अंग्रेजी स्कूल में तैनाती के लिए हाईकोर्ट की शरण में शिक्षक, 13 जिलों में फंसी है तैनाती।
बेसिक शिक्षा परिषद के अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। जिले में सवा साल से तैनाती के लिए भटक रहीं प्रतिभा सिंह और 43 अन्य शिक्षकों ने शासनादेश के अनुरूप अंग्रेजी स्कूलों में तैनाती की गुहार लगाई है। इस मामले की अगली सुनवाई नौ नवंबर को होनी है।
चयनित शिक्षकों का तर्क है कि 29 मई को शासन ने अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में तैनाती पर रोक हटा ली थी। लेकिन इसके पांच महीने बाद भी प्रयागराज में तैनाती नहीं की गई है। जिले में सत्र 2019-20 में 110 प्राथमिक 24 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के चयन के लिए 25 मार्च 2019 तक आवेदन लिए गए थे।
16 मई को परीक्षा हुई और 26 जून से 1 जुलाई तक सफल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार हुआ। 31 अगस्त और 1 सितंबर 2019 को चयनित शिक्षकों से स्कूलों के विकल्प भराए गए। लेकिन इसके बाद तैनाती नहीं की गई। चयनित शिक्षकों ने कई बार बीएसए और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से वार्ता की तो हर बार अफसरों ने एक-दूसरे पर टाल दिया।
सवा साल बाद भी तैनाती नहीं होने से दु:खी शिक्षकों ने कोर्ट में याचिका कर दी। इससे पहले रामनाथपुर के ग्राम प्रधान और अन्य 5 प्रधान भी अपने गांव में इंग्लिश मीडियम स्कूल बनने के बावजूद शिक्षकों की नियुक्ति न होने को लेकर याचिकाएं कर चुके हैं।
13 जिलों में फंसी है तैनाती
प्रदेश के 13 जिलों में अंग्रेजी माध्यम परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में हजारों शिक्षकों की तैनाती फंसी है। अकेले प्रयागराज में ही लगभग 500 शिक्षक तैनाती का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा लखनऊ, मथुरा, फतेहपुर व बदायूं समेत 13 जिले हैं जहां तैनाती नहीं हो सकी है। प्रदेश में लगभग 15 हजार प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूल अंग्रेजी माध्यम से संचालित हैं।