्यांकन प्रकिया शुरू होने के 15 दिन के भीतर सभी कॉपियां चेक हो जानी चाहिए। राजकीय इण्टर कॉलेज निशातगंज में 1165 परीक्षक नियुक्त हुए हैं जिसमें से अभी तक केवल 499 परीक्षक ही कॉपी जॉचने पहुंचे हैं। वहीं अमीनाबाद इंटर कॉलेज में 1243 परीक्षक में से 741 परीक्षक ही पहुंचे हैं। राजकीय इण्टर कॉलेज हुसैनाबाद में 549 परीक्षक में से 305 परीक्षक आ रहे हैं। जुबली इण्टर कॉलेज में 606 परीक्षक में से 414 परीक्षक हीं कॉपी जांच रहे हैं।  

गृह विज्ञान के परीक्षकों की अधिक किल्लत : सबके अधिक किल्लत गृह विज्ञान के शिक्षकों की है। राजकीय इण्टर कॉलेज निशातगंज में 110 परीक्ष्कों की नियुक्ति हुई है जिसमें से सिर्फ 42 शिक्षक ही आ रहे हैं। वहीं हुसैनाबाद इंटर कॉलजे में गृहविज्ञान के 23 परीक्षकों में से अभी तक केवल सात परीक्षक ही कॉपियां जाचंने आ रहे हैं। 

कम पैसा मिलने से बना रहे दूरी : शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यूपी बोर्ड में कम पैसा होने कारण शिक्षक कॉपियां जॉचने से कतराते हैं। हाईस्कूल की एक कॉपी जॉचने में 11 रुपए और इण्डरमीडिएट के लिए 13 रुपए का भुगतान किया जा रहा है। जो कि बेहद कम है। वहीं अन्य बोर्ड में एक कॉपी के मूल्यांकन के लिए करीब 30 रुपए तक का भुगतान किया जाता है।