कोरोना की तीसरी लहर पर सरकार ने दिखाई लाल झंडी, कहा- अगले 100 दिन…

नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य वीके पॉल ने शुक्रवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हाल ही में जारी की गई कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के बारे में चेतावनी वैश्विक स्थिति के लिए है। चेतावनी तीसरी लहर के संभावित प्रभाव की तरफ इशारा कर रही है। उन्होंने कहा, “डब्ल्यूएचओ के उत्तर और दक्षिण अमेरिकी क्षेत्रों को छोड़कर, अन्य सभी डब्ल्यूएचओ क्षेत्र अच्छे से बुरे और बुरे से बदतर की ओर बढ़ रहे हैं। दुनिया तीसरी लहर की ओर बढ़ रही है और यह एक सच्चाई है।”

आगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हमें इसे गंभीरता से यानी खतरे के तौर पर लेने के लिए कहा है। डॉ पॉल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस वार्ता के दौरान कहा पीएम ने हमें तीसरी लहर को रोकने का लक्ष्य दिया है और यह संभव है।

स्पेन में कोरोना के साप्ताहिक मामलों में 64 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। इसके अलावा नीदरलैंड में 300 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। थाईलैंड में लंबे समय से स्थिति स्थिर थी लेकिन अब यहां भी तेजी से नए मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अफ्रीका ने भी कोविड -19 मामलों में 50 प्रतिषत की वृद्धि देखी है। इसके अलावा म्यांमार, मलेशिया, इंडोनेशिया, बांग्लादेश में भी अब अभूतपूर्व उछाल देखने को मिल रहा है।

हम हर्ड इम्युनिटी से बहुत दूर हैं: डॉ. पॉल

प्रेस वार्ता के दारौन उन्होंने कहा, “हमारी आबादी अभी भी असुरक्षित है। हम हर्ड इम्युनिटी तक नहीं पहुंचे हैं– संक्रमण से भी नहीं; ऐसा नहीं है कि हम प्राकृतिक संक्रमण के जरिए हर्ड इम्यूनिटी हासिल करना चाहते हैं। हम टीकाकरण में निरंतर प्रगति कर रहे हैं। हमारी असुरक्षित आबादी का कम से कम 50 प्रतिशत टीकाकरण किया गया है। इसलिए हम अभी भी असुरक्षित हैं। हालांकि अभी स्थिति नियंत्रण में है और हमें इस स्थिति को बनाए रखना होगा।” डॉ पॉल ने कहा कि अगले 100 दिन महत्वपूर्ण होंगे।

वहीं, लव अग्रवाल ने कहा, “लहरें एक पोस्ट-फैक्टो मूल्यांकन हैं कि हम स्थिति को कैसे संभाल रहे हैं। लहरों की तीव्रता लहर की संख्या से अधिक महत्वपूर्ण है। इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह तीसरी लहर है या चौथी। यह वायरस और इंसान के बीच की प्राकृतिक संपर्क है।”

डॉ वीके पॉल ने कहा, ”हमारे टीके प्रभावकारी हैं और बहुत सुरक्षित हैं तथा पहले से किसी अन्य बीमारी से ग्रसित लोगों, गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अवश्य ही इसे लगवाना चाहिए। हालांकि, हम पूरी तरह से टीकों के भरोसे नहीं रह सकते हैं।

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